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TGT PGT News : अर्हता से जुड़ी विसंगतियां दूर होने के बाद अब नई भर्ती का रास्ता साफ, भेजा जाएगा अधियाचन
अमर उजाला नेटवर्क, प्रयागराज
Published by: विनोद सिंह
Updated Thu, 11 Sep 2025 06:33 PM IST
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सार
अशासकीय विद्यालयों में सहायक अध्यापक (टीजीटी) व प्रवक्ता (पीजीटी) भर्ती की नियमावली निरस्त कर नए सिरे से निर्धारित शैक्षिक अर्हता लागू करने का आदेश जारी होने के बाद नई टीजीटी-पीजीटी भर्ती का रास्ता साफ हो गया है।

Exam (सांकेतिक तस्वीर)
- फोटो : freepik
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विस्तार
अशासकीय विद्यालयों में सहायक अध्यापक (टीजीटी) व प्रवक्ता (पीजीटी) भर्ती की नियमावली निरस्त कर नए सिरे से निर्धारित शैक्षिक अर्हता लागू करने का आदेश जारी होने के बाद नई टीजीटी-पीजीटी भर्ती का रास्ता साफ हो गया है। माध्यमिक शिक्षा निदेशालय भर्ती के लिए उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग को जल्द रिक्त पदों का अधियाचन भेज सकता है।

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शासन ने 22 अप्रैल 2025 को टीजीटी-पीजीटी भर्ती के लिए शैक्षिक अर्हता से संबंधित नियमावली जारी की थी। अब नई शैक्षिक अर्हता के साथ नौ सितंबर को जारी किया गया आदेश प्रभावी होगा। अभी टीजीटी भर्ती नहीं हो रही थी लेकिन नए आदेश के तहत अब इस विषय में टीजीटी भर्ती होगी। टीजीटी जीव विज्ञान भर्ती के लिए जंतु विज्ञान एवं वनस्पति विज्ञान में स्नातक की उपाधि के साथ बीएड की डिग्री अनिवार्य होगी।
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इसके अलावा नए आदेश में भूगोल व नागरिक शास्त्र विषय में भी प्रवक्ता भर्ती की शैक्षिक अर्हता में भी संशोधन किया गया है। इन संशोधनों के साथ ही प्रवक्ता भर्ती के लिए बीएड को अनिवार्य डिग्री के रूप में शामिल किया गया है। अर्हता संबंधी सभी विसंगतियां दूर होने के बाद अब नई टीजीटी-पीजीटी भर्ती शुरू करने का रास्ता साफ हो गया है।
बीएड की अनिवार्यता के खिलाफ कोर्ट पहुंचे अभ्यर्थी
प्रवक्ता भर्ती में बीएड की अनिवार्यता के खिलाफ अभ्यर्थियों ने न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है। अभ्यर्थी लालता प्रसाद समेत 33 लोगों ने कोर्ट में याचिका दाखिल की है। अभ्यर्थियों का कहना है कि अब तक केवल स्नातकोत्तर डिग्री के आधार पर प्रवक्ता भर्ती होती थी लेकिन हाल ही में जारी नए नियमों के अनुसार अभ्यर्थियों के लिए बीएड की डिग्री अनिवार्य कर दी गई है। इस बदलाव से लाखों छात्र प्रभावित हो गए हैं जिन्होंने वर्षों तक केवल स्नातकोत्तर डिग्री के आधार पर तैयारी की थी। अभ्यर्थियों का कहना है कि यह नियम बिना किसी पूर्व सूचना के इतने कम समय में लागू करना अन्यायपूर्ण है। अभ्यर्थियों को एक संक्रमणकाल (कूलिंग पीरियड) दिया जाए, ताकि पहले से तैयारी कर रहे अभ्यर्थियों का भविष्य सुरक्षित रह सके।