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Agra News: डिजिटल, तकनीक और काैशल पर ध्यान दें युवा
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आगरा। डॉ. भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय के जेपी सभागार में ''विकसित भारत-विकसित उत्तर प्रदेश 2047'' विषय पर संवाद एवं संकल्प कार्यशाला का आयोजन किया गया। इसमें मुख्य अतिथि के रूप में सीएम योगी आदित्यनाथ के सलाहकार एवं सेवानिवृत्त आईएएस केवी राजू मुख्य उपस्थित रहे। अध्यक्षता कुलपति प्रो. आशु रानी, जबकि संचालन डॉ. नीलू सिन्हा ने किया।
प्रमुख सचिव तकनीकी शिक्षा डॉ. हरिओम ने मैथिलीशरण गुप्त की पंक्तियां हम कौन थे, क्या हो गए और क्या होंगे, आओ विचारें आज ये समस्याएं सभी से अपने वक्तव्य की शुरुआत की। उन्होंने कहा कि आप युवा जेन जी हैं, हम जेन एक्स थे और अब आने वाले जेन एल्फा हैं। युवाओं को बताया कि सरकारी नौकरियां केवल 12–13 प्रतिशत तक सीमित हैं, जबकि 85 प्रतिशत रोजगार कौशल आधारित हैं इसलिए डिजिटल, तकनीक और सॉफ्ट स्किल्स में ध्यान देना जरूरी है।
अब तक देश को विकासशील कहा जाता है और आज भी यह विकसित नहीं हैं। इसे विकसित करने में सबसे अहम भूमिका युवाओं की रहेगी। इसलिए सभी अपना अहम योगदान दें और 2047 तक विकसित प्रदेश बनाएं।
कुलपति प्रो. आशु रानी ने कहा कि परिवर्तन सामूहिक प्रयास से ही संभव है। विश्वविद्यालय “युवा स्तंभ” पर ध्यान दे रहा है। उन्होंने छात्रों को स्थानीय व्यवसायों में इंटर्नशिप और नवाचार की ओर प्रेरित किया। विकसित भारत की आधारशिला युवा, महिला और किसान हैं। अगर यह बिखर गए तो मानवता की जीत नहीं हो सकती। उन्होंने छात्रों को प्रोत्साहित किया और कहा कि इंटर्नशिप से इनोवेशन तक का सफर छात्रों को स्वयं तय करना होगा।
कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में प्रदीप भटनागर, योगेश पवार, यूएन सिंह, जिलाधिकारी अरविंद मलप्पा बंगारी एवं मुख्य विकास अधिकारी प्रतिभा सिंह मौजूद रहे।
बेसिक शिक्षा विभाग के जितेंद्र गौड़ ने बताया कि 2017 से अब तक 20,000 बच्चों को शिक्षा उपलब्ध कराई गई है। विजन 2047 के अंतर्गत हर न्याय पंचायत में सीएम मॉडल कंपोजिट और अभ्युदय स्कूल की स्थापना की योजना है। माध्यमिक शिक्षा विभाग के अनिरुद्ध यादव ने ‘प्रोजेक्ट अलंकार’ के तहत 41 नए इंटर कॉलेज, 215 राजकीय हाई स्कूल, 480 पुस्तकालय कक्ष और 272 प्रयोगशालाओं की स्थापना की जानकारी दी। विजन 2047 के अंतर्गत हर विद्यालय को ज्ञान-कौशल का केंद्र बनाने की बात कही। तकनीकी शिक्षा विभाग से संदीप पांचाल ने बताया कि विजन 2047 में हर तहसील में पॉलिटेक्निक और एआई, रोबोटिक्स, ग्रीन टेक्नोलॉजी आधारित रोजगार पाठ्यक्रम शुरू करने का लक्ष्य है। व्यावसायिक शिक्षा विभाग के प्रो. अमित ठाकरे ने बताया कि टाटा के सहयोग से दो आईटीआई को आधुनिक बनाया गया है। विश्वविद्यालय के आंतरिक गुणवत्ता आश्वासन प्रकोष्ठ प्रमुख प्रो. संजय चौधरी ने बताया कि विजन 2047 में विश्वविद्यालय स्किल डेवलपमेंट, इंडस्ट्री-ओरिएंटेड प्रोग्राम आदि शोध पर कार्य करेगा।
कार्यशाला में लगभग 250 प्रतिभागियों ने क्यूआर कोड के माध्यम से सुझाव बताए। शिक्षकों ने भी अपने विचार साझा किए। किसी ने पर्यटन विकास, सोशल मीडिया प्रचार, माध्यमिक विद्यालय में स्किल ट्रेड, इंटर्नशिप, प्राथमिक विद्यालय में जर्जर इमारतों के नवीनीकरण की मांग आदि सुझाव दिए। इस दौरान कुलसचिव डॉ. अजय मिश्रा, प्रो. बीएस शर्मा और प्रो. बृजेश रावत, डॉ. पूनम तिवारी, डॉ. रीता निगम, प्राचार्य प्रो. विजय श्रीवास्तव, प्रो. एसपी सिंह, प्रो. रामवीर सिंह चौहान, प्रो. मनु प्रताप, डॉ. जाग्रति असीजा आदि की उपस्थिति रही।

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प्रमुख सचिव तकनीकी शिक्षा डॉ. हरिओम ने मैथिलीशरण गुप्त की पंक्तियां हम कौन थे, क्या हो गए और क्या होंगे, आओ विचारें आज ये समस्याएं सभी से अपने वक्तव्य की शुरुआत की। उन्होंने कहा कि आप युवा जेन जी हैं, हम जेन एक्स थे और अब आने वाले जेन एल्फा हैं। युवाओं को बताया कि सरकारी नौकरियां केवल 12–13 प्रतिशत तक सीमित हैं, जबकि 85 प्रतिशत रोजगार कौशल आधारित हैं इसलिए डिजिटल, तकनीक और सॉफ्ट स्किल्स में ध्यान देना जरूरी है।
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अब तक देश को विकासशील कहा जाता है और आज भी यह विकसित नहीं हैं। इसे विकसित करने में सबसे अहम भूमिका युवाओं की रहेगी। इसलिए सभी अपना अहम योगदान दें और 2047 तक विकसित प्रदेश बनाएं।
कुलपति प्रो. आशु रानी ने कहा कि परिवर्तन सामूहिक प्रयास से ही संभव है। विश्वविद्यालय “युवा स्तंभ” पर ध्यान दे रहा है। उन्होंने छात्रों को स्थानीय व्यवसायों में इंटर्नशिप और नवाचार की ओर प्रेरित किया। विकसित भारत की आधारशिला युवा, महिला और किसान हैं। अगर यह बिखर गए तो मानवता की जीत नहीं हो सकती। उन्होंने छात्रों को प्रोत्साहित किया और कहा कि इंटर्नशिप से इनोवेशन तक का सफर छात्रों को स्वयं तय करना होगा।
कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में प्रदीप भटनागर, योगेश पवार, यूएन सिंह, जिलाधिकारी अरविंद मलप्पा बंगारी एवं मुख्य विकास अधिकारी प्रतिभा सिंह मौजूद रहे।
बेसिक शिक्षा विभाग के जितेंद्र गौड़ ने बताया कि 2017 से अब तक 20,000 बच्चों को शिक्षा उपलब्ध कराई गई है। विजन 2047 के अंतर्गत हर न्याय पंचायत में सीएम मॉडल कंपोजिट और अभ्युदय स्कूल की स्थापना की योजना है। माध्यमिक शिक्षा विभाग के अनिरुद्ध यादव ने ‘प्रोजेक्ट अलंकार’ के तहत 41 नए इंटर कॉलेज, 215 राजकीय हाई स्कूल, 480 पुस्तकालय कक्ष और 272 प्रयोगशालाओं की स्थापना की जानकारी दी। विजन 2047 के अंतर्गत हर विद्यालय को ज्ञान-कौशल का केंद्र बनाने की बात कही। तकनीकी शिक्षा विभाग से संदीप पांचाल ने बताया कि विजन 2047 में हर तहसील में पॉलिटेक्निक और एआई, रोबोटिक्स, ग्रीन टेक्नोलॉजी आधारित रोजगार पाठ्यक्रम शुरू करने का लक्ष्य है। व्यावसायिक शिक्षा विभाग के प्रो. अमित ठाकरे ने बताया कि टाटा के सहयोग से दो आईटीआई को आधुनिक बनाया गया है। विश्वविद्यालय के आंतरिक गुणवत्ता आश्वासन प्रकोष्ठ प्रमुख प्रो. संजय चौधरी ने बताया कि विजन 2047 में विश्वविद्यालय स्किल डेवलपमेंट, इंडस्ट्री-ओरिएंटेड प्रोग्राम आदि शोध पर कार्य करेगा।
कार्यशाला में लगभग 250 प्रतिभागियों ने क्यूआर कोड के माध्यम से सुझाव बताए। शिक्षकों ने भी अपने विचार साझा किए। किसी ने पर्यटन विकास, सोशल मीडिया प्रचार, माध्यमिक विद्यालय में स्किल ट्रेड, इंटर्नशिप, प्राथमिक विद्यालय में जर्जर इमारतों के नवीनीकरण की मांग आदि सुझाव दिए। इस दौरान कुलसचिव डॉ. अजय मिश्रा, प्रो. बीएस शर्मा और प्रो. बृजेश रावत, डॉ. पूनम तिवारी, डॉ. रीता निगम, प्राचार्य प्रो. विजय श्रीवास्तव, प्रो. एसपी सिंह, प्रो. रामवीर सिंह चौहान, प्रो. मनु प्रताप, डॉ. जाग्रति असीजा आदि की उपस्थिति रही।