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UP: 'हिस्ट्रीशीटर के घर भी देर रात दबिश देना उसकी निजता का उल्लंघन', हाईकोर्ट ने पुलिस को फटकारा
अमर उजाला नेटवर्क, प्रयागराज
Published by: शाहरुख खान
Updated Tue, 08 Jul 2025 03:33 PM IST
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सार
हिस्ट्रीशीटर के घर भी देर रात दबिश देना उसकी निजता का उल्लंघन है। हाईकोर्ट ने पुलिस की कार्यप्रणाली पर फटकार लगाते हुए दबिश पर रोक लगा दी है। याची व उसके परिवार को प्रताड़ित करने का आरोप था।

Allahabad High Court
- फोटो : एएनआई
विस्तार
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट व हाईकोर्ट के आदेशों का हवाला देते हुए कहा कि हिस्ट्रीशीटर घोषित व्यक्ति के घर पर भी देर रात दबिश देना उसकी निजता के अधिकार का घोर उल्लंघन है। कोर्ट ने पुलिस की कार्यप्रणाली पर फटकार लगाते हुए याची के घर देर रात दबिश देने पर रोक लगा दी है।
यह आदेश जेजे मुनीर और न्यायमूर्ति अनिल कुमार की खंडपीठ ने प्रयागराज के समंदर पांडेय की याचिका पर दिया है। याची ने पुलिस की ओर से खोली गई हिस्ट्रीशीट को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी।
अधिवक्ता ने दलील दी कि पुलिस ने देर रात घर में घुसकर याची व उसके परिवार को मानसिक रूप से प्रताड़ित कर रही है। साथ ही बेवजह थाने ले जाकर परेशान कर रही है।
कोर्ट ने मामले में राज्य सरकार, पुलिस कमिश्नरेट प्रयागराज और संबंधित थाने के प्रभारी को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है। साथ ही देर रात आवासीय दबिश देने पर रोक लगा दी है। कोर्ट ने रजिस्ट्रार अनुपालन को निर्देश दिया है कि 48 घंटे के भीतर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट इलाहाबाद के माध्यम से आदेश के बारे में प्रयागराज के पुलिस आयुक्त को सूचित किया जाए। मामले की सुनवाई 11 जुलाई को होगी।
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यह आदेश जेजे मुनीर और न्यायमूर्ति अनिल कुमार की खंडपीठ ने प्रयागराज के समंदर पांडेय की याचिका पर दिया है। याची ने पुलिस की ओर से खोली गई हिस्ट्रीशीट को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी।
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अधिवक्ता ने दलील दी कि पुलिस ने देर रात घर में घुसकर याची व उसके परिवार को मानसिक रूप से प्रताड़ित कर रही है। साथ ही बेवजह थाने ले जाकर परेशान कर रही है।
कोर्ट ने मामले में राज्य सरकार, पुलिस कमिश्नरेट प्रयागराज और संबंधित थाने के प्रभारी को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है। साथ ही देर रात आवासीय दबिश देने पर रोक लगा दी है। कोर्ट ने रजिस्ट्रार अनुपालन को निर्देश दिया है कि 48 घंटे के भीतर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट इलाहाबाद के माध्यम से आदेश के बारे में प्रयागराज के पुलिस आयुक्त को सूचित किया जाए। मामले की सुनवाई 11 जुलाई को होगी।