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AMU: प्रतापगढ़-बिहार गुट के झगड़े में पीटा गया प्रशांत, तीन छात्र निलंबित, दो बाल अपचारी दबोचे

अमर उजाला नेटवर्क, अलीगढ़ Published by: चमन शर्मा Updated Tue, 28 Oct 2025 04:50 PM IST
सार

सीओ तृतीय के अनुसार 26 अक्तूबर को हुए झगड़े के बाद छात्र प्रशांत ने आरोप लगाया था कि उस पर आरोपियों ने कलमा पढ़ने का दबाव बनाया था। हालांकि, पुलिस जांच में उजागर हुआ कि छात्रों के दो गुटों में आपसी रंगबाजी को लेकर मारपीट हुई है।

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Prashant beaten up in Pratapgarh-Bihar group fight at AMU
एएमयू - फोटो : संवाद
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अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के अल्लामा इकबाल हॉल में 26 अक्तूबर देर शाम एएमयू सिटी स्कूल के 11वीं के छात्र प्रशांत संग मारपीट छात्र गुटों में वर्चस्व व रंगबाजी की रार को लेकर हुई थी। प्रतापगढ़ व बिहार के इन छात्र गुटों में पिछले कई दिन से तनातनी में पिछले सप्ताह भी मारपीट हुई थी। पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर दो बाल अपचारी दबोचे हैं। वहीं तीन छात्र निलंबित भी कर दिए गए हैंं।

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मूल रूप से पिसावा का प्रशांत राठी एएमयू के राजा महेंद्र प्रताप सिंह सिटी हाईस्कूल में 11वीं का छात्र है। वह सिविल लाइंस के पुरानी चुंगी इलाके में किराये पर रहता है। रविवार शाम करीब आठ बजे वह अपने दोस्त उबेर से मिलने अल्लामा इकबाल हॉल गया था। इस दौरान छात्रों ने पीटा था। पिस्टल के प्रहार से उसके सिर में चोट आई है। मुकदमे में पांच नामजद व तीन अज्ञात आरोपी बनाए गए हैं। सभी नाबालिग हैं। दोनों बाल अपचारी को बाल सुधार गृह भेजा गया है। इनमें से एक गाजीपुर व दूसरा एफएम टावर इलाके का है। एक अन्य आरोपी छात्र प्रतापगढ़ का है।
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सीओ तृतीय सर्वम सिंह के अनुसार बाकी आरोपियों की तलाश की जा रही है। एएमयू प्रॉक्टर प्रो. वसीम अली के अनुसार इस झगड़े में तीन मुख्य आरोपी छात्र निलंबित भी कर दिए गए हैं। जिनमें एक प्रतापगढ़, एक गाजीपुर का व एक स्थानीय है। पूरे मामले की जांच में कलमा पढ़वाए जाने के दबाव की बात निराधार पाई गई है। ये छात्रों के बीच का आपसी झगड़ा है।

घटना के बाद लगाया था कलमा पढ़ाने के दबाव का आरोप
सीओ तृतीय के अनुसार 26 अक्तूबर को हुए झगड़े के बाद छात्र प्रशांत ने आरोप लगाया था कि उस पर आरोपियों ने कलमा पढ़ने का दबाव बनाया था। हालांकि, पुलिस जांच में उजागर हुआ कि छात्रों के दो गुटों में आपसी रंगबाजी को लेकर मारपीट हुई है। सीसीटीवी में भी बात साफ हो गई है। कलमा पढ़ाने के दबाव के आरोप बेबुनियाद पाए गए। तहरीर में भी इस आरोप का उल्लेख नहीं किया गया है।

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