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MNNIT : फैकल्टी डॉ. वेंकटेश के निलंबन के खिलाफ छात्र संगठनों ने किया प्रदर्शन, लगाया भेदभाव का आरोप
अमर उजाला नेटवर्क, प्रयागराज
Published by: विनोद सिंह
Updated Fri, 21 Nov 2025 05:36 PM IST
सार
मोतीलाल नेहरू नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में फैकल्टी डॉक्टर वेंकटेश के निलंबन के खिलाफ आइसा, एनएसयूआई समेत कई छात्र संगठनों ने एमएनएनआईटी गेट पर प्रदर्शन करते हुए नारेबाजी की।
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एमएनआईटी पर फैकल्टी डॉ. वेंकटेश को निलंबन के विरोध में प्रदर्शन करते छात्र संगठन।
- फोटो : अमर उजाला।
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विस्तार
मोतीलाल नेहरू नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में फैकल्टी डॉक्टर वेंकटेश के निलंबन के खिलाफ आइसा, एनएसयूआई समेत कई छात्र संगठनों ने एमएनएनआईटी गेट पर प्रदर्शन करते हुए नारेबाजी की। एमएनआईटी प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी करते हुए डॉक्टर वेंकटेश का उत्पीड़न बंद करने की मांग की गई। साथ ही उनके प्रमोशन और सैलरी को बहाल करने की मांग की गई। वक्ताओं ने कहा कि डॉ वेंकटेश ने 2012 में इंस्टीट्यूट ज्वॉइन किया था।
इसके बाद से ही उनके साथ भेदभाव किया जा रहा था। जिसकी उन्होंने शिकायत संस्थान के अधिकारियों से लेकर राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग और उच्चतम न्यायालय तक कर चुके हैं। इसी कारण से विश्वविद्यालय प्रशासन ने प्रतिशोध में तथा पद का दुरुपयोग करते हुए निलंबन कर दिया है। आंदोलनरत छात्रों ने एमएनआईटी गेट पर सभा करते हुए जातिगत उत्पीड़न की निंदा की। इसके साथ ही निलंबन वापसी के लिए एमएनआईटी के प्रशासनिक अधिकारियों को ज्ञापन सौंपा गया।
प्रतिवाद सभा में शामिल सामाजिक कार्यकर्ता कमलेश चौधरी ने कहा कि शिक्षण संस्थानों मे दलित-आदिवासी समुदाय से आने वाले छात्रों व शिक्षकों के साथ हो रहे उत्पीड़न को बर्दाश्त नहीं किया जाएगाI अगर एमएनएनआईटी प्रशासन ने एक हफ्ते के अंदर उनका अवैध निलंबन वापस नहीं लिया तो हम बड़े आंदोलन के लिए बाध्य होंगे। आइसा इकाई अध्यक्ष सोनाली यादव ने कहा कि शैक्षणिक संस्थानों में जातिगत उत्पीड़न के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। डॉक्टर वेंकटेश के साथ हो रहा उत्पीड़न भी रोहित वेमुला, पायल तडवी,दर्शन सोलंकी तथा बसंत कनौजिया की तरह ही गंभीर आपराधिक प्रवृत्ति का है।
बापसा की तरफ से शिवम ने कहा कि डॉ एएम वेंकटेश के साथ हो रहा निलंबन और उत्पीड़न की कार्यवाही उनकी जाति देखकर उन्हें बहिष्कृत करने के उद्देश्य से की जा रही है, जो शर्मनाक है। आईसीएम के अनुपम कुमार ने बात रखते हुए कहा कि पूरे देश भर में दलितों आदिवासियों के ऊपर उत्पीड़न की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं। यह दिखाता है की मौजूदा व्यवस्था मनुवाद के द्वारा संचालित हो रही है।
बसपा के मंडल इंचार्ज आलोक चौधरी ने कहा कि डॉ नाइक के साथ हम एकजुटता व्यक्त करते हैं। समाजवादी छात्र सभा से सुधीर यादव ने कहा कि हम सभी न्याय पसंद लोग डॉ वेंकटेश के निलंबन के खिलाफ एकजुट हैं और न्याय नहीं मिलने पर बड़ा आंदोलन खड़ा किया जाएगा। एनएसयूआइस के एमएनआईटी एक प्रतिष्ठित संस्थान है, जिसमें डॉक्टर वेंकटेश का निलंबन एक कलंक लगता है और यह विश्वविद्यालय प्रशासन के कार्य प्रणाली पर गंभीर सवाल खड़ा करता है, जिसे कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
