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UP: सॉफ्टवेयर कंपनी कर रही थी लिस्टिंग में हेराफेरी, हाईकोर्ट ने दिया कार्रवाई का आदेश; ये है पूरा मामला
संवाद न्यूज एजेंसी, प्रयागराज
Published by: श्याम जी.
Updated Tue, 13 May 2025 02:34 PM IST
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सार
इलाहाबाद हाईकोर्ट में सॉफ्टवेयर कंपनी द्वारा मुकदमों की श्रेणी में अनाधिकृत बदलाव का खुलासा किया गया है। कोर्ट ने महानिबंधक को कार्रवाई कर एक हफ्ते में रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया है।

इलाहाबाद हाईकोर्ट।
- फोटो : अमर उजाला।

विस्तार
इलाहाबाद हाईकोर्ट में मुकदमा लिस्टिंग में हेराफेरी का खेल सॉफ्टवेयर कंपनी कर रही थी। वह अनाधिकृत रूप से मुकदमे की श्रेणी में बदलाव कर रही थी। इसके कारण पास ओवर (बीत चुके) श्रेणी के मुकदमे लेफ्ट ओवर (बचे हुए) श्रेणी में सूचीबद्ध हो जा रहे थे। यह जानकारी महानिबंधक ने कोर्ट को अपनी जांच रिपोर्ट में दी है। कोर्ट ने महानिबंधक को कार्रवाई करने व एक हफ्ते में अनुपालन आख्या पेश करने का आदेश दिया है।
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यह आदेश न्यायमूर्ति समीर जैन की अदालत ने आजमगढ़ के कृष्णानंद चौहान की ओर से दाखिल जमानत अर्जी पर दिया है। इससे पहले कोर्ट ने मामले की जांच महानिबंधक को सौंपते हुए रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया था। हेराफेरी का खुलासा तब हुआ, जब कृष्णानंद की जमानत अर्जी 10 अप्रैल को फ्रेश मुकदमों की सूची में क्रम संख्या दो पर सूचीबद्ध हुई थी।
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विपक्षी अधिवक्ता विपुल कुमार सिंह ने आपत्ति दर्ज करा अदालत को बताया कि यह मामला लगातार 'पास ओवर' मुकदमों की श्रेणी में सूचीबद्ध किया जा रहा था, लेकिन आश्चर्यजनक रूप से इसे लेफ्ट ओवर मामलों की श्रेणी में क्रम संख्या दो पर सूचीबद्ध किया गया है। ऐसा प्रतीत होता है कि हेराफेरी करके मामला 'लेफ्ट ओवर' मामलों की श्रेणी में सूचीबद्ध कर दिया गया है, क्योंकि लेफ्ट ओवर मामले ताजा केसों की सूची में सबसे ऊपर सूचीबद्ध होते हैं।
इस पर कोर्ट ने मामले की जांच महानिबंधक को सौंपते हुए रिपोर्ट तलब की थी। महानिबंधक की ओर से पेश सीलबंद जांच रिपोर्ट में बताया गया कि प्रथम दृष्टया मुकदमों की श्रेणी में अनाधिकृत रूप से बदलाव के लिए सॉफ्टवेयर डेवलपर कंपनी जिम्मेदार है। इसके कारण मामला पास ओवर से लेफ्ट ओवर की श्रेणी में तब्दील हुआ था। अब मामले की अगली सुनवाई 17 मई को होगी।