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MNNIT : स्पाइडर रोबोट की नजर से नहीं बच पाएंगे दुर्गम इलाकों में छिपे दुश्मन, अंधेरे में भी खींचेगा साफ तस्वीर

श्रीकांत मिश्र, प्रयागराज Published by: विनोद सिंह Updated Thu, 22 Feb 2024 01:46 PM IST
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सार

एमएनएनआईटी के छात्रों ने एक ऐसा स्पाइडर रोबोट तैयार किया है जो कई मायने में बेहद उपयोगी है। यह दुर्गम इलाकों में बिना किसा आवाज के अपना काम कर सकता है और अंधेरे में भी साफ तस्वीरे खींच सकता है। पांच छात्रों ने आठ माह की कड़ी मशक्कत के बाद इसे तैयार किया है।

Enemies hidden in inaccessible areas will not be able to escape from the sight of spider robot
स्पाइडर रोबोट। - फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
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दुर्गम इलाकों में छिपे दुश्मन अब स्पाइडर रोबोट की नजर से नहीं बच पाएंगे। इसे बनाया है मोतीलाल नेहरू राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एमएनएनआईटी) के छात्रों ने। मकड़ी की कार्यविधि की नकल करके इसे बनाया गया है। यह रोबोट चारों तरफ घूमने के साथ ही ऊंचाई पर चढ़ाई भी कर सकता है और अंधेरे में भी साफ तस्वीरें खींच सकता है।

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यह रोबोट सैन्य अभियानों में उपयोगी साबित हो सकता है। इसकी मदद से सीमांत इलाकों की निगरानी, सीमा पर स्थित दुर्गम इलाकों के बारे में सूचना जुटाने में आसानी होगी। इसकी खास बात यह है कि बिना आवाज किए और पैरों के निशान छोड़े बिना यह अपना काम पूरा करने में सक्षम है। हालांकि, यह सेना में इस्तेमाल होगा यह अभी स्पष्ट नहीं है।
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पांच छात्रों ने आठ माह में किया है तैयार

 
एमएनएनआईटी के प्रो आनंद शर्मा और प्रो असीम मुखर्जी के निर्देशन में पांच छात्रों ने मिलकर इसे बनाया है। इसे देवेंद्र सैनी (मेंटर), अविनाश गुप्ता, राज कुशवाहा, मोहम्मद कैफ और यासिर खान ने आठ महीने की कड़ी मशक्कत के बाद बनाकर तैयार किया है।


प्रो. आनंद शर्मा ने बताया कि सैन्य अभियानों के अतिरिक्त इसका प्रयोग अन्य क्षेत्रों में भी किया जा सकता है। अनुसंधान और शोध की दृष्टि से जिन क्षेत्रों में वैज्ञानिक नहीं पहुंच सकते हैं, वहां का उपयोगी डाटा भी इसकी मदद से हासिल किया जा सकता है। कृषि के क्षेत्र में भी इसकी मदद ली जा सकती है। इसकी सहायता से पौधों के विकास की प्रगति और उनमें लगने वाले रोगों की पहचान भी संभव हो पाएगी।

अत्याधुनिक तकनीक का किया गया है इस्तेमाल

स्पाइडर रोबोट में सॉफ्टवेयर के तौर पर कई तरह के सेंसर्स के साथ माइक्रो कंट्रोलर (आर्ड्युनो), प्रोग्रामिंग भाषा (सी++) और हार्डवेयर में गति के लिए सर्वो मोटर, जंपर वायर्स जैसे उपकरणों का इस्तेमाल किया गया है। इसको ब्लूटूथ की सहायता से कनेक्ट करके संचालित किया जाता है। इसमें थर्मल सेंसर्स भी लगाए गए हैं, जिनकी मदद से अंधेरे में भी साफ तस्वीरें खींच सकता है। हालांकि, ऊर्जा के लिए साधारण बैटरी का इस्तेमाल ही किया गया है, एक बार पूरा चार्ज करने पर यह चार से पांच घंटे तक काम कर सकता है।


हमारा संस्थान नवाचार में हमेशा आगे रहा है। स्पाइडर रोबोट एक नया और उन्नत तकनीक वाला उपकरण है। छात्रों ने कड़ी मेहनत से इसे तैयार किया है। आगे भी इस तरह के अनुप्रयोग संस्थान में होते रहेंगे। - प्रोॅ पीतम सिंह, प्रेसीडेंट स्टुडेंट एक्टिविटी सेंटर, एमएनएनआईटी

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