सब्सक्राइब करें
Hindi News ›   Uttar Pradesh ›   Prayagraj News ›   Deputy CM Keshav Prasad Maurya gets big relief from High Court, petition challenging degree dismissed

High Court : डिप्टी सीएम केशव को हाईकोर्ट से बड़ी राहत, डिग्री मामले में एफआईआर की मांग वाली याचिका खारिज

अमर उजाला नेटवर्क, प्रयागराज Published by: विनोद सिंह Updated Mon, 07 Jul 2025 01:19 PM IST
विज्ञापन
सार

Keshav Prasad Maurya : उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य की डिग्री को चुनौती देने वाली क्रिमिनल रिवीजन याचिका इलाहाबाद हाईकोर्ट ने खारिज कर दी है। यह याचिका अधिवक्ता दिवाकर नाथ त्रिपाठी ने दायर की थी।  न्यायमूर्ति संजय कुमार सिंह की पीठ ने कहा, याची इस मामले में न तो पीड़ित है और न ही कथित अपराध से प्रभावित है। प्रथम दृष्टया ऐसा लगता है कि यह कार्यवाही दुर्भावना से कोई लाभ प्राप्त करने या बदला लेने के इरादे से शुरू की गई है।

Deputy CM Keshav Prasad Maurya gets big relief from High Court, petition challenging degree dismissed
उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य। - फोटो : amar ujala

विस्तार
Follow Us

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य की डिग्री को चुनौती देते हुए एफआईआर दर्ज करने की मांग वाली दिवाकर नाथ त्रिपाठी की आपराधिक पुनरीक्षण याचिका खारिज कर दी। न्यायमूर्ति संजय कुमार सिंह की पीठ ने कहा, याची इस मामले में न तो पीड़ित है और न ही कथित अपराध से प्रभावित है। प्रथम दृष्टया ऐसा लगता है कि यह कार्यवाही दुर्भावना से कोई लाभ प्राप्त करने या बदला लेने के इरादे से शुरू की गई है।

विज्ञापन
loader
Trending Videos


प्रयागराज निवासी दिवाकर नाथ त्रिपाठी ने 2021 में केशव के खिलाफ एक आवेदन दायर कर एफआईआर दर्ज करने की मांग की थी। आरोप लगाया था कि केशव ने 2007, 2012 और 2014 के चुनावों में आयोग के समक्ष शैक्षिक योग्यताओं के बारे में गलत हलफनामा प्रस्तुत किया था। साथ ही इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन से पेट्रोल पंप हासिल करने के लिए भी जाली दस्तावेजों का इस्तेमाल किया था।
विज्ञापन
विज्ञापन


ट्रायल कोर्ट ने चार सितंबर 2021 को आवेदन खारिज कर दिया तो आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई। हाईकोर्ट ने याचिका 318 दिनों की देरी के कारण खारिज कर दी। इसके बाद याची ने इसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी। सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के आदेश को रद्द कर दिया और मामले को योग्यता के आधार पर तय करने का निर्देश दिया। इस पर फिर से हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की गई।

राज्य सरकार व केशव के वकीलों ने दलील दी कि याचिकाकर्ता का आवेदन विचारणीय नहीं है। क्योंकि, धोखाधड़ी या जालसाजी के अपराधों के लिए धोखाधड़ी के इरादे का अभाव है। इस मामले में याची एक तीसरा पक्ष है। याची को कोई सीधा, व्यक्तिगत या विशिष्ट नुकसान नहीं हुआ। इस मामले में चुनाव आयोग, प्रतिद्वंद्वी उम्मीदवार या इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन पक्षकार नहीं है। कोर्ट ने ट्रायल कोर्ट के चार सितंबर 2021 के आदेश को सही ठहराया और मामले में हस्तक्षेप करने से इन्कार कर दिया।

विज्ञापन
विज्ञापन

रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News App, iOS Hindi News App और Amarujala Hindi News APP अपने मोबाइल पे|
Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.

विज्ञापन
विज्ञापन

एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें

Next Article

एप में पढ़ें

Followed