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Prayagraj : नया स्लैब लागू होने से पहले डंप माल को लेकर भ्रम की स्थिति, नवरात्र को लेकर ग्राहक टाल रहे खरीदारी
अमर उजाला नेटवर्क, प्रयागराज
Published by: विनोद सिंह
Updated Sat, 06 Sep 2025 05:48 PM IST
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सार
जीएसटी का चेहरा बदला तो बाजार के अच्छे दिन भी लौटते दिखाई देने लगे। पांच और 18 फीसदी स्लैब में जीएसटी तय होने के बाद व्यापारियों को भरोसा है कि बाजार अब पूरी रफ्तार से दौड़ेगा।

प्रतीकात्मक तस्वीर
- फोटो : एएनआई
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विस्तार
जीएसटी का चेहरा बदला तो बाजार के अच्छे दिन भी लौटते दिखाई देने लगे। पांच और 18 फीसदी स्लैब में जीएसटी तय होने के बाद व्यापारियों को भरोसा है कि बाजार अब पूरी रफ्तार से दौड़ेगा। नया स्लैब 22 सितंबर से लागू होना है। ऐसे में कुछ व्यापारी अपने यहां डंप पड़े माल को लेकर भी परेशान हैं। अधिकांश का यही मानना है कि पूर्व में उन्होंने जो खरीदारी की उसे लेकर भी स्पष्ट गाइड लाइन जारी होनी चाहिए।

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जीएसटी स्लैब को लेकर किए गए बदलाव से उपभोक्ता ही नहीं व्यापारियों में भी बड़ा उत्साह है। हालांकि इस उत्साह के साथ ही व्यापारियों के मध्य एक शंका भी पैदा हो गई है कि जो माल उनके पास पड़ा है, उस पर जीएसटी किस दर से लगेगा। खासतौर से यदि इलेक्ट्रॉनिक, मोबाइल, ऑटोमोबाइल सेक्टर की बात करें तो जिन कारोबारियों ने 28 फीसदी जीएसटी का भुगतान कर माल खरीदा है और 22 सितंबर से उनके उत्पाद पर 18 फीसदी जीएसटी लगना है। क्योंकि व्यापारी ने खरीदते समय 28 फीसदी जीएसटी दिया है और बेचते समय 18 फीसदी लेना है तो ऐसे में अतिरिक्त दिए गए 10 फीसदी जीएसटी का क्या होगा।
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अगर सरकार उनसे लिए हुए इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) को वापस मांगती है तो ऐसे में व्यापारी के लिए 22 सितंबर से माल बेच पाना मुमकिन नहीं होगा। साथ ही यह भी संभव नहीं होगा कि वह 18 फीसदी का माल खरीदे और उसके लिए अतिरिक्त पूंजी का जुटान करे। कंफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र गोयल का कहना है कि बाजार में भ्रम की स्थिति को देखते हुए इस बारे में सरकार से स्पष्टीकरण जारी करने की मांग की गई है।