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Aligarh News: छोटी सी दुकान पर बैंक अधिकारियों ने दे दी करोड़ों की ओवरड्राफ्ट सुविधा
संवाद न्यूज एजेंसी, अलीगढ़
Updated Thu, 18 Sep 2025 02:30 AM IST
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एचडीएफसी बैंक के साथ हुए पांच करोड़ रुपये के फ्रॉड में बैंक अधिकारियों की भूमिका को भी पुलिस संदिग्ध मान रही है। समोसे और मिठाई की छोटी सी दुकान पर उसे करोड़ों रुपये की ओवरड्राफ्ट सुविधा दे दी गई। मामला पकड़ में आया तो भी इसे दबाने में बैंक अधिकारी जुटे रहे और आरोपी आकाश पर रुपये जमा कराने के लिए दबाव बनाते रहे।
चौंकाने वाली बात यही है कि इस मामले को उजागर भी बैंक अधिकारियों ने नहीं, बल्कि पुलिस ने किया। दरअसल, अचानक आकाश के पास रुपया आने की जानकारी उसी के एक परिचित ने पुलिस को दी।
पुलिस की टीमें बैंक की बस स्टैंड शाखा में जांच करने पहुंचीं, तब हल्ला मचा और बैंक के क्लस्टर हेड ने थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई। पुलिस के जांच शुरू करने के बाद ही आकाश के खातों के अलावा जिन खातों में उसने पैसा ट्रांसफर किया गया, उन्हें फ्रीज किया गया। एसपी ने मंगलवार को इस पूरे प्रकरण की जानकारी दी और बताया कि आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया।
आकाश ने गत 24 अगस्त को 50 लाख रुपये ओवरड्राफ्ट के जरिये निकाले, फिर 11 दिन बाद चार सितंबर को इतनी ही धनराशि के लगातार नौ ट्रांजेक्शन किए। हर निकासी का मेल भी बैंक के अधिकारियों के पास पहुंचा। पहले मेल पर भी किसी ने ध्यान नहीं दिया और उसके खाते पर रोक तक नहीं लगाई। इसके बाद उसने नौ सितंबर को साढ़े चार करोड़ रुपये की निकासी कर ली। चार सितंबर के बाद उस पर रुपये जमा कराने के लिए दबाव बनाया गया।
बुधवार को आकाश के विष्णपुरी आवास पर कोई नहीं था। पड़ोसियों ने बताया कि पिछले कुछ दिनों में तीन बार बैंक के एक अधिकारी आकाश के घर के चक्कर लगा चुके हैं। उस पर रुपया जमा करने के लिए दबाव बनाया जा रहा था, आकाश और उनके बीच नोकझोंक भी हुई।
पुलिस अधीक्षक चिंरजीवनाथ सिन्हा ने बताया कि इस मामले में एचडीएफसी बैंक अधिकारी व कर्मचारियों की भूमिका भी संदिग्ध के घेरे में हैं। विवेचना में बैंक नियमों से लेकर अन्य बिंदुओं को शामिल किया जा रहा है।
बैंक अधिकारियों ने सत्यापन में बरती लापरवाही
हाथरस। आकाश की मां चामुंडा देवी स्वीट्स के नाम से विष्णुपुरी में ही दुकान है। दुकान भी उसकी अपनी नहीं, बल्कि किराये की है, उसका कारोबार इतना नहीं है कि उसे करोड़ों के ओवरड्राफ्ट की सुविधा दी जा सके। पुलिस की प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि बैंक अधिकारियों ने स्थलीय सत्यापन करने में लापरवाही बरती है।
बैंक के नियमों की बात करें तो बैंक में फर्म का चालू खाता खेलने के लिए उद्यम रजिस्ट्रेशन, जीएसटी, टैक्स रिटर्न संबंधी दस्तावेज, आधार कार्ड, पेन कार्ड लगाया जाता है। साथ ही बैंक की ओर से अधिकारी व कर्मचारी इस फर्म पर जाकर स्थलीय निरीक्षण करता है। स्थलीय निरीक्षण में प्राप्त संबंधित दस्तावेजों का सत्यापन करने के बाद चालू खाता खोला जाता है और ओवरड्राफ्ट की सुविधा दी जाती है।
