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UP: 'निर्माण वैध है या नहीं..कोर्ट तय करेगा, डीएम नहीं', मैनपुरी में अवैध निर्माण पर HC सख्त; मांगा स्पष्टीकरण
अमर उजाला ब्यूरो, प्रयागराज
Published by: श्याम जी.
Updated Tue, 13 May 2025 02:51 PM IST
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सार
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मैनपुरी के अवैध निर्माण को कुर्क करने का आदेश दिया है। कोर्ट ने कहा कि निर्माण की वैधता अदालत तय करेगी। साथ ही हाईकोर्ट ने डीएम की रिपोर्ट पर नाराजगी भी जताई।

इलाहाबाद हाईकोर्ट।
- फोटो : अमर उजाला।

विस्तार
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि निर्माण वैध है या नहीं यह अदालत तय करेगी, डीएम नहीं। कोर्ट ने निर्माण पर रोक लगाते हुए डीएम मैनपुरी से स्पष्टीकरण मांगा है। यह आदेश न्यायमूर्ति जेजे मुनीर की अदालत ने शिवम चौहान की जनहित याचिका पर दिया है।
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मामला मैनपुरी के गांव जिंदपुर स्थित प्लॉट संख्या 2666 मिंजुमला में अवैध निर्माण से संबंधित है। कोर्ट ने 19 मार्च, 2025 को इस भूमि पर निर्माण पर रोक लगा दी थी। याचिकाकर्ता ने अदालत को बताया कि इस आदेश के बावजूद अजय कुमार की ओर से निर्माण किया जा रहा है। अदालत ने इस मामले में जिलाधिकारी, उप-जिलाधिकारी, तहसीलदार और तहसीलदार सदर से रिपोर्ट तलब की थी।
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जिला मजिस्ट्रेट की ओर से प्रस्तुत रिपोर्ट में कहा गया है कि अजय कुमार ने अपने नाम पर दर्ज भूमि के एक हिस्से पर मकान बनाया है। न्यायालय ने इस रिपोर्ट पर नाराजगी जताते हुए कहा कि जब अदालत ने निर्माण पर रोक लगा दी है तो डीएम की ओर से इसे सही ठहराना अदालत के आदेश की अवहेलना है। अदालत ने कहा कि यह तय करना कि निर्माण वैध है या नहीं, अदालत का काम है न कि जिला प्रशासन का।
अदालत ने सिविल जज (सीनियर डिवीजन) मैनपुरी को निर्देश दिया है कि वह तत्काल प्लॉट संख्या 2666 मिंजुमला पर किए गए निर्माण को कुर्क करें और उसे अपने कब्जे में लें। अदालत ने पुलिस अधीक्षक मैनपुरी को सिविल जज को आवश्यक पुलिस बल प्रदान करने का भी आदेश दिया है। इस मामले की अगली सुनवाई 21 मई 2025 को होगी।