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UP Budget 2025: आठ हजार करोड़ का बजट, लेकिन अधूरी रह गई 60 गांव के लिए नई नहर की आस
अमर उजाला न्यूज नेटवर्क, आगरा
Published by: धीरेन्द्र सिंह
Updated Fri, 21 Feb 2025 11:02 AM IST
सार
प्रदेश सरकार ने आठ हजार करोड़ का बजट पेश किया, लेकिन फतेहपुर सीकरी के 60 गांव के लिए नई नहर की आस अधूरी रह गई।
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फतेहपुर सीकरी
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
योगी सरकार के नए बजट में सबके लिए कुछ न कुछ मिला। लेकिन, फतेहपुर सीकरी सीमा पर 70 हजार से अधिक किसानों की सिंचाई का संकट नहीं टला। 60 गांव के लिए नई नहर की आस फिर अधूरी रह गई।
बजट 2025-26 में नई नहर निर्माण के लिए एक रुपया नहीं मिला। इस नहर के लिए लंबे समय से जनप्रतिनिधियों से लेकर किसान मांग करते रहे हैं। राजस्थान सीमा से सटे फतेहपुर सीकरी क्षेत्र में 60 गांव में करीब 10 हजार हेक्टेयर से अधिक कृषि भूमि सिंचाई के इंतजार में बंजर हो रही है। बृहस्पतिवार को पेश हुए बजट से किसानों को नई नहर निर्माण के लिए बजट की आस थी।
पानी की कमी से छोड़ा था नगर
जिस फतेहपुर सीकरी नगर को मुगल बादशाह अकबर ने करीब 500 साल पहले बसाया था। उसे बसाने के बाद पानी की कमी के कारण ही अकबर को यह नगर छोड़ना पड़ा था। हालांकि अकबर ने यहां 50 से अधिक बाबड़ियां भी बनवाईं थीं।
कहां जाएं किसान
किसान नेता सोमवीर यादव ने बताया कि बजट में सिंचाई प्रणालियों के निर्माण के लिए कोई प्रावधान नहीं है। किसान कहां जाए। सरकार की सम्मान निधि से पेट नहीं भरेगा। खेती-बाड़ी ही किसान का रोजगार है।
30 महीने दिया धरना
किसान नेता चौधरी दिलीप सिंह ने बताया कि नई नहर निर्माण के लिए 30 महीने तक सिंचाई विभाग में धरना-प्रदर्शन किया। सिंचाई अधिकारी कार्ययोजना बना रहे हैं, लेकिन बजट में कोई प्रावधान नहीं होने से निराशा हुई है।
बिन पानी सब सून
किसान नेता श्याम सिंह चाहर का कहना है कि सिंचाई के लिए पानी नहीं होगा तो खेत बंजर पड़े रहेंगे। बिन पानी सब सून है। सरकार से मांग है कि जल्द से जल्द अलग से नई नहर के लिए बजट की घोषणा की जाए।
नहर से ही होगा विकास
प्रगतिशील कृषक सोबरन सिंह ने बताया कि सीमा पर सटे गांव के लिए नई नहर का निर्माण होने से सीकरी का विकास होगा। हरियाली आएगी। किसान खुशहाल होगा। रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे। नहर का निर्माण होना जरूरी है।
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बजट 2025-26 में नई नहर निर्माण के लिए एक रुपया नहीं मिला। इस नहर के लिए लंबे समय से जनप्रतिनिधियों से लेकर किसान मांग करते रहे हैं। राजस्थान सीमा से सटे फतेहपुर सीकरी क्षेत्र में 60 गांव में करीब 10 हजार हेक्टेयर से अधिक कृषि भूमि सिंचाई के इंतजार में बंजर हो रही है। बृहस्पतिवार को पेश हुए बजट से किसानों को नई नहर निर्माण के लिए बजट की आस थी।
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पानी की कमी से छोड़ा था नगर
जिस फतेहपुर सीकरी नगर को मुगल बादशाह अकबर ने करीब 500 साल पहले बसाया था। उसे बसाने के बाद पानी की कमी के कारण ही अकबर को यह नगर छोड़ना पड़ा था। हालांकि अकबर ने यहां 50 से अधिक बाबड़ियां भी बनवाईं थीं।
कहां जाएं किसान
किसान नेता सोमवीर यादव ने बताया कि बजट में सिंचाई प्रणालियों के निर्माण के लिए कोई प्रावधान नहीं है। किसान कहां जाए। सरकार की सम्मान निधि से पेट नहीं भरेगा। खेती-बाड़ी ही किसान का रोजगार है।
30 महीने दिया धरना
किसान नेता चौधरी दिलीप सिंह ने बताया कि नई नहर निर्माण के लिए 30 महीने तक सिंचाई विभाग में धरना-प्रदर्शन किया। सिंचाई अधिकारी कार्ययोजना बना रहे हैं, लेकिन बजट में कोई प्रावधान नहीं होने से निराशा हुई है।
बिन पानी सब सून
किसान नेता श्याम सिंह चाहर का कहना है कि सिंचाई के लिए पानी नहीं होगा तो खेत बंजर पड़े रहेंगे। बिन पानी सब सून है। सरकार से मांग है कि जल्द से जल्द अलग से नई नहर के लिए बजट की घोषणा की जाए।
नहर से ही होगा विकास
प्रगतिशील कृषक सोबरन सिंह ने बताया कि सीमा पर सटे गांव के लिए नई नहर का निर्माण होने से सीकरी का विकास होगा। हरियाली आएगी। किसान खुशहाल होगा। रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे। नहर का निर्माण होना जरूरी है।