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Amethi News: मन को स्थिर करती है भगवान की भक्ति
संवाद न्यूज एजेंसी, अमेठी
Updated Wed, 26 Nov 2025 01:08 AM IST
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अमेठी सिटी। सिंहपुर क्षेत्र के उसरहा गांव में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा के पांचवें दिन मंगलवार को अयोध्या कालिका धाम पीठाधीश्वर डॉ. शैलेंद्राचार्य महाराज ने धर्म, ज्ञान और वैराग्य पर आधारित प्रवचन दिया। उन्होंने कहा कि श्रीमद्भागवत केवल ग्रंथ नहीं, बल्कि मानव जीवन को सही दिशा प्रदान करने वाली पवित्र शिक्षा है। इसके श्रवण से मनुष्य का कल्याण हो जाता है।
प्रवाचक ने कहा कि भक्ति का भाव जन्म से ही मनुष्य में रहता है। हर व्यक्ति भक्ति कर सकता है, मगर सच्चे भक्त का दर्शन दुर्लभ होता है। साधु-संत और भक्त का सम्मान करना आवश्यक है। अपमान से मन और संस्कार दोनों प्रभावित होते हैं। उन्होंने कहा कि मनुष्य में बोलने से अधिक सुनने की क्षमता होना जरूरी है। सुनने से विचारों का विस्तार होता है और समझ विकसित होती है। इसी कारण सत्संग को जीवन में आवश्यक माना गया है।
प्रवाचक ने कहा कि भगवान की भक्ति मन को स्थिर करती है। कठिन समय भी भक्ति से सरल हो जाता है। पूजा के लिए धन का महत्व कम और भाव का महत्व अधिक है। सच्चे मन से की गई प्रार्थना कभी निष्फल नहीं होती। सत्य का मार्ग अपनाने वाला व्यक्ति ही आध्यात्मिक उन्नति प्राप्त कर सकता है। पुरुषार्थ से ही आत्मा का उत्थान संभव है। इस मौके पर बब्बू तिवारी, दीपू शुक्ला, अमरेश तिवारी, बृजेश तिवारी, प्रदीप तिवारी, करुणेश अग्निहोत्री, तुषार त्रिवेदी, संतोष दुबे, अविनाश शर्मा, अमरेश कुमार तिवारी एडवोकेट, अखिलेश कुमार तिवारी, अनुपम तिवारी, सत्य प्रकाश अवस्थी, चुन्नीलाल अवस्थी आदि मौजूद रहे।
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प्रवाचक ने कहा कि भक्ति का भाव जन्म से ही मनुष्य में रहता है। हर व्यक्ति भक्ति कर सकता है, मगर सच्चे भक्त का दर्शन दुर्लभ होता है। साधु-संत और भक्त का सम्मान करना आवश्यक है। अपमान से मन और संस्कार दोनों प्रभावित होते हैं। उन्होंने कहा कि मनुष्य में बोलने से अधिक सुनने की क्षमता होना जरूरी है। सुनने से विचारों का विस्तार होता है और समझ विकसित होती है। इसी कारण सत्संग को जीवन में आवश्यक माना गया है।
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प्रवाचक ने कहा कि भगवान की भक्ति मन को स्थिर करती है। कठिन समय भी भक्ति से सरल हो जाता है। पूजा के लिए धन का महत्व कम और भाव का महत्व अधिक है। सच्चे मन से की गई प्रार्थना कभी निष्फल नहीं होती। सत्य का मार्ग अपनाने वाला व्यक्ति ही आध्यात्मिक उन्नति प्राप्त कर सकता है। पुरुषार्थ से ही आत्मा का उत्थान संभव है। इस मौके पर बब्बू तिवारी, दीपू शुक्ला, अमरेश तिवारी, बृजेश तिवारी, प्रदीप तिवारी, करुणेश अग्निहोत्री, तुषार त्रिवेदी, संतोष दुबे, अविनाश शर्मा, अमरेश कुमार तिवारी एडवोकेट, अखिलेश कुमार तिवारी, अनुपम तिवारी, सत्य प्रकाश अवस्थी, चुन्नीलाल अवस्थी आदि मौजूद रहे।