Mahakumbh : स्वीकर ओम बिड़ला और केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल पहुंचे महाकुंभ, चिदानंद सरस्वती का लिया आशीर्वाद
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला और केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने शनिवार को संगम में डुबकी लगाई। दोनों नेताओं ने परमार्थ आश्रम निकेतन त्रिवेणी पुष्प अरैल में स्वामी चिदानंद का आशीर्वाद लिया। आश्रम में आयोजित आदिवासी सम्मेलन में भी शिरकत की।

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लोकसभा स्पीकर ओम बिरला और केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल शनिवार को प्रयागराज पहुंचे। प्रयागराज एयरपोर्ट पर दोनों नेताओं का स्वागत यूपी सरकार के कैबिनेट मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी ने किया। दोनों नेताओं ने संगम में डुबकी लगाई। इसके बाद अरैल स्थित परमार्थ निकेतन आश्रम पहुंचकर स्वामी चिदानंद सरस्वती का आशीर्वाद लिया। परमार्थ निकेतन में आयोजित चार दिवसीय कीवा महाकुंभ में भी दोनों ने हिस्सा लिया।

कीवा कुंभ के चार दिवसीय आयोजन में आध्यात्मिक परंपराओं, प्रार्थनाएं, अनुष्ठान, कहानियां और आध्यात्मिक संवादों के साथ आदिवासी धर्मगुरु यह एहसास दिलाते हैं कि भले ही हम अलग-अलग हों, अलग-अलग देशों में रहते हों लेकिन हम एक मानव परिवार हैं, जो महाकुंभ प्रयागराज में पृथ्वी और उसके भविष्य के लिए एकजुट हुए हैं। हम सभी यहां पर मानवता और प्रकृति के बीच सामंजस्यपूर्ण संबंधों को फिर से स्थापित करने के लिए एक साथ आए हैं। अपनी परंपराओं से जुड़कर पृथ्वी के साथ सामंजस्यपूर्ण सह-अस्तित्व को फिर से बनाना चाहते हैं। इसी उद्देश्य को लेकर 700 से अधिक आदिवासी नेताओं और संस्कृतियों को एकजुट किया है।
कीवा कुंभ परंपराओं के सम्मान और एकजुटता का महोत्सव
स्वामी चिदानंद सरस्वती जी ने कहा कि महाकुंभ परंपराओं के सम्मान और एकजुटता का महोत्सव है। कीवा कुंभ का उत्सव एक दिव्य प्रतीक है। यह एक अवसर है, जब हम सभी एकजुट होकर अपनी धरती माता के प्रति सम्मान, प्रेम और कृतज्ञता प्रकट कर सकते हैं। आइए हम सभी इस यात्रा का हिस्सा बनें, और अपनी आदिवासी संस्कृतियों की अमूल्य धरोहर को सम्मान दें। हमारे द्वारा एकजुट होकर किया गया प्रयास हमारी धरती माता को फिर से संजीवनी देने वाली बना सकता है। यह आयोजन हम सभी को एक बड़ा वैश्विक परिवार और वसुधैव कुटुंबकम के सूत्र के साथ जोड़ने का अवसर प्रदान करेगा। वास्तव में कीवा उत्सव विविधता में एकता का दिव्य उत्सव है।
ओम बिरला बोले- भारतीय संस्कृति विविधताओं की मिसाल
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने कहा कि भारत की संस्कृति विविधताओं में एकता की मिसाल है। यहां विभिन्न धर्मों, भाषाओं और परंपराओं का संगम है, जहां हर संस्कृति को समान सम्मान मिलता है। भारतीय समाज में समन्वय और समरसता की भावना सदैव रही है। भगवद गीता, वेद, उपनिषद, और अन्य सभी ग्रंथ, सहिष्णुता और सहअस्तित्व का संदेश देते हैं। भारत में विविधता को न केवल सहन किया गया, बल्कि इसे अपनाया और सम्मानित किया गया। यही भारतीय संस्कृति की ताकत है, जो हमें एकजुट रहने की प्रेरणा देती है।
वाणिज्य और उद्योग मंत्री, भारत सरकार, श्री पीयूष गोयल ने कहा कि चिदानंद सरस्वती ने पूरे विश्व में भारतीय संस्कृति का न केवल प्रचार-प्रसार किया बल्कि विभिन्न संस्कृतियों को आमंत्रित भी किया है। संस्कृतियों को आदान-प्रदान पूरे विश्व को एक सूत्र में जोड़ता है। भारत के पास सभी से जुड़ने व सभी को जोड़ने का अद्भुत सूत्र है। कीवा कुंभ को महाकुंभ में आयोजित करने का उद्देश्य आदिवासी क्षेत्र की देखभाल और संरक्षण, प्रकृति की सुरक्षा मूल भाषाओं और सांस्कृतिक धरोहर का संरक्षण, आदिवासियों की पहचान को स्वीकारना, सम्मानित करना, आदिवासियों की संस्कृतियों का संरक्षण, स्वस्थ और सतत अर्थव्यवस्थाओं का निर्माण करना है।
कई देशों के प्रतिनिधि ले रहे हैं हिस्सा
कीवा महाकुंभ में भारत सहित जर्मनी के आदिवासी लीडर्स हेल्मुट किजेलमैन, मेक्सिको, हेनबर्टो विलासेनियर, अल्फोंसो गोंजालेज वेलेजक्वेज, बेनिन से एपोलिनायर उस्सौ, ऑस्ट्रेलिया से विरुन्ग्गा डुंग्गीइर, मैन्युएल एंटोनियो ऑक्स्टे लियोन, कोलंबिया से जूलियो मुनोज लिनो, नुबिया रोड्रिगेज, बाली से इडा आयू पुतु पूमामावती, पेरू से मार्टिना ममानी अरॉस्कीपा, ग्रिवानेसा फ्लोरेस ममानी, इटली से वैलेनटीना रोता, मंगोलिया से ओड्सुरेन संगिबात, आदियामा ल्खागवा, सेलमेग डेमचिग्दोरी तथा अब तक मेक्सिको, स्पेन, जर्मनी, इटली, अर्जेंटीना, कोलंबिया, संयुक्त राज्य अमेरिका, पेरू, ग्रेट ब्रिटेन, जापान, ब्राजील, चिली, पुर्तगाल, नीदरलैंड्स, इक्वाडोर, फ्रांस, स्कॉटलैंड, ऑस्ट्रेलिया आदि देशों के प्रतिभागियों ने सहभाग किया। स्वामी जी ने ओम बिड़ला और पीयूष गोयल को रुद्राक्ष का पौधा भेंट कर महाकुंभ में उनका अभिनंदन किया।