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UP: फर्जी डिग्री से शिक्षक ने पाई नौकरी...गंभीर आरोप के बाद रोका गया वेतन, अब लटकी बर्खास्तगी की तलवार
संवाद न्यूज एजेंसी, आगरा
Published by: धीरेन्द्र सिंह
Updated Thu, 24 Jul 2025 09:52 AM IST
सार
आगरा कॉलेज में भौतिक विज्ञान के शिक्षक डॉ. आनंद पांडेय पर गंभीर आरोप है। इसे देखते हुए उनका वेतन रोक दिया गया है।
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प्रबंध समिति की बैठक
- फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
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विस्तार
आगरा कॉलेज में भौतिक विज्ञान के शिक्षक डॉ. आनंद पांडेय को बर्खास्त किया जा सकता है। उन पर फर्जी डिग्री से नौकरी हासिल करने का आरोप है। फिलहाल वह कॉलेज नहीं आ रहे। उनके वेतन पर रोक है।
बुधवार को प्रबंध समिति की बैठक में अध्यक्ष एवं मंडलायुक्त शैलेंद्र कुमार सिंह ने शिक्षक के विरुद्ध आरोपपत्र जारी करने और तय समय में उसका जवाब नहीं मिलने पर बर्खास्तगी के निर्देश दिए हैं।
आगरा कॉलेज प्राचार्य डॉ. सीके गौतम ने मंडलायुक्त को बताया कि डाॅ. आनंद पांडेय लंबे समय से बिना कारण बताए अवकाश पर चल रहे हैं। उन्हें कई बार नोटिस भेजे गए। कोई जवाब नहीं मिला। उनके वेतन पर रोक लगाई जा चुकी है। बैठक में प्राचार्य ने कार्यों की सूची प्रस्तुत की। सबसे पहले अन्य अनुदानित महाविद्यालयों से आगरा काॅलेज में एकल स्थानांतरण के लिए प्राप्त आवेदनों पर विचार कर उन्हें अनापत्ति प्रमाणपत्र जारी करने का प्रस्ताव रखा गया। ऐसे कुल 9 अभ्यर्थी हैं। उनके रिक्त पदों पर रोस्टर श्रेणी के सापेक्ष अनापत्ति देने पर चर्चा की गई। मंडलायुक्त ने शासन की अधिसूचना एवं नियमावली के अनुसार प्रक्रिया संपन्न कराने के निर्देश दिए।
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बुधवार को प्रबंध समिति की बैठक में अध्यक्ष एवं मंडलायुक्त शैलेंद्र कुमार सिंह ने शिक्षक के विरुद्ध आरोपपत्र जारी करने और तय समय में उसका जवाब नहीं मिलने पर बर्खास्तगी के निर्देश दिए हैं।
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आगरा कॉलेज प्राचार्य डॉ. सीके गौतम ने मंडलायुक्त को बताया कि डाॅ. आनंद पांडेय लंबे समय से बिना कारण बताए अवकाश पर चल रहे हैं। उन्हें कई बार नोटिस भेजे गए। कोई जवाब नहीं मिला। उनके वेतन पर रोक लगाई जा चुकी है। बैठक में प्राचार्य ने कार्यों की सूची प्रस्तुत की। सबसे पहले अन्य अनुदानित महाविद्यालयों से आगरा काॅलेज में एकल स्थानांतरण के लिए प्राप्त आवेदनों पर विचार कर उन्हें अनापत्ति प्रमाणपत्र जारी करने का प्रस्ताव रखा गया। ऐसे कुल 9 अभ्यर्थी हैं। उनके रिक्त पदों पर रोस्टर श्रेणी के सापेक्ष अनापत्ति देने पर चर्चा की गई। मंडलायुक्त ने शासन की अधिसूचना एवं नियमावली के अनुसार प्रक्रिया संपन्न कराने के निर्देश दिए।
परिवीक्षा वाले शिक्षक होंगे स्थायी
आगरा काॅलेज में विभिन्न विभागों में अनुदानित पाठ्यक्रमों में नियुक्त शिक्षकों की परिवीक्षा अवधि पूर्ण होने पर उनके स्थायीकरण का रास्ता साफ हो गया है। बैठक में इस प्रस्ताव को सर्वसम्मति से स्वीकृति मिल गई। कार्यमुक्त शिक्षक डाॅ. ओम प्रकाश राय और डाॅ. विजय कुमार सिंह को विशेष अवकाश प्रदान करने पर सहमति बनी। छात्र-छात्राओं को चिकित्सीय परामर्श सुविधा के लिए एक चिकित्सक की संविदा पर नियुक्ति का प्रस्ताव भी स्वीकृत किया गया। मंडलायुक्त ने छात्र-छात्राओं की काउंसलिंग के लिए एक सेल बनाने के निर्देश दिए। काउंसलिंग के लिए मनोविज्ञान विभाग की शिक्षिका डॉ. पूनम को नामित किया गया।
आगरा काॅलेज में विभिन्न विभागों में अनुदानित पाठ्यक्रमों में नियुक्त शिक्षकों की परिवीक्षा अवधि पूर्ण होने पर उनके स्थायीकरण का रास्ता साफ हो गया है। बैठक में इस प्रस्ताव को सर्वसम्मति से स्वीकृति मिल गई। कार्यमुक्त शिक्षक डाॅ. ओम प्रकाश राय और डाॅ. विजय कुमार सिंह को विशेष अवकाश प्रदान करने पर सहमति बनी। छात्र-छात्राओं को चिकित्सीय परामर्श सुविधा के लिए एक चिकित्सक की संविदा पर नियुक्ति का प्रस्ताव भी स्वीकृत किया गया। मंडलायुक्त ने छात्र-छात्राओं की काउंसलिंग के लिए एक सेल बनाने के निर्देश दिए। काउंसलिंग के लिए मनोविज्ञान विभाग की शिक्षिका डॉ. पूनम को नामित किया गया।
कई कोर्सों को मिली हरी झंडी
काॅलेज में स्ववित्त पोषित योजना के तहत एमबीए, एमसीए, बीएससी कंप्यूटर साइंस, स्नातक व स्नातकोत्तर पत्रकारिता एवं जनसंचार, एमए समाज शास्त्र, स्नातक व स्नातकोत्तर गृह विज्ञान और स्नातकोत्तर संगीत विभाग के कोर्स शुरू कराने के लिए संबद्धता प्रक्रिया शुरू करने का प्रस्ताव रखा गया। मंडलायुक्त ने स्वीकृति प्रदान करते हुए कहा कि एमएसडब्लू का कोर्स भी शुरू कराया जाए। इसके अलावा विवादों में पैरवी और विधिक खर्च के मद में 10 लाख रुपये तक का प्रावधान किया गया है।
काॅलेज में स्ववित्त पोषित योजना के तहत एमबीए, एमसीए, बीएससी कंप्यूटर साइंस, स्नातक व स्नातकोत्तर पत्रकारिता एवं जनसंचार, एमए समाज शास्त्र, स्नातक व स्नातकोत्तर गृह विज्ञान और स्नातकोत्तर संगीत विभाग के कोर्स शुरू कराने के लिए संबद्धता प्रक्रिया शुरू करने का प्रस्ताव रखा गया। मंडलायुक्त ने स्वीकृति प्रदान करते हुए कहा कि एमएसडब्लू का कोर्स भी शुरू कराया जाए। इसके अलावा विवादों में पैरवी और विधिक खर्च के मद में 10 लाख रुपये तक का प्रावधान किया गया है।