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Ambedkar Nagar News: एसीएमओ आवास से 22 लाख के पुराने नोट मिलने पर रहस्य बरकरार
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अंबेडकरनगर। एसीएमओ व कार्यवाहक सीएमओ पद पर कार्यरत रहे डॉ. ब्रह्मनारायण तिवारी के कमरे का ताला खुलने के बाद 22 लाख रुपये मिलने का रहस्य अब भी बरकरार है। अवकाश के बाद जब सोमवार कार्यालय खुला तो कर्मचारियों में आपस में कानाफूसी होती रही। हर जुबां पर सिर्फ यहीं चर्चा थी कि 22 लाख रुपये की रकम आखिर आई कहां से थी। फिलहाल इस रहस्य पर विभागीय अफसर भी चुप्पी साधे हुए हैं।
सीएचसी मीरानपुर में इन दिनों पुराने हो चुके आवासों की मरम्मत काम चल रहा है। इसी में एक आवास में पूर्व कार्यवाहक सीएमओ डॉ. ब्रह्मनारायण तिवारी भी रहते थे। तीन जुलाई को समिति की निगरानी में कमरे को खुलवाया गया था। कमरे में सामान की जांच और लिस्टिंग शुरू हुई तो कोने में रखे एक पतले भूरे रंग के सूटकेस पर भी अधिकारियों की नजर गई। इस सूटकेस को खुलवाया गया तो इसमें एक-एक हजार और 500 रुपये के पुराने नोटों की गड्डियां बरामद हुईं। कुल 22,48,505 रुपये निकले थे।
विभागीय जानकारों ने बताया कि मृत्यु से पूर्व वह अकेले ही सरकारी अवकाश पर रहते थे। जिस दिन उनका शव मिला था उसके एक दिन पहले शाम को वह विभागीय बैठक में शामिल हुए थे। उसके बाद वह अपने आवास पर जाकर सो गए थे। सुबह जब वह कार्यालय नहीं पहुंचे तो फोन किया गया, जवाब न मिला तो कर्मचारी ने जाकर देखा, जहां कार्यवाहक सीएमओ की मौत की जानकारी हुई थी। मौत से करीब डेढ़ माह पहले ही उन्हें सीएमओ का पदभार मिला था।
शादी पर असमंजस
जानकारों का कहना है कि उनके बारे में दो बातें सामने आती हैं, जिसमें कभी उन्हें शादीशुदा बताया जाता है। कभी यह चर्चा होती है कि पत्नी से तलाक हो गया था और दोनों अलग रह रहे थे। अभी किसी परिजनों से भी विभागीय स्तर पर कोई बात नहीं हो पाई है। प्रभारी सीएमओ डॉ. सालिकराम पासवान ने बताया कि पूरे मामले की जांच कराई जा रही है।
मौत के समय जांच में नहीं खोला गया था सूटकेस
जिस दिन डॉ. ब्रह्मनारायण तिवारी का शव कमरे में मिला था, पुलिस टीम भी वहां गई थी। जांच पड़ताल के बाद पुलिस ने शव का पोस्टमाॅर्टम भी कराया था। कमरे की तलाशी भी ली थी, लेकिन वहीं शायद अगर पुलिस ने उसी दिन सूटकेस की तलाशी ली होती तो कई राज और भी खुल सकते थे।
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सीएचसी मीरानपुर में इन दिनों पुराने हो चुके आवासों की मरम्मत काम चल रहा है। इसी में एक आवास में पूर्व कार्यवाहक सीएमओ डॉ. ब्रह्मनारायण तिवारी भी रहते थे। तीन जुलाई को समिति की निगरानी में कमरे को खुलवाया गया था। कमरे में सामान की जांच और लिस्टिंग शुरू हुई तो कोने में रखे एक पतले भूरे रंग के सूटकेस पर भी अधिकारियों की नजर गई। इस सूटकेस को खुलवाया गया तो इसमें एक-एक हजार और 500 रुपये के पुराने नोटों की गड्डियां बरामद हुईं। कुल 22,48,505 रुपये निकले थे।
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विभागीय जानकारों ने बताया कि मृत्यु से पूर्व वह अकेले ही सरकारी अवकाश पर रहते थे। जिस दिन उनका शव मिला था उसके एक दिन पहले शाम को वह विभागीय बैठक में शामिल हुए थे। उसके बाद वह अपने आवास पर जाकर सो गए थे। सुबह जब वह कार्यालय नहीं पहुंचे तो फोन किया गया, जवाब न मिला तो कर्मचारी ने जाकर देखा, जहां कार्यवाहक सीएमओ की मौत की जानकारी हुई थी। मौत से करीब डेढ़ माह पहले ही उन्हें सीएमओ का पदभार मिला था।
शादी पर असमंजस
जानकारों का कहना है कि उनके बारे में दो बातें सामने आती हैं, जिसमें कभी उन्हें शादीशुदा बताया जाता है। कभी यह चर्चा होती है कि पत्नी से तलाक हो गया था और दोनों अलग रह रहे थे। अभी किसी परिजनों से भी विभागीय स्तर पर कोई बात नहीं हो पाई है। प्रभारी सीएमओ डॉ. सालिकराम पासवान ने बताया कि पूरे मामले की जांच कराई जा रही है।
मौत के समय जांच में नहीं खोला गया था सूटकेस
जिस दिन डॉ. ब्रह्मनारायण तिवारी का शव कमरे में मिला था, पुलिस टीम भी वहां गई थी। जांच पड़ताल के बाद पुलिस ने शव का पोस्टमाॅर्टम भी कराया था। कमरे की तलाशी भी ली थी, लेकिन वहीं शायद अगर पुलिस ने उसी दिन सूटकेस की तलाशी ली होती तो कई राज और भी खुल सकते थे।