पुलिस के अनुसार अब तक की जांच में साफ हुआ है कि केवल बैलेंस शीट के आधार पर यह सुविधा दे दी गई। इस संबंध में शाखा प्रबंधक से बात करने की कोशिश की, लेकिन उन्होंने बैंक के रिलेशनशिप मैनेजर का नंबर दिलवा दिया। रिलेशन मैनेजर का कहना है कि जो भी प्रकरण है, उसकी एफआईआर दर्ज करा दी गई है। इसके अलावा उन्हें कुछ नहीं कहना है। संवाद
आकाश ने पांच बैंकों में खोल रखे थे खाते
पुलिस की जांच में सामने आया है कि एचडीएफसी बैंक मंडी समिति की ब्रांच में सबसे पहले आकाश ने खाता खोला था। इसके बाद आकाश ने अपनी मां का खाता एक्सिस बैंक में खोला। एचडीएफसी बैंक की बस स्टैंड शाखा में फर्म के नाम पर चालू खाता खोला। निकासी से पूर्व एयरटेल बैंक, फेडरल बैंक और बजाज फिन्सर्व में भी खाते खोले। ओवर ड्राफ्ट से पैसे निकालकर इन खातों के जरिये पैसों का निवेश शुरू किया।
स्पोर्ट्स बाइक और कार से घूमने लगा था आकाश
पैसा आते ही बदल गया था लाइफ स्टाइल
हाथरस। विष्णुपुरी का रहने वाला आकाश महज 35-40 वर्ग गज के मकान में रहता है, वह भी जर्जर अवस्था में है। कुछ दिन पहले ही उसने स्पोर्ट्स बाइक भी ली थी, एक कार भी उसके पास आ गई थी, जिनसे वह अक्सर घूमता रहता था।
कुछ दिन पहले तक मोहल्ले में ही किराये की दुकान में मिठाई और समोसे बेचकर गुजर बसर कर रहा था।एक छोटा भाई और मां भी साथ ही रहती है।
मोहल्ले को लोगों का कहना है कि मासूम से दिखने वाले आकाश के हावभाव पिछले 15-20 दिनों से बदल गए थे। पौने तीन लाख रुपये की बाइक लाया तो उन्होंने सोचा कि फाइनेंस कराकर ली होगी, लेकिन जब पुलिस आई तो समझ आया कि उसने कुछ गड़बड़ की है। उसके पास एक कार भी आ गई थी, यह उसकी है या किसी और की, इसकी जानकारी मोहल्ले के लोगों को नहीं है।
इस तरह ठिकाने लगाई रकम
पुलिस के अनुसार आकाश ने 1.5 करोड़ रुपये म्यूचुअल फंड में लगाए, एक करोड़ उसके फेडरल बैंक खाते में है। 50 लाख रुपये उसके वॉलेट और 73 लाख रुपये मां के खाते में जमा किए। 40 लाख रुपये की बजाज फिनसर्व में एफडी कर दी थी। 20 लाख रुपये अपने दोस्तों के अलग अलग खातों में डाल दिए थे।

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चौंकाने वाली बात यही है कि इस मामले को उजागर भी बैंक अधिकारियों ने नहीं, बल्कि पुलिस ने किया। दरअसल, अचानक आकाश के पास रुपया आने की जानकारी उसी के एक परिचित ने पुलिस को दी।
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पुलिस की टीमें बैंक की बस स्टैंड शाखा में जांच करने पहुंचीं, तब हल्ला मचा और बैंक के क्लस्टर हेड ने थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई। पुलिस के जांच शुरू करने के बाद ही आकाश के खातों के अलावा जिन खातों में उसने पैसा ट्रांसफर किया गया, उन्हें फ्रीज किया गया। एसपी ने मंगलवार को इस पूरे प्रकरण की जानकारी दी और बताया कि आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया।
आकाश ने गत 24 अगस्त को 50 लाख रुपये ओवरड्राफ्ट के जरिये निकाले, फिर 11 दिन बाद चार सितंबर को इतनी ही धनराशि के लगातार नौ ट्रांजेक्शन किए। हर निकासी का मेल भी बैंक के अधिकारियों के पास पहुंचा। पहले मेल पर भी किसी ने ध्यान नहीं दिया और उसके खाते पर रोक तक नहीं लगाई। इसके बाद उसने नौ सितंबर को साढ़े चार करोड़ रुपये की निकासी कर ली। चार सितंबर के बाद उस पर रुपये जमा कराने के लिए दबाव बनाया गया।
