Prayagraj Weather : शीतलहर संग गलन हावी, घने कोहरे से दृश्यता शून्य
सर्दी का सितम जारी है। रविवार को पहाड़ों से आने वालीं सर्द पछुआ हवाओं के प्रभाव से गलन बढ़ गई। सुबह घने कोहरे की वजह से दृश्यता शून्य रही। शीतलहर संग गलन की वजह से लोग कांपते रहे।
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सर्दी का सितम जारी है। रविवार को पहाड़ों से आने वालीं सर्द पछुआ हवाओं के प्रभाव से गलन बढ़ गई। सुबह घने कोहरे की वजह से दृश्यता शून्य रही। शीतलहर संग गलन की वजह से लोग कांपते रहे। मौसम विभाग का पूर्वानुमान है कि सोमवार को भी घना कोहरा रहेगा। तापमान में कमी की वजह से शीत दिवस (कोल्ड डे) की चेतावनी जारी की गई है। फिलहाल 31 दिसंबर तक गलन वाली सर्दी से राहत मिलने के आसार कम हैं।
रविवार को सुबह कोहरा घना रहा, यही स्थिति सोमवार को भी रह सकती है। घने कोहरे की वजह से दृश्यता शून्य हुई तो हाईवे सहित अन्य सड़कों पर वाहन सवार हेड लाइट जलाकर धीरे-धीरे रेंगते रहे। दिन के अधिकतम तापमान में लगातार कमी दर्ज की गई और रात का तापमान भी गोता लगा गया। घना कोहरा पानी की बूंदों जैसा टपकता रहा।
अधिकतम तापमान करीब दो डिग्री कम होकर 14.6 डिग्री और न्यूनतम तापमान करीब एक डिग्री कम होकर आठ डिग्री सेल्सियस पर पहुंच गया। सर्दी से ठिठुरते लोग राहत पाने के लिए अलाव के इर्द-गिर्द बैठे रहे। रविवार को छुट्टी के दिन अधिकतर लोग घरों में ही रहे। घर से बाहर निकले लोग टोपी, मफलर के साथ दस्ताने भी पहने रहे। शरीर के खुले हिस्सों पर सर्द हवाएं नश्तर की तरह चुभीं। हाथ और पैरों की उंगलियां गलन से सुन्न पड़ गईं।
मौसम वैज्ञानिक इविवि के शैलेंद्र कुमार राय के मुताबिक पहाड़ों पर बर्फबारी की वजह से तापमान में कमी आई है। सर्द पछुआ हवाओं की वजह से कम से कम तीन दिन अभी तापमान और गिर सकता है। साथ ही गलन वाली सर्दी परेशानी का कारण बनेगी। इस बीच कोहर भी घना होगा लेकिन दिन में हल्की धूप कुछ राहत दे सकती है। उन्होंने बताया कि स्थिति कोल्ड वेव की हो सकती है।
खूब बिके टोपी, मफलर, मोजे और दस्ताने
सर्दी बढ़ते ही ऊनी कपड़ों का बाजार गर्म हो गया है। चौक, कोठापार्चा, कटरा, सिविल लाइंस और अन्य मोहल्लों के बाजारों में टोपी, मफलर, मोजे और दस्ताने खरीदने वालों की संख्या अधिक रही। थर्मल वियर खरीदने वालों की संख्या अन्य दिनों की अपेक्षा ज्यादा थी। व्यापारियों का कहना है कि थोक बाजार में इन वस्तुओं की उपलब्धता कम हो गई है।
लइया, चिक्की, पट्टी, गजक की मांग
सर्दी कड़क होते ही मूंगफली ही नहीं लइया, चिक्की, पट्टी के साथ गजक की मांग भी बढ़ गई है। चौक के लोकनाथ समेत अन्य मोहल्लों में इन वस्तुओं की लोग खरीदारी करते दिखे। चौराहों पर ठेलों पर भी इन दिनों मूंगफली के साथ इन वस्तुओं की बिक्री हो रही है।
कान-सिर जरूर ढकें, मोजे भी पहनना जरूरी
सर्द हो रहे मौसम में डॉक्टर विशेष एहतियात बरतने की सलाह दे रहे हैं। एसआरएन अस्पताल में नाक, कान और गला रोग विभाग के अध्यक्ष डॉ. सचिन जैन के मुताबिक सर्दी के इस मौसम में कान-सिर जरूर ढकें। साथ ही मोजे पहनने भी जरूरी हैं।
