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Prayagraj : इस बार 15 नहीं 14 दिन का होगा पितृपक्ष, पंचमी व षष्ठी का श्राद्ध इस बार एक ही दिन
अमर उजाला नेटवर्क, प्रयागराज
Published by: विनोद सिंह
Updated Sun, 07 Sep 2025 05:42 PM IST
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सार
इस वर्ष पितृपक्ष में नवमी तिथि की हानि होने की वजह से यह 15 नहीं बल्कि 14 दिन का होगा। पंचमी तथा षष्ठी तिथि का श्राद्धकर्म एक ही दिन (12 सितंबर) को किया जाएगा।

पितृपक्ष 2025
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
इस वर्ष पितृपक्ष में नवमी तिथि की हानि होने की वजह से यह 15 नहीं बल्कि 14 दिन का होगा। पंचमी तथा षष्ठी तिथि का श्राद्धकर्म एक ही दिन (12 सितंबर) को किया जाएगा। श्राद्ध का क्रम सात सितंबर को पूर्णिमा तिथि पर आरंभ हो जाएगा। प्रतिपदा का मान आठ सितंबर से होगा।

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प्रतिपदा तिथि सात सितंबर को रात्रि 11:47 बजे लगेगी जो आठ सितंबर को रात्रि 10:15 बजे तक रहेगी। ज्योतिषाचार्य अमिताभ गौड़ ने बताया कि मातृनवमी 15 सितंबर को होगी। यदि महिला की मृत्यु की तिथि ज्ञात न हो तो इस दिन उनके श्राद्ध का विधान है। 17 सितंबर को इंद्रा एकादशी के व्रत-उपवास और श्राद्ध के विधान पूरे किए जाएंगे। द्वादशी तिथि 18 सितंबर को है। इस दिन संन्यासी, यति, वैष्णवजनों के श्राद्ध करने का विधान है।
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श्राद्ध दिन-------------- तारीख
पूर्णिमा श्राद्ध रविवार सात सितंबर
प्रतिपदा सोमवार आठ सितंबर
द्वितीया मंगलवार नौ सितंबर
तृतीया बुधवार 10 सितंबर
चतुर्थी बृहस्पतिवार 11 सितंबर
पंचमी शुक्रवार 12 सितंबर
षष्ठी शुक्रवार 12 सितंबर
सप्तमी शनिवार 13 सितंबर
अष्टमी रविवार 14 सितंबर
नवमी सोमवार 15 सितंबर
दशमी मंगलवार 16 सितंबर
एकादशी बुधवार 17 सितंबर
द्वादशी बृहस्पतिवार 18 सितंबर
त्रयोदशी शुक्रवार 19 सितंबर
चतुर्दशी शनिवार 20 सितंबर
सर्वपितृ विसर्जन रविवार 21 सितंबर
शास्त्रों में बताए गए हैं तीन ऋण
ज्योतिषाचार्य अमिताभ के मुताबिक शास्त्रों में मनुष्यों के लिए देव, ऋषि, पितृ ऋण बताए गए हैं। इन तीनों से मुक्ति के लिए श्राद्ध के विधान बनाए गए हैं। इसके लिए पितृपक्ष या महालया की व्यवस्था हुई।
-आठ सितंबर को अश्विन कृष्णपक्ष की प्रतिपदा, 17 को एकादशी तिथि, 21 को सर्वपितृ अमावस्या