सभा का संचालन आलोक अंबेडकर द्वारा किया गया। यह प्रतिवाद एमएनआईटी के मुख्य गेट पर दर्ज किया गया तथा इसका समापन संस्थान के प्रशासनिक अधिकारियों को ज्ञापन और चेतावनी देकर किया गया कि अगर डॉक्टर वेंकटेश का निलंबन एक हफ्ते में वापस नहीं लिया जाता तो हम सभी शहर के नए पसंद लोग एक बड़े आंदोलन के लिए बाध्य होंगे। इस आंदोलन में मानवेंद्र, सुजीत, मनीष कुमार, सुमित सरकार,राहुल,सोनू यादव समेत भारी संख्या में छात्र मौजूद रहें।
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इसके बाद से ही उनके साथ भेदभाव किया जा रहा था। जिसकी उन्होंने शिकायत संस्थान के अधिकारियों से लेकर राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग और उच्चतम न्यायालय तक कर चुके हैं। इसी कारण से विश्वविद्यालय प्रशासन ने प्रतिशोध में तथा पद का दुरुपयोग करते हुए निलंबन कर दिया है। आंदोलनरत छात्रों ने एमएनआईटी गेट पर सभा करते हुए जातिगत उत्पीड़न की निंदा की। इसके साथ ही निलंबन वापसी के लिए एमएनआईटी के प्रशासनिक अधिकारियों को ज्ञापन सौंपा गया।
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प्रतिवाद सभा में शामिल सामाजिक कार्यकर्ता कमलेश चौधरी ने कहा कि शिक्षण संस्थानों मे दलित-आदिवासी समुदाय से आने वाले छात्रों व शिक्षकों के साथ हो रहे उत्पीड़न को बर्दाश्त नहीं किया जाएगाI अगर एमएनएनआईटी प्रशासन ने एक हफ्ते के अंदर उनका अवैध निलंबन वापस नहीं लिया तो हम बड़े आंदोलन के लिए बाध्य होंगे। आइसा इकाई अध्यक्ष सोनाली यादव ने कहा कि शैक्षणिक संस्थानों में जातिगत उत्पीड़न के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। डॉक्टर वेंकटेश के साथ हो रहा उत्पीड़न भी रोहित वेमुला, पायल तडवी,दर्शन सोलंकी तथा बसंत कनौजिया की तरह ही गंभीर आपराधिक प्रवृत्ति का है।
बापसा की तरफ से शिवम ने कहा कि डॉ एएम वेंकटेश के साथ हो रहा निलंबन और उत्पीड़न की कार्यवाही उनकी जाति देखकर उन्हें बहिष्कृत करने के उद्देश्य से की जा रही है, जो शर्मनाक है। आईसीएम के अनुपम कुमार ने बात रखते हुए कहा कि पूरे देश भर में दलितों आदिवासियों के ऊपर उत्पीड़न की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं। यह दिखाता है की मौजूदा व्यवस्था मनुवाद के द्वारा संचालित हो रही है।
बसपा के मंडल इंचार्ज आलोक चौधरी ने कहा कि डॉ नाइक के साथ हम एकजुटता व्यक्त करते हैं। समाजवादी छात्र सभा से सुधीर यादव ने कहा कि हम सभी न्याय पसंद लोग डॉ वेंकटेश के निलंबन के खिलाफ एकजुट हैं और न्याय नहीं मिलने पर बड़ा आंदोलन खड़ा किया जाएगा। एनएसयूआइस के एमएनआईटी एक प्रतिष्ठित संस्थान है, जिसमें डॉक्टर वेंकटेश का निलंबन एक कलंक लगता है और यह विश्वविद्यालय प्रशासन के कार्य प्रणाली पर गंभीर सवाल खड़ा करता है, जिसे कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
सभा का संचालन आलोक अंबेडकर द्वारा किया गया। यह प्रतिवाद एमएनआईटी के मुख्य गेट पर दर्ज किया गया तथा इसका समापन संस्थान के प्रशासनिक अधिकारियों को ज्ञापन और चेतावनी देकर किया गया कि अगर डॉक्टर वेंकटेश का निलंबन एक हफ्ते में वापस नहीं लिया जाता तो हम सभी शहर के नए पसंद लोग एक बड़े आंदोलन के लिए बाध्य होंगे। इस आंदोलन में मानवेंद्र, सुजीत, मनीष कुमार, सुमित सरकार,राहुल,सोनू यादव समेत भारी संख्या में छात्र मौजूद रहें।