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Prayagraj: पुण्यतिथि पर सराही गईं कविताएं, न्यायमूर्ति शैलेंद्र क्षतिज बोले-लोकरंग के अद्भुत कवि थे कैलाश गौतम

अमर उजाला नेटवर्क, प्रयागराज Published by: विनोद सिंह Updated Sun, 28 Dec 2025 07:35 PM IST
सार

कैलाश गौतम सृजन संस्थान की ओर से हिंदुस्तानी एकेडमी में रविवार को कवि कैलाश गौतम की स्मृति में 19वीं पुण्यतिथि पर राष्ट्रीय काव्य कुंभ समारोह का आयोजन किया गया।

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Prayagraj: Poems appreciated on death anniversary, Justice Shailendra Kshitij said Kailash Gautam
जनकवि कैलाश गौतम की पुण्यतिथि पर कवि सम्मेलन का आयोजन हिंदुस्तानी एकेडमी में किया गया। - फोटो : अमर उजाला।
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विस्तार
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कैलाश गौतम सृजन संस्थान की ओर से हिंदुस्तानी एकेडमी में रविवार को कवि कैलाश गौतम की स्मृति में 19वीं पुण्यतिथि पर राष्ट्रीय काव्य कुंभ समारोह का आयोजन किया गया। मुख्य अतिथि न्यायमूर्ति क्षितिज शैलेंद्र ने कहा कि कैलाश गौतम की कविताओं में समय-समाज का सच और विडंबनाओं विद्रुपताओं के विरुद्ध खड़े होने का साहस भी है। वे लोकरंग के अद्भुत कवि थे। उनकी कविताओं में जीवन का दर्शन और व्यवहारिक संकटों का यथार्थ चित्रण है।

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समारोह के अध्यक्ष न्यायमूर्ति अशोक कुमार ने कहा कि कैलाश गौतम आम आदमी व लोकरंग के कालजयी कवि हैं। उनकी रचनाओं में इतिहास का संदर्भ, समय से मुठभेड़ का साहस और भविष्य के प्रति एक आशा व उम्मीद की किरण भी है। इतना ही नहीं कैलाश की रचनाओं में यथार्थ का सजीव चित्रण हैं। न्यायमूर्ति विपिन चंद्र दीक्षित ने कहा कि महाकुंभ के समय कैलाश की ‘अमौसा का मेला’ कविता सोशल मीडिया पर धूम मचा रही थी।

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विशिष्ट वक्ता हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष राकेश पांडेय बबुआ, एनसीजेडसीसी के निदेशक सुदेश शर्मा, अंजनी कुमार सिंह, डॉ. एसएम सिंह, अखिलेश शर्मा, मनोज कुमार सिंह, अजीत विक्रम सिंह ने भी अपने विचार व्यक्त किए।

इसके बाद कवि सम्मेलन में रचनाकारों ने कविताएं पढ़ीं। संयोजक डॉ. श्लेष गौतम ने पढ़ा कि गिरने के इस दौर का आंखों देखा हाल, पारा जाड़े में गिरा, नीयत पूरे साल...। अयोध्या के जमुना प्रसाद उपाध्याय ने कहा कि जुगनू भी मेरे घर में चमकने नहीं देते, कुछ लोग अंधेरों को सिमटने नहीं देते, नदी के घाट पर भी यदि सियासी लोग बस जाएं, तो प्यास होंठ एक-एक बूंद पानी को तरस जाएं...।

इसके बाद आगरा के शशांक प्रभाकर ‘नीरज’, दान बहादुर सिंह, राजस्थान के डॉ. सुरेंद्र सार्थक, गाजियाबाद के सरोज त्यागी, राजस्थान के डॉ. आदित्य जैन, बस्ती के महेश प्रताप श्रीवास्तव, लखनऊ की हेमा पांडेय, सीतापुर की अंकिता शुक्ला, मुरादाबाद के शरीफ भारती, उरई के पुष्पेंद्र पुष्प, शिमला के अभिषेक तिवारी ने भी कविताएं पढ़ीं।

संचालन अजीत सिंह व डॉ. श्लेष गौतम और धन्यवाद ज्ञापित अनुराग अरोरा व मनीष घोष ने किया। इस मौके पर संतोष चौधरी, अजीत सिंह, सरदार हरजिंदर सिंह, अनिल गुप्ता अन्नू भैया, अनिल अरोरा, संतोष तिवारी, डॉ. नीलम सिंह, डॉ. राहुल बिसारिया, डॉ. पंकज रावत, डॉ. पवन गुप्ता आदि मौजूद रहे।

इन्हें मिला सम्मान

जनकवि कैलाश गौतम राष्ट्रीय काव्य कुंभ सम्मान 2025 अयोध्या के जमुना प्रसाद उपाध्याय को मिला। जनकवि कैलाश गौतम सर्जना सम्मान राजस्थान के सुरेंद्र सार्थक, मुरादाबाद के शरीफ भारती, गाजियाबाद के सरोज त्यागी, डॉ. प्रकाश खेतान, कोटा के डॉ. आदित्य जैन, शिमला के अभिषेक तिवारी, प्रयागराज के मिस्बाह इलाहाबादी को मिला। वहीं जनकवि कैलाश गौतम साहित्य सरोकार-सेवा सम्मान बस्ती के महेश प्रताप श्रीवास्तव, लखनऊ के विनीत पांडेय, प्रयागराज के हिमांशु कुमार, अजीत सिंह, राजीव सिंह, डॉ. सुभाष यादव, पंकज सिंह, डॉ. पुष्पेंद्र प्रताप सिंह को मिला।

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