Prayagraj : यमुना की लहरों पर सैर, स्वाद और आस्था के संगम की तैयारी, तैयार किया जा रहा है खाका
माघ मेले से पहले यमुना नदी पर बोटिंग और रेस्टोरेंट के साथ पर्यटन की सुविधाओं को लेकर तैयारी शुरू हो गई है। नगर निगम और स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट की ओर से इसका खाका तैयार किया जा रहा है।
विस्तार
माघ मेले से पहले यमुना नदी पर बोटिंग और रेस्टोरेंट के साथ पर्यटन की सुविधाओं को लेकर तैयारी शुरू हो गई है। नगर निगम और स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट की ओर से इसका खाका तैयार किया जा रहा है।अगर सब कुछ योजनानुसार रहा तो मेले में देश-विदेश से आने वाले लाखों श्रद्धालु आस्था की डुबकी लगाने के साथ ही आकर्षक पर्यटन का भी लुत्फ उठा सकेंगे। स्मार्ट सिटी की ओर से बोटिंग और रेस्टोरेंट प्रोजेक्ट के लिए टेंडर भी जारी कर दिया गया है।
काशी की तर्ज पर संगमनगरी में आस्था संग पर्यटन का विस्तार किया जा रहा है। इसके तहत यमुना नदी को आकर्षण का नया केंद्र बनाने की तैयारी है। माघ मेले से पहले इसे मूर्त रूप देने की कवायद शुरू हो गई है। स्मार्ट सिटी की ओर से जारी टेंडर के तहत उच्चतम बोली लगाने पर छह वर्ष के लिए एक निजी कंपनी को कार्य सौंपा जाएगा। कंपनी को पहले वर्ष 30 लाख रुपये, दूसरे वर्ष 50 लाख और तीसरे वर्ष 70 लाख रुपये नगर निगम को देने होंगे।
योजना के तहत बोट क्लब और घाटों का सौंदर्यीकरण, जेटी की मरम्मत और विस्तार किया जाएगा। पर्यटकों के लिए तीन सर्किट भी तैयार किए जा रहे हैं। संचालन करने वाली कंपनी को स्मार्ट सिटी की ओर से दो जेटी और चार स्पीड वोट उपलब्ध कराई जाएगी। नगर आयुक्त साई तेजा ने बताया कि पहले इसका संचालन पर्यटन विभाग के जिम्मे था लेकिन बेहतर प्रबंधन न हो पाने के कारण अब इसे निजी हाथों में दिया जा रहा है। उम्मीद है कि माघ मेले से पहले नई और बेहतर सुविधाएं पर्यटकों के लिए उपलब्ध हो सकेंगी।
महाकुंभ में बोट क्लब पर बोटिंग का दिखा था क्रेज
महाकुंभ के दाैरान बोट क्लब पर बोटिंग की सुविधा पर्यटकों और श्रद्धालुओं को खूब भायी थी। इसी अनुभव को अब स्थायी रूप से और आधुनिक सुविधाओं के साथ उपलब्ध कराने की तैयारी की जा रही है। इससे प्रयागराज धार्मिक और पर्यटन दोनों दृष्टिया से और सशक्त होगा।
बोट क्लब पर नई और आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध कराने की तैयारी है। इसके सौंदर्यीकरण और विस्तारीकरण का काम माघ मेले से पहले पूरा करा लिया जाएगा। इससे श्रद्धालुओं और पर्यटकों को बेहतर सुविधाएं मिल सकेंगी। टेंडर में उच्चतम बोली लगाने वाली कंपनी को इसका जिम्मा सौंपा जाएगा। देखरेख की जिम्मेदारी कंपनी की ही होगी। - दीपेंद्र यादव, अपर नगर आयुक्त