High Court : आदेश के बावजूद न दिया अंक, न दाखिल किया हलफनामा, खफा कोर्ट ने 24 घंटे में तलब किया स्पष्टीकरण
यह आदेश न्यायमूर्ति रोहित रंजन अग्रवाल की अदालत ने याची उपेंद्र कुमार दयाल व अन्य की ओर से दाखिल अवमानना याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई करते हुए दिया है। गौरतलब है कि 69000 सहायक अध्यापक भर्ती में जारी हुई गलत उत्तर कुंजी को अभ्यार्थियों ने इलाहाबाद और लखनऊ बेंच में चुनौती दी थी।
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इलाहाबाद हाईकोर्ट की ओर से सहायक अध्यापकों की भर्ती की गलत उत्तर कुंजी जारी करने पर याचियों को एक नंबर देने के आदेश का अनुपालन करने में परीक्षा नियामक प्राधिकारी फिर असफल रहा। इससे नाराज कोर्ट ने बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव से 24 घंटे के भीतर आदेश के अनुपालन न होने का कारण स्पष्ट करते हुए हलफनामा तलब किया है। मामले की अगली सुनवाई 23 नवंबर को होगी।
यह आदेश न्यायमूर्ति रोहित रंजन अग्रवाल की अदालत ने याची उपेंद्र कुमार दयाल व अन्य की ओर से दाखिल अवमानना याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई करते हुए दिया है। गौरतलब है कि 69000 सहायक अध्यापक भर्ती में जारी हुई गलत उत्तर कुंजी को अभ्यार्थियों ने इलाहाबाद और लखनऊ बेंच में चुनौती दी थी। हाईकोर्ट ने 25 अगस्त 2021 को गलत उत्तर कुंजी के एवज में अभ्यार्थियों को एक नंबर प्रदान करने का आदेश दिया था। इस आदेश को राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट द्वारा अभ्यार्थियों के पक्ष में पारित आदेश पर अपनी मुहर लगाई थी।
हाईकोर्ट और सुप्रीमकोर्ट के आदेशों के बावजूद नियामक प्राधिकारी द्वारा अभ्यार्थियों को एक अंक न प्रदान किए जाने पर इलाहाबाद हाईकोर्ट और लखनऊ बेंच में याचियों ने अवमानना याचिका दाखिल की थी। सुनवाई के दौरान लखनऊ बेंच ने बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव प्रताप सिंह बघेल और नियामक प्राधिकारी के सचिव अनिल भूषण चतुर्वेदी को तलब किया था।
इलाहाबाद हाईकोर्ट में पिछली सुनवाई के दौरान 17 नवंबर को कोर्ट ने नियुक्ति व अंक प्रदान करने संबंधी कार्य प्रगति के बारे में बेसिक शिक्षा परिषद से जानकारी मांगने के साथ परीक्षा नियामक प्राधिकारी के सचिव से व्यक्तिगत हलफनामा तलब किया था। मंगलवार को नियत सुनवाई के दौरान बेसिक शिक्षा और नियामक प्राधिकारी की ओर से लखनऊ बेंच में लंबित अपील का हवाला देते हुए न प्रगति रिपोर्ट पेश की गई न ही हलफनामा दाखिल नहीं किया गया। जिससे खफा कोर्ट ने इसे प्रथम दृष्टया अवमानना माना।
बेसिक शिक्षा परिषद के वकील यतींद्र ने दलील दी कि लखनऊ बेंच में स्पेशल अपील लंबित है। जब तक वह मामला तय नहीं हो जाता तब तक कट ऑफ तय नहीं किया जा सकता।याचियों के अधिवक्ता अनुराग त्रिपाठी और राहुल कुमार मिश्र की प्रार्थना पर कोर्ट ने बेसिक शिक्षा परिषद के प्रमुख सचिव डाॅ. एमकेएस सुंदरम को अवमानना याचिका में पक्षकार बनाने की अनुमति दे दी। अधिवक्ताओं ने कोर्ट को बताया कि लखनऊ में आरक्षण से संबंधित लंबित अपील न तो राज्य सरकार की ओर से दाखिल की गई है न ही बेसिक शिक्षा परिषद की ओर से। इस मामले से लंबित अपील का कोई वास्ता और सरोकार नही है।