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Prayagraj News : चंद्र ग्रहण पर बंद रहे मंदिरों के कपाट, नौ घंटे पहले लग गया सूतक, मंदिरों में हुए भजन कीर्तन

अमर उजाला नेटवर्क, प्रयागराज Published by: विनोद सिंह Updated Sun, 07 Sep 2025 04:37 PM IST
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सार

चंद्र ग्रहण भाद्रपद शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा सात सितंबर रविवार को रात में लगेगा। यह चंद्र ग्रहण भारत सहित विश्व के अंटार्कटिका,पश्चिमी प्रशांत महासागर, एशिया, यूरोप, पूर्वी अटलांटिक महासागर व ऑस्ट्रेलिया में भी दिखाई देगा।

Temples were closed during lunar eclipse, Sutak started nine hours before, Bhajans and Kirtans were performed
श्री बड़े हनुमान मंदिर के मुख्य द्वार का दृश्य। - फोटो : अमर उजाला।
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विस्तार
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चंद्र ग्रहण भाद्रपद शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा सात सितंबर रविवार को रात में लगेगा। यह चंद्र ग्रहण भारत सहित विश्व के अंटार्कटिका,पश्चिमी प्रशांत महासागर, एशिया, यूरोप, पूर्वी अटलांटिक महासागर व ऑस्ट्रेलिया में भी दिखाई देगा। भारतीय मानक समय के अनुसार खग्रास चंद्र ग्रहण का आरंभ रात में 9:57 बजे से होगा। ग्रहण का मोक्ष रात में 1:27 पर हो जाएगा।

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ज्योतिषाचार्य दिवाकर त्रिपाठी के मुताबिक चंद्र ग्रहण ग्रहण शतभिषा नक्षत्र व कुंभ राशि में लगेगा। इसलिए शतभिषा नक्षत्र एवं कुंभ राशि के लोग इस ग्रहण को न देखें। ग्रहण काल में सूतक से संबंधित सभी प्रकार के नियम एवं मान्यताएं लागू होंगी। चंद्र ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाओं को सतर्कता बरतनी चाहिए। उन्होंने बताया कि चंद्र ग्रहण में सूतक काल नौ घंटे पहले शुरू हो जाता है।
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इस अवधि में मंदिरों के कपाट बंद रहते हैं। सूतक काल दोपहर 12:57 बजे से शुरू होगा। इविवि में भूगोल विभाग के अध्यक्ष रहे प्रोफेसर एचएन मिश्रा के मुताबिक इस बार पूर्ण चंद्र ग्रहण होगा, इसका वैज्ञानिक दृष्टि से बड़ा महत्व है। इस बार ग्रहण के दौरान चंद्रमा पूरी तरह से लाल दिखाई देगा। इसे खगोलीय भाषा में ब्लड मून कहा जाता है।


 

भक्तों ने गंगा स्नान कर किया दान पुण्य

रविवार को चंद्रग्रहण से नौ घंटे पहले सूतक शुरू होने के बाद सभी मंदिर पूजन आरती के बाद बंद कर दिए गए। संगम तट पर स्थित श्री राम जानकी मंदिर, काली माता मंदिर, श्री बड़े हनुमान जी के विग्रह का मंदिर, राम मंदिर के अलावा वेणी माधव, सोमेश्वरनाथ, शिवकोटि मंदिर सहित सभी प्रमुख मंदिर सूतक शुरू होने पर बंद रहे। संगम तट पर श्रद्धालुओं ने पहुंचकर स्नान किया। बाढ़ के चलते लोगों ने श्री बड़े हनुमान मंदिर के पास स्नान किया। इसके अलावा रामघाट, दारागंज घाट, दशाश्वमेध घाट सहित बलुआ घाट आदि स्थानों पर श्रद्धालुओं ने गंगा और यमुना में स्नान करके दान पुण्य किया। मंदिरों के बाहर रामायण, सुंदरकांड और हरि कीर्तन के साथ ही भजन कीर्तन का आयोजन किया गया। इसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने हिस्सा लिया। 

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