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Payagraj : झूंसी थाने के पूर्व इंस्पेक्टर पर एक और मुकदमा दर्ज, 15 दिन के भीतर दूसरी एफआईआर

अमर उजाला नेटवर्क, प्रयागराज Published by: विनोद सिंह Updated Mon, 06 Nov 2023 06:00 PM IST
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सार

गणेश प्रसााद नायक रिद्धि सिद्दिध कॉलाेनी, राजनंद छत्तीसगढ़ के रहने वाले हैं। वह डेयरी उत्पादों व नमकीन की फैक्ट्री चलाते हैं और देश भर में सप्लाई करते हैं। उनका आरोप है कि झूंसी के उस्तापुर महमूदाबाद में दुकान चलाने वाले विनोद कुमार ने पिदले साल सामान के लिए उनसे संपर्क किया और ऑर्डर करते हुए खाते में 8.70 लाख रुपये भेज दिए।

Another case registered against former inspector of Jhunsi police station, second FIR within 15 days
inspector - फोटो : फाइल फोटो
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विस्तार
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झूंसी थाने के पूर्व इंस्पेक्टर वैभव सिंह पर एक और एफआईआर दर्ज की गई है। छत्तीसगढ़ निवासी फैक्ट्री मालिक ने समझौता पत्र पर जबरन हस्ताक्षर कराने, धमकी देने समेत अन्य आरोप में इंस्पेक्टर व एक अन्य पर केस लिखाया है। उसने थाने में सुनवाई न होने पर कोर्ट में गुहार लगाई थी। कोर्ट के आदेश पर रिपोर्ट दर्ज की गई।

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गणेश प्रसााद नायक रिद्धि सिद्दिध कॉलाेनी, राजनंद छत्तीसगढ़ के रहने वाले हैं। वह डेयरी उत्पादों व नमकीन की फैक्ट्री चलाते हैं और देश भर में सप्लाई करते हैं। उनका आरोप है कि झूंसी के उस्तापुर महमूदाबाद में दुकान चलाने वाले विनोद कुमार ने पिदले साल सामान के लिए उनसे संपर्क किया और ऑर्डर करते हुए खाते में 8.70 लाख रुपये भेज दिए। इसके बाद सितंबर व नवंबर में कुल मिलाकर 6.71 लाख रुपये का सामान उनके पास भेज दिया गया।

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भुगतान की गई रकम में से 1.98 लाख रुपये के सामान की डिलीवरी शेष थी कि आरोप है कि गलत मंशा से विनोद ने बाकी सामान भेजने से मना कर दिया और पूर्व में भेजे गए सामान की वापसी का दबाव बनाने लगा। फैक्ट्री मालिक का आरोप है कि विवाद से बचने के लिए 25 दिसंबर को उसने सामान वापसी के लिए अपना वाहन भेजा तो दुकानदार ने स्थानीय पुलिस की मदद से अवैध तरीके से उसे कब्जे में ले लिया। इस संबंध में बात करने पर उसने वाहन देने से इंकार करते हुए 8.70 लाख रुपयों की मांग की।

बकौल वादी, 24 फरवरी को वह घटना की शिकायत लेकर झूंसी थाने पहुंचा तो कार्रवाई की बजाय उसे हिरासत में ले लिया गया और समझौते का दबाव बनाया जाने लगा। अगले दिन जबरन समझौता पत्र पर दस्तखत करा लिया गया। यही नहीं 5.81 लाख रुपये के दो चेक भी ले लिए गए। यह भी कहा गया कि चेक भुगतान होने तक वाहन विनोद के पास रहेगा।

वादी का आरोप है कि उसने मार्च में अफसरों को भी शिकायती पत्र भेजा लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। उसका कहना है कि दिसंबर 2022 से उसका वाहन आरोपी के कब्जे में है। इससे वह अपने अन्य ग्राहकों को सामान की डिलीवरी नहीं कर पा रहा है और उसे तगड़ा आर्थिक नुकसान हो रहा है। प्रार्थनापत्र पर सुनवाई के बाद कोर्ट ने रिपोर्ट दर्ज करने का आदेश दिया। जिसके आधार पर झूंसी थाने में रविवार को एफआईआर दर्ज कर ली गई।

17 दिन पहले भी दर्ज हुआ था केस

इंस्पेक्टर वैभव सिंह पर 17 दिन में यह दूसरी एफआईआर हुई है। 19 अक्तूबर को नैका महीन झूंसी निवासी डॉ. विपिन कुमार सिंह ने जबरन बंधक बनाने, अवैध कब्जा, गालीगलौज, फर्जी मुकदमे में फंसाने की धमकी देने समेत अन्य धाराओ में इंस्पेक्टर समेत पांच पर केस दर्ज कराया था। आरोप है कि झूंसी निवासी रतन कुमा अग्रवाल ने उनकी जमीन पर कब्जा करने की कोशिश की। विरोध पर उसे इंस्पेक्टर ने मोबाइल छीनकर रात आठ बजे तक थाने में बैठाए रखा। यही नहीं आरोप यह भी है कि 20 लाख रुपये न देने पर फर्जी केस में फंसाने की धमकी दी।

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