लड़की बनने को काटा निजी अंग: गूगल-यूट्यूब से सीखा तरीका... ऐसा काम करते वक्त पहली बार महिला होने का हुआ एहसास
लड़की बनने के लिए किशोर यू-ट्यूब और गूगल पर भी जानकारी लेता रहता था। फिर एक दिन निजी चिकित्सक की सलाह पर लड़की बनने के लिए उसने सारी हदें पार कर दी। परिजनों को जानकारी हुई तो वे अस्पताल पहुंचे।

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लड़कियों संग डांस करते समय 14 वर्ष की उम्र में किशोर को स्वयं के लड़की होने का एहसास हुआ पर वर्षों तक परिजन इससे अनजान रहे। मामला तब जगजाहिर हुआ जब प्रतियोगी छात्र ने लड़का से लड़की बनने के लिए अपना निजी अंग ही काट लिया।

माता-पिता ने इकलौते बेटे को पढ़ा लिखाकर अफसर बनाने का ख्वाब संजोया था। इसे लेकर आर्थिक तंगी के बावजूद बेटे को सीबीएसई बोर्ड से पढ़ाया लिखाया। उसकी हर जरूरतों का ख्याल रखा। माता-पिता की इच्छा का सम्मान करते हुए बेटा भी यूपीएससी की तैयारी के लिए अमेठी से प्रयागराज आया पर उसके दिमाग में कुछ और ही पल रहा था। वह लड़का से लड़की बनना चाहता था।
इसके लिए वह यू-ट्यूब और गूगल पर भी जानकारी लेता रहता था। फिर एक दिन निजी चिकित्सक की सलाह पर लड़की बनने के लिए उसने सारी हदें पार कर दी। परिजनों को जानकारी हुई तो वे अस्पताल पहुंचे। चिकित्सकों संग उन्होंने समझाया बुझाया तो बेटे को भी गलती का एहसास हुआ। अब एकबार फिर वह लड़के के रूप में जीवन जीना चाहता है जिसके लिए एसआरएन अस्पताल में उसकी प्लास्टिक सर्जरी की जानी है।
निजी चिकित्सक ने बताया कि कैसे घर पर ये सब कर सकते हैं
निजी चिकित्सक को उसने बताया कि मैं लड़की की तरह फील करता हूं पर शरीर से लड़का हूं। उसने चिकित्सक से लड़की बनने की इच्छा जाहिर की। इस पर डॉक्टर ने कहा कि तुम्हें इसके लिए सबसे पहले अपना निजी अंग काटना होगा। उन्होंने पूरा तरीका भी समझाया कि घर पर ही ये सब कैसे कर सकते हैं।
खुद खरीदा सर्जिकल ब्लेड, रुई और अन्य सामान
उनके कहने पर छात्र ने एनेस्थीसिया का इंजेक्शन, सर्जिकल ब्लेड, रुई और बाकी सामान खरीदा। फिर कमरे में अकेले ही खुद को एनेस्थीसिया का इंजेक्शन लगाया। इससे कमर के नीचे का हिस्सा सुन्न हो गया। फिर अपने ही हाथों से निजी अंग काट दिया और मरहम पट्टी कर ली। करीब छह घंटे बाद एनेस्थीसिया का असर कम होने पर वह दर्द से तड़प उठा। दर्द की दवा खाने पर भी कुछ आराम नहीं मिला तो मदद के लिए मकान मालिक को आवाज लगाई। इसके बाद एंबुलेंस की मदद से उसे बेली अस्पताल लाया गया, जहां से एसआरएन अस्पताल के लिए रेफर कर दिया गया। यहां सर्जरी विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. संतोष सिंह ने प्राथमिक उपचार के बाद केस को प्लास्टिक सर्जरी विभाग के हवाले कर दिया।
पीड़ित बोला - मुझे लड़कियों में इंट्रेस्ट नहीं
अस्पताल पहुंचे पीड़ित छात्र ने चिकित्सकों की पूछताछ में बताया कि मुझे लड़कियों में कोई इंट्रेस्ट ही नहीं है। मुझे लगता है कि मेरी आवाज भी लड़कियों जैसी ही है। चलने का स्टाइल भी उनके जैसा है, इसलिए मैं जेंडर चेंज करना चाहता था, इस कारण यह सब किया। मुझे पता नहीं था कि इसमें मेरी जान जा सकती थी, मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा था।
घरवालों ने यूपीएससी की तैयारी करने भेजा था
बेटे को लेकर बड़े सपने हैं। इस कारण उसे यूपीएससी की तैयारी के लिए प्रयागराज भेजा था। पता नहीं था कि उसके भीतर क्या चल रहा है। उसने इस संबंध में कभी कुछ बताया ही नहीं। मुझे समझ में नहीं आ रहा कि अब क्या करूं। अब ईश्वर से प्रार्थना है कि किसी तरह से मेरा बेटा पूरी तरह से ठीक हो जाए।
पीड़ित को अब हुआ गलती का एहसास
लड़की बनने की चाहत में छात्र ने अपना निजी अंग खुद से काट लिया। अब उसे अपनी गलती का एहसास हुआ है। पीड़ित और परिजनों की सहमति के बाद उसे प्लास्टिक सर्जरी विभाग में रेफर किया गया है। - डॉ. संतोष सिंह, असिस्टेंट प्रोफेसर, एसआरएन अस्पताल।
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