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प्रयागराज के राहुल केशरवानी का टिक टॉक को जवाब, बनाया टनाटन ऐप
अमर उजाला नेटवर्क, प्रयागराज
Published by: विनोद सिंह
Updated Sun, 03 Jan 2021 12:42 AM IST
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एप्स
- फोटो : getty
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कुछ महीने पहले जब केंद्र सरकार ने टिक टॉक समेत तमाम चाइनीज ऐप को बैन किया तो सोशल मीडिया पर सक्रिय तमाम युवा निराश हो गए। हालांकि जल्द ही टिक टॉक का तोड़ निकाल लिया गया और कई ऐप लांच किए गए। लेकिन जिस एप को सबसे ज्यादा सफलता मिली वह ‘टनाटन’ एप रहा। यह उपलब्धि आई प्रयागराज के राहुल केसरवानी के खाते में।
आलम यह है कि कोरोना संक्रमण काल में राहुल के ‘टनाटन’ एप को 50 लाख से भी ज्यादा लोगों ने डाउनलोड किया है। जिले के बारा तहसील के एक साधारण परिवार के राहुल आज इंटरनेट की दुनिया पर छा गए हैं। फिलहाल राहुल की स्टार्टअप कंपनी में कई बड़ी कंपनियां निवेश करने जा रही हैं। राहुल के परिवार वाले बहुत खुश हैं।
राहुल बारा तहसील के गोबरा तहरार गांव के रहने वाले हैं। पिता गुरु प्रसाद केसरवानी किराने की दुकान चलाते हैं। इंजीनियरिंग करने के बाद राहुल ने एक मल्टीनेशनल कंपनी ज्वाइन कर ली लेकिन नौकरी में मन नहीं लगा। ऐसे में नौकरी छोड़ी और प्रयागराज में एक मेडिकल स्टार्टअप शुरू किया। वह नहीं चला। इसके बाद फुटबाल मैचों की लाइव स्ट्रीमिंग का स्टार्ट अप शुरू किया।
वह भी बंद हो गया। इसके बाद एक ऐप में काम किया जो गुमशुदा लोगों को ढूंढने में मदद करती थी। यहां भी कुछ खास पहचान नहीं मिली। इसी दौरान लॉकडाउन लग गया। इसी बीच चीन से तनातनी के बीच केंद्र सरकार ने टिकटॉक समेत तमाम ऐप बैन कर दिए। यहीं से राहुल को कुछ नया करने का आइडिया आया। तय किया कि टिकटॉक का विकल्प तैयार करना है और इस तरह टनाटन एप बनाया।
तमाम लोगों से आर्थिक मदद ली गई। जल्द ही यह एप युवाओं में लोकप्रिय बन गया। दुबई की एक कंपनी ने एक करोड़ का इन्वेस्टमेंट किया। राहुल कहते हैं कि टनाटन ऐप को 50 लाख लोग डाउनलोड कर चुके हैं। हालांकि मंजिल अभी दूर है। वहीं अब तक नाराज चल रहे पिता भी राहुल की कामयाबी से खुश हैं।

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आलम यह है कि कोरोना संक्रमण काल में राहुल के ‘टनाटन’ एप को 50 लाख से भी ज्यादा लोगों ने डाउनलोड किया है। जिले के बारा तहसील के एक साधारण परिवार के राहुल आज इंटरनेट की दुनिया पर छा गए हैं। फिलहाल राहुल की स्टार्टअप कंपनी में कई बड़ी कंपनियां निवेश करने जा रही हैं। राहुल के परिवार वाले बहुत खुश हैं।
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राहुल बारा तहसील के गोबरा तहरार गांव के रहने वाले हैं। पिता गुरु प्रसाद केसरवानी किराने की दुकान चलाते हैं। इंजीनियरिंग करने के बाद राहुल ने एक मल्टीनेशनल कंपनी ज्वाइन कर ली लेकिन नौकरी में मन नहीं लगा। ऐसे में नौकरी छोड़ी और प्रयागराज में एक मेडिकल स्टार्टअप शुरू किया। वह नहीं चला। इसके बाद फुटबाल मैचों की लाइव स्ट्रीमिंग का स्टार्ट अप शुरू किया।
वह भी बंद हो गया। इसके बाद एक ऐप में काम किया जो गुमशुदा लोगों को ढूंढने में मदद करती थी। यहां भी कुछ खास पहचान नहीं मिली। इसी दौरान लॉकडाउन लग गया। इसी बीच चीन से तनातनी के बीच केंद्र सरकार ने टिकटॉक समेत तमाम ऐप बैन कर दिए। यहीं से राहुल को कुछ नया करने का आइडिया आया। तय किया कि टिकटॉक का विकल्प तैयार करना है और इस तरह टनाटन एप बनाया।
तमाम लोगों से आर्थिक मदद ली गई। जल्द ही यह एप युवाओं में लोकप्रिय बन गया। दुबई की एक कंपनी ने एक करोड़ का इन्वेस्टमेंट किया। राहुल कहते हैं कि टनाटन ऐप को 50 लाख लोग डाउनलोड कर चुके हैं। हालांकि मंजिल अभी दूर है। वहीं अब तक नाराज चल रहे पिता भी राहुल की कामयाबी से खुश हैं।