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Aligarh News: समापन समारोह में सम्मान पर हुई फजीहत, रूठे संयोजक

संवाद न्यूज एजेंसी, अलीगढ़ Updated Thu, 18 Sep 2025 02:28 AM IST
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There was a dispute over the honor at the closing ceremony, the organizer got angry.
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मेला श्रीदाऊजी महाराज के पंडाल में बृहस्पतिवार की दोपहर को समापन समारोह का आयोजन किया गया। मेले में हुए कुछ कार्यक्रमों के संयोजकों ने अव्यवस्थाओं और भेदभाव का आरोप लगाकर कार्यक्रम का बहिष्कार कर दिया। हालांकि कुछ लोगों के मनाने पर संयोजक कार्यक्रम में वापस पहुंच गए।
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मेले के समापन समारोह में अव्यवस्थाएं हावी रहीं। पहले से लोगों के बैठने की पर्याप्त व्यवस्था नहीं की गई। पहली कतार में बैठे संयोजक व अन्य लोगों को हटाए जाने से पंडाल में असंतोष पनपना शुरू हो गया। इस दौरान जिला प्रशासन की ओर से छोटे बच्चों को दिए जाने वाले स्मृति चिह्न संयोजकों को दिए जाने पर संयोजकों का पारा चढ़ गया।
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जब कुछ खास संयोजकों को अलग प्रकार का उपहार दिया जाने लगा तो दूसरे संयोजकों ने शोर-शराबा शुरू कर दिया। संयोजकों से पहले कर्मचारी व अन्य लोगों का सम्मान शुरू किए जाने पर भी आपत्ति जताई गई। इसके बाद कई कार्यक्रमों के संयोजक कार्यक्रम का बहिष्कार कर वहां से चल दिए। कुछ कर्मचारियों के समझाने जाने पर संयोजक पंडाल में लौट आए। आरोप है कि मंच पर एक-एक को बुलाकर सम्मान दिए जाने की बजाय सम्मान के नाम पर खानापूर्ति की गई।






अधिकारियों का किया गया विशेष सम्मान

संयोजकों का आरोप है कि मेले के समापन समारोह में कार्यक्रमों के समन्वयकों के लिए विशेष सम्मान की व्यवस्था की गई थी। उन्हें बेहतरीन उपहार दिए गए, जबकि कई कार्यक्रमों में समन्वयकों ने उपस्थिति तक दर्ज नहीं कराई। आरोप है कि पूरी मेहनत और श्रद्धा भाव के साथ कार्यक्रमों का आयोजन करने वालों को जिला प्रशासन की ओर से इस बार अपमानित किया गया।






ठेकेदार से मंगवाए गए हैं उपहार

मेले में आयोजित कव्वाली कार्यक्रम के संयोजक व कांग्रेस के जिलाध्यक्ष विवेक उपाध्याय ने बताया कि मेरी तबीयत खराब थी, इसलिए मैंने अपने प्रतिनिधि को समापन समारोह में भेजा था। वहां उन्हें जो प्रतीक चिह्न दिसया गया, वह टूटा हुआ है। यह उपहार भी मेले के ठेकेदार से मंगवाए गए हैं।





संयोजक ही जानते हैं कि एक कार्यक्रम करने में वह कितनी मेहनत करते हैं। समापन के दौरान एक मौका होता है जब संयोजकों का सम्मान होता है, वह भी अगर सम्मानजनक न हो तो नाराज होना स्वभाविक है। -प्रवीण वार्ष्णेय, संयोजक, मानवाधिकार सम्मेलन।









इस बार समापन समारोह में बेहद ही खराब स्थिति थी। हम लोग तो वहां से उठकर चले गए थे। बाद में हमें बुलाया गया, तब सभी लोग वापस लौटे। इस तरह का भेदभाव पूर्व व्यवहार अच्छा नहीं है।
-रितु गौतम एडवोकेट, संयोजक महिला कबड्डी प्रतियोगिता।







इस बार सम्मान नहीं, अपमान का कार्यक्रम था। भेड़चाल की तरह संयोजकों को सम्मान दिया गया है, सुरेश का सम्मान रमेश को मिल गया। अफरा-तफरी का माहौल तैयार कर दिया गया।
-सुरेश अग्रवाल, संयोजक, व्यापारी सम्मेलन।









मैं लंबे समय से दाऊजी मेले में कार्यक्रम करा रही हूं। इस बार जैसा माहौल मैंने कभी नहीं देखा। अधिकारी अपनों के सम्मान के लिए बड़े और महंगे उपहार लाए। संयोजकों को कोई तवज्जो नहीं दी गई।
-मीरा दीक्षित, संयोजक, कवयित्री सम्मेलन।
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