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VIDEO : एसआईआर : 50 फीसदी से अधिक फॉर्मों का हुआ संकलन, 24 घंटे हो रही फॉर्मों की फीडिंग
अमेठी सिटी। जिले में चल रहे विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के तहत दिन-रात फॉर्म फीडिंग व संकलन का कार्य चल रहा है। बीएलओ के सहयोग में कई विभागों के कर्मी ऑनलाइन फॉर्म फीडिंग में लगे हैं। अब तक करीब 14.36 लाख मतदाताओं के सापेक्ष अब तक 50 फीसदी से अधिक फॉर्मों का संकलन हो चुका है। जिले में कुल 2.5 फीसदी वोटर ऐसे निकलने की संभवाना है जो अपने नाम व पते पर नहीं रहते हैं।
जिले में अब तक करीब 37 फीसदी से अधिक गणना प्रपत्रों का डिजिटाइजेशन कर दिया गया है। प्रशासन ने भी मॉनिटरिंग तेज कर दी है। नए मतदाताओं के दस्तावेज का सत्यापन के लिए चार दिसंबर के बाद अभियान चलाया जाएगा। आवेदन करते समय जिस दस्तावेज का उन्होंने जिक्र किया है कि उसे प्रस्तुत करना होगा और एक फोटो कॉपी बीएलओ को उपलब्ध कराना होगा।
डीएम संजय चौहान ने बताया कि एसआईआर का काम तेजी से कराया जा रहा है। लगातार इसकी मॉनिटरिंग की जा रही है। बताया कि मतदाताओं का मिलान, सत्यापन और मैपिंग का कार्य एक साथ किया जा रहा है। कहा कि अब तक ऑनलाइन फीडिंग में 1.09 फीसदी वोटर ऐसे निकले हैं जो मृतक, शिफ्ट, डबल नाम व अपने नाम व पते पर रहने वाले नहीं मिले है।
बताया कि जिले में कुल ऐसे 2.5 फीसदी मतदाता निकलने की उम्मीद है। कहा कि अनमैप डाटा 10 फीसदी निकलने की उम्मीद है। उन्होंने मतदाताओं से अपील की है कि वह गणना प्रपत्र जरूर भरें। बीएलओ मतदाताओं के घर-घर जाकर गणना प्रपत्र के वितरण व संग्रह का कार्य कर रहे हैं। गणना प्रपत्र भरने में भी सहयोग कर रहे हैं, मतदाता स्वयं भी गणना प्रपत्र भरकर अपने बीएलओ को उपलब्ध करा सकते।
वेबसाइट पर नाम डालते ही सामने दिखेगी मतदाता सूची
भारत निर्वाचन आयोग की वेबसाइट पर मतदाताओं की ओर से अपना नाम डालते ही उप्र के सभी विधानसभा क्षेत्रों की वोटरलिस्ट सामने आ जाएगी। पूरी सूची के बजाय जिला, विधानसभा व मतदान केंद्र की सूची खोलने के लिए वेबसाइट पर जिला, विधानसभा व मतदान केंद्र का नाम डालना होगा। इसके बाद मतदान केंद्र की सूची मोबाइल पर खुल जाएगी।
37 फीसदी से फॉर्म का हुआ डिजिटलाइजेशन
जिले में 14,36,528 मतदाताओं का एसआईआर फार्म भरा जाना है। अभी तक इसके सापेक्ष 37 फीसदी से अधिक फार्म का डिजिटