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High Court: अधिवक्ताओं पर दुष्कर्म और एससी-एसटी का आरोप लगाकर ब्लैकमेल करने वाले गैंग की सीबीआई जांच का आदेश

अमर उजाला नेटवर्क, प्रयागराज Published by: विनोद सिंह Updated Thu, 18 Aug 2022 10:32 PM IST
सार

यह आदेश न्यायमूर्ति गौतम चौधरी ने  शिकायत कर्ता निक्की देवी की याचिका पर दिया है।जिसमें सत्र अदालत में  दुराचार के आरोप चल रहे आपराधिक केस की जल्द सुनवाई पूरी करने का समादेश? जारी करने की मांग की गई थी।

Allahabad HC Order for CBI inquiry into the gang blackmailed advocates by accusing SC-ST
Prayagraj News : इलाहाबाद हाईकोर्ट। - फोटो : अमर उजाला।

विस्तार
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इलाहाबाद हाईकोर्ट ने वकीलों के खिलाफ दुराचार के झूठे केस की वापसी के नाम पर धन की उगाही के लिए मऊआइमा सहित प्रयागराज के विभिन्न थानों में दर्ज 46केसो की सी बी आई जांच कराने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने सी बी आई को दो माह में प्रारंभिक जांच रिपोर्ट पेश? करने का निर्देश दिया है।मामले की सुनवाई 20अक्टूबर को होगी। कोर्ट ने  प्रारंभिक रिपोर्ट आने तक दुराचार के आरोपी वकीलों की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है।



यह आदेश न्यायमूर्ति गौतम चौधरी ने  शिकायत कर्ता निक्की देवी की याचिका पर दिया है।जिसमें सत्र अदालत में  दुराचार के आरोप चल रहे आपराधिक केस की जल्द सुनवाई पूरी करने का समादेश? जारी करने की मांग की गई थी। आरोपी अधिवक्ता भूपेंद्र पांडेय के खिलाफ दारागंज थाने में दुराचार के आरोप में केस दर्ज है।


इनका कहना था कि हाईकोर्ट के वकीलों का एक गैंग हाईकोर्ट में सक्रिय है जो झूठे केस कर चार्जशीट दाखिल होने के बाद के वापसी के नाम पर अभियुक्तों से धन की उगाही कर बंटवारा कर लेता है। पीड़िता के अनुसूचित जाति का होने के कारण सरकार से भी धन मिलता है। इस मामले में आरोप निर्मित हो चुका है। कोर्ट ने शिकायत कर्ता निक्की देवी को तलब भी किया था।

अकेले मऊआइमा थाने में दर्ज हैं 36 केस
आरोपी अधिवक्ता भूपेंद्र पांडेय ने कोर्ट को 51 आपराधिक केसों की सूची दी। जिसमें से अकेले मऊआइमा थाने में 36 केस दर्ज हुए हैं। अधिवक्ता आशीष मिश्रा के खिलाफ भी केस दर्ज हुआ है। अभियुक्त वकीलों की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ताओं की टीम वीपी श्रीवास्तव, गोपाल स्वरूप चतुर्वेदी, राधाकांत ओझा, अमरेंद्र नाथ सिंह, बार के महासचिव एसडीएस जादौन ने बचाव किया।

कोर्ट ने कहा न्याय की रक्षा के लिए अंतर्निहित शक्तियों का प्रयोग जरूरी है। वकीलों पर झूठे केस की सीबीआई को जांच सौंपा जाना जरूरी है। कोर्ट ने सीबीआई के वरिष्ठ अधिवक्ता ज्ञान प्रकाश व संजय कुमार सिंह को सील कवर लिफाफे में दो माह में प्रारंभिक जांच रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है।
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