Kaushambi : कौशाम्बी के लोहंदा कांड में बड़ा एक्शन, जांच प्रतापगढ़ एसआईटी के हवाले
सैनी थाना क्षेत्र के चर्चित लोहंदा गांव में बेटे को कथित दुष्कर्म के मामले में फंसाए जाने के आरोप में पिता रामबाबू तिवारी द्वारा आत्महत्या करने के मामले की जांच अब प्रतापगढ़ की एसआईटी करेगी। जांच की निगरानी स्वयं आईजी प्रयागराज करेंगे। इसका आदेश जारी हो गया है।

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कौशाम्बी के बहुचर्चित लोहंदा कांड की जांच में बड़ा मोड़ आ गया है। अब इस प्रकरण की विवेचना कौशाम्बी से हटाकर प्रतापगढ़ की एसआईटी (विशेष जांच टीम) को सौंप दी गई है। एडीजी जोन डॉ. संजीव गुप्ता ने इस संबंध में निर्देश जारी कर दिए हैं। लोहंदा गांव में तीन अलग-अलग घटनाओं को लेकर सैनी थाने में मुकदमे दर्ज किए गए थे। ये मुकदमे पॉक्सो एक्ट, सात सीएलए एक्ट और संपत्ति क्षति निवारण अधिनियम जैसी गंभीर धाराओं में पंजीकृत हैं। इन सभी मामलों की संवेदनशीलता को देखते हुए निष्पक्ष विवेचना के लिए एसआईटी प्रतापगढ़ को जिम्मेदारी दी गई है।

पुलिस अधीक्षक, प्रतापगढ़ को निर्देशित किया गया है कि वह एसआईटी का गठन करें। इसमें एक उप निरीक्षक और एक महिला उप निरीक्षक को शामिल करें। यह एसआईटी इन तीनों मुकदमों की जांच करे। साथ ही वह खुद विवेचना का पर्यवेक्षण करें। एडीजी जोन की ओर से यह भी कहा गया है कि आईजी रेंज प्रयागराज अजय कुमार मिश्रा इस केस की रोजाना समीक्षा करेंगे। विवेचना में एसआईटी को मार्गदर्शन भी देंगे। ताकि, किसी भी स्तर पर लापरवाही की कोई गुंजाइश न रहे। एडीजी जोन ने बताया कि कार्रवाई का उद्देश्य यही है कि जांच निष्पक्ष व पारदर्शी तरीके से हो।
क्या है लोहंदा कांड
- गांव निवासी आठ साल की बालिका से दुष्कर्म के आरोप में सिद्धार्थ तिवारी को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया।
- आरोपी के पिता रामबाबू तिवारी ने बेटे को चुनावी रंजिश के चलते फर्जी फंसाए जाने का आरोप लगाकर थाने के सामने जहर खाकर जान दे दी।
- मौत से पहले शरीर पर सुसाइड नोट भी लिखा।
- बाद में अंतिम संस्कार के लिए शव ले जाए जाने के दौरान परिजनों के जाम लगाने पर भी जमकर हंगामा हुआ।
- पुलिस ने तीनों ही घटनाओं के संबंध में अलग-अलग मुकदमे पंजीकृत किए।
- इन्हीं तीनों मुकदमों की विवेचना अब प्रतापगढ़ एसआईटी के हवाले की गई है।