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Prayagraj News: स्टॉक ट्रेडिंग में 94 लाख का मुनाफा दिखाकर 5.29 लाख हड़पे
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अतरसुइया निवासी आयुषी चौरसिया से स्टॉक ट्रेडिंग के नाम पर साइबर ठगी की गई। निवेश पर 94 लाख का मुनाफा दिखाकर 5.29 लाख रुपये हड़प लिए गए। साइबर अपराधियों ने एप डाउनलोड कराकर ठगी को अंजाम दिया।
उन्होंने पुलिस को बताया कि फेसबुक पर पिछले दिनों उन्होंने स्टॉक ट्रेडिंग का एक लिंक देखा। उसमें बताए स्टॉक्स को ग्रो एप पर चेक किया तो पता चला कि इन स्टॉक्स का मूल्य हर दिन 10 प्रतिशत के हिसाब से बढ़ रहा है। अपर लिमिट स्टॉक होने के कारण वह इसे नहीं खरीद पाई। इसके बाद दिए गए लिंक में लिखे नंबर पर संपर्क करने पर उन्हें एप डाउनलोड करा दिया गया, जिसके जरिये वह अपने वर्चुअल अकाउंट में रकम डालती चली गईं।
दो लाख होने पर उन्हें आईपीओ खरीदवा दिया गया, जिसके बाद जमा राशि फंस गई। इसके बाद उन्होंने गोल्ड लोन लेकर बकाया पैसा भरा। जब उन्होंने इस रकम को निकालना चाहा तो लालच देकर उन्हें दूसरा आईपीओ खरीदवा दिया गया, जिसकी कीमत 30.30 लाख थी। बढ़ते-बढ़ते वर्चुअल अकाउंट में 94 लाख रुपये दिखाई देने लगे। लेकिन, अब उन्हें कहा जा रहा है कि जब तक 13 लाख नहीं जमा होंगे, तब तक जमा राशि नहीं निकाली जा सकेगी।
पीड़ित का आरोप है कि इस तरह से उनके 5.29 लाख रुपये हड़प लिए गए। यह उनके व उनके बच्चों की बचत के पैसे थे। उधर, ट्रेडिंग के नाम पर ही बरौत, हंडिया के आदर्श केशरी के 7.75 लाख रुपये हड़प लिए गए। पुलिस को बताया कि वह जूपिटर रिसर्च से ऑनलाइन जुड़ गए थे। इसके बाद आईएमपीएस के जरिये यूनियन बैंक के व्योम एप से अलग-अलग बार में रकम ट्रांसफर कर दी। साइबर थाना पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर दोनों मामलों की जांच शुरू कर दी है।
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उन्होंने पुलिस को बताया कि फेसबुक पर पिछले दिनों उन्होंने स्टॉक ट्रेडिंग का एक लिंक देखा। उसमें बताए स्टॉक्स को ग्रो एप पर चेक किया तो पता चला कि इन स्टॉक्स का मूल्य हर दिन 10 प्रतिशत के हिसाब से बढ़ रहा है। अपर लिमिट स्टॉक होने के कारण वह इसे नहीं खरीद पाई। इसके बाद दिए गए लिंक में लिखे नंबर पर संपर्क करने पर उन्हें एप डाउनलोड करा दिया गया, जिसके जरिये वह अपने वर्चुअल अकाउंट में रकम डालती चली गईं।
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दो लाख होने पर उन्हें आईपीओ खरीदवा दिया गया, जिसके बाद जमा राशि फंस गई। इसके बाद उन्होंने गोल्ड लोन लेकर बकाया पैसा भरा। जब उन्होंने इस रकम को निकालना चाहा तो लालच देकर उन्हें दूसरा आईपीओ खरीदवा दिया गया, जिसकी कीमत 30.30 लाख थी। बढ़ते-बढ़ते वर्चुअल अकाउंट में 94 लाख रुपये दिखाई देने लगे। लेकिन, अब उन्हें कहा जा रहा है कि जब तक 13 लाख नहीं जमा होंगे, तब तक जमा राशि नहीं निकाली जा सकेगी।
पीड़ित का आरोप है कि इस तरह से उनके 5.29 लाख रुपये हड़प लिए गए। यह उनके व उनके बच्चों की बचत के पैसे थे। उधर, ट्रेडिंग के नाम पर ही बरौत, हंडिया के आदर्श केशरी के 7.75 लाख रुपये हड़प लिए गए। पुलिस को बताया कि वह जूपिटर रिसर्च से ऑनलाइन जुड़ गए थे। इसके बाद आईएमपीएस के जरिये यूनियन बैंक के व्योम एप से अलग-अलग बार में रकम ट्रांसफर कर दी। साइबर थाना पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर दोनों मामलों की जांच शुरू कर दी है।