अमर उजाला शिक्षक सम्मान 2025: सम्मान पाकर शिक्षकों के खिले चेहरे, विद्यार्थियों ने चुने थे अपने प्रिय शिक्षक
स्कूलों में मतदान प्रक्रिया से विद्यार्थियों द्वारा चुने गए प्रिय शिक्षक-शिक्षिकाएं सम्मान पाकर उत्साहित दिखे। अतिथियों ने सम्मानित शिक्षकों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि यह सम्मान शिक्षकों के परिश्रम का परिणाम है।
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अमर उजाला और मंगलायतन विश्वविद्यालय के बैनर तले हुए अमर उजाला शिक्षक सम्मान 2025 कार्यक्रम में सम्मान पाकर शिक्षकों के चेहरे खिल गए। इन शिक्षकों को विद्यार्थियों ने मतदान करके चुना था। मुख्य अतिथि एएमयू कुलपति प्रो. नईमा खातून, अति विशिष्ट अतिथि मंडलायुक्त संगीता सिंह, मंगलायतन विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. पीके दशोरा, कुलसचिव ब्रिगेडियर समरवीर सिंह ने 200 शिक्षकों को प्रमाणपत्र-स्मृति चिह्न प्रदान किए।
18 नवंबर को विश्वविद्यालय के सभागार में जिलेभर के स्कूलों में मतदान प्रक्रिया से विद्यार्थियों द्वारा चुने गए प्रिय शिक्षक-शिक्षिकाएं सम्मान पाकर उत्साहित दिखे। अतिथियों ने सम्मानित शिक्षकों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि यह सम्मान शिक्षकों के परिश्रम का परिणाम है।
मंगलायतन विश्वविद्यालय के कुलसचिव ब्रिगेडियर समरवीर सिंह ने शिक्षकों से कहा कि नई पीढ़ी को सुसंस्कारित, सुयोग्य बनाने के लिए बिना थके और बिना रुके काम करना होगा। पूरी ईमानदारी और जोश के साथ काम करना है। इस अवसर पर प्रो. राजीव शर्मा, प्रो. सौरभ कुमार, मयंक प्रताप आदि मौजूद रहे।
पहले से कहीं अधिक शिक्षक की भूमिका हुई महत्वपूर्ण : प्रो. नईमा
एएमयू के कुलपति प्रो. नईमा खातून ने कहा कि आज की दुनिया बहुत तेजी से बदल रही है। एआई ने सीखने और सिखाने के तरीकों में गहरा परिवर्तन ला दिया है। बच्चों के सामने असीमित जानकारी उपलब्ध है। इसलिए आज शिक्षक की भूमिका पहले से कहीं अधिक महत्वपूर्ण हो गई है। अब शिक्षक केवल जानकारी देने वाला व्यक्ति नहीं रहा। वह मार्गदर्शक है, दिशा दिखाने वाला है, मूल्य सिखाने वाला है। एआई जानकारी दे सकता है, लेकिन निर्णय नहीं दे सकता। एआई उत्तर दे सकता है, लेकिन जीवन का अनुभव नहीं दे सकता। संवेदनशीलता और नैतिकता केवल शिक्षक ही दे सकता है।
उन्होंने कहा कि जिन्हें (शिक्षक) सम्मानित किया जा रहा है। यह उपलब्धि केवल एक पुरस्कार नहीं, बल्कि निष्ठा, परिश्रम और विद्यार्थियों के प्रति प्रेम का प्रमाण है। किसी भी समाज को आगे बढ़ाने का असली श्रेय शिक्षक को जाता है। शिक्षक एक दिन के लिए नहीं पढ़ाता, वह पीढ़ियां बनाता है। उसके भीतर वह शक्ति होती है कि वह बच्चे को सपने दिखाए और सपनों को हकीकत में बदलने का साहस भी दे। इसलिए शिक्षक का सम्मान वास्तव में भविष्य का सम्मान है।
बच्चों के दिलों में विश्वास की एक अटूट नींव खड़ी कर दी है शिक्षकों ने : संगीता सिंह
मंडलायुक्त संगीता सिंह ने कहा कि सुंदर आयोजन के लिए अमर उजाला का आभार। उन्हें यह जानकार अच्छा लगा कि प्रिय शिक्षकों को बच्चों ने चुना है। वाकई आप अच्छा कर रहे होंगे, तभी बच्चों ने चुना है। वरना, स्कूल में बच्चों को कोई भी शिक्षक प्रिय नहीं होता है। जिस शिक्षक को बच्चे अपना प्रिय चुन लें, समझिए उसने ज्ञान ही नहीं, बल्कि अपने व्यक्तित्व और कर्म से बच्चों के दिलों में विश्वास की एक अटूट नींव खड़ी कर दी है। शिक्षक वह नींव होते हैं, जिन पर पीढ़ी की इमारत खड़ी होती है। उन्होंने कहा कि शिक्षक वह प्रकाश हैं, जिनकी किरणों से न सिर्फ कक्षाएं उज्ज्वल होती हैं, बल्कि पूरी पीढ़ी का भविष्य भी प्रकाशित होता है। सम्मानित शिक्षकों को हार्दिक बधाई देती हैं।
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