बुधवार को आकाश के विष्णपुरी आवास पर कोई नहीं था। पड़ोसियों ने बताया कि पिछले कुछ दिनों में तीन बार बैंक के एक अधिकारी आकाश के घर के चक्कर लगा चुके हैं। उस पर रुपया जमा करने के लिए दबाव बनाया जा रहा था, आकाश और उनके बीच नोकझोंक भी हुई।
पुलिस अधीक्षक चिंरजीवनाथ सिन्हा ने बताया कि इस मामले में एचडीएफसी बैंक अधिकारी व कर्मचारियों की भूमिका भी संदिग्ध के घेरे में हैं। विवेचना में बैंक नियमों से लेकर अन्य बिंदुओं को शामिल किया जा रहा है।
बैंक अधिकारियों ने सत्यापन में बरती लापरवाही
हाथरस। आकाश की मां चामुंडा देवी स्वीट्स के नाम से विष्णुपुरी में ही दुकान है। दुकान भी उसकी अपनी नहीं, बल्कि किराये की है, उसका कारोबार इतना नहीं है कि उसे करोड़ों के ओवरड्राफ्ट की सुविधा दी जा सके। पुलिस की प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि बैंक अधिकारियों ने स्थलीय सत्यापन करने में लापरवाही बरती है।
बैंक के नियमों की बात करें तो बैंक में फर्म का चालू खाता खेलने के लिए उद्यम रजिस्ट्रेशन, जीएसटी, टैक्स रिटर्न संबंधी दस्तावेज, आधार कार्ड, पेन कार्ड लगाया जाता है। साथ ही बैंक की ओर से अधिकारी व कर्मचारी इस फर्म पर जाकर स्थलीय निरीक्षण करता है। स्थलीय निरीक्षण में प्राप्त संबंधित दस्तावेजों का सत्यापन करने के बाद चालू खाता खोला जाता है और ओवरड्राफ्ट की सुविधा दी जाती है।
पुलिस के अनुसार अब तक की जांच में साफ हुआ है कि केवल बैलेंस शीट के आधार पर यह सुविधा दे दी गई। इस संबंध में शाखा प्रबंधक से बात करने की कोशिश की, लेकिन उन्होंने बैंक के रिलेशनशिप मैनेजर का नंबर दिलवा दिया। रिलेशन मैनेजर का कहना है कि जो भी प्रकरण है, उसकी एफआईआर दर्ज करा दी गई है। इसके अलावा उन्हें कुछ नहीं कहना है। संवाद
आकाश ने पांच बैंकों में खोल रखे थे खाते
पुलिस की जांच में सामने आया है कि एचडीएफसी बैंक मंडी समिति की ब्रांच में सबसे पहले आकाश ने खाता खोला था। इसके बाद आकाश ने अपनी मां का खाता एक्सिस बैंक में खोला। एचडीएफसी बैंक की बस स्टैंड शाखा में फर्म के नाम पर चालू खाता खोला। निकासी से पूर्व एयरटेल बैंक, फेडरल बैंक और बजाज फिन्सर्व में भी खाते खोले। ओवर ड्राफ्ट से पैसे निकालकर इन खातों के जरिये पैसों का निवेश शुरू किया।
स्पोर्ट्स बाइक और कार से घूमने लगा था आकाश
पैसा आते ही बदल गया था लाइफ स्टाइल
हाथरस। विष्णुपुरी का रहने वाला आकाश महज 35-40 वर्ग गज के मकान में रहता है, वह भी जर्जर अवस्था में है। कुछ दिन पहले ही उसने स्पोर्ट्स बाइक भी ली थी, एक कार भी उसके पास आ गई थी, जिनसे वह अक्सर घूमता रहता था।
कुछ दिन पहले तक मोहल्ले में ही किराये की दुकान में मिठाई और समोसे बेचकर गुजर बसर कर रहा था।एक छोटा भाई और मां भी साथ ही रहती है।
मोहल्ले को लोगों का कहना है कि मासूम से दिखने वाले आकाश के हावभाव पिछले 15-20 दिनों से बदल गए थे। पौने तीन लाख रुपये की बाइक लाया तो उन्होंने सोचा कि फाइनेंस कराकर ली होगी, लेकिन जब पुलिस आई तो समझ आया कि उसने कुछ गड़बड़ की है। उसके पास एक कार भी आ गई थी, यह उसकी है या किसी और की, इसकी जानकारी मोहल्ले के लोगों को नहीं है।
इस तरह ठिकाने लगाई रकम
पुलिस के अनुसार आकाश ने 1.5 करोड़ रुपये म्यूचुअल फंड में लगाए, एक करोड़ उसके फेडरल बैंक खाते में है। 50 लाख रुपये उसके वॉलेट और 73 लाख रुपये मां के खाते में जमा किए। 40 लाख रुपये की बजाज फिनसर्व में एफडी कर दी थी। 20 लाख रुपये अपने दोस्तों के अलग अलग खातों में डाल दिए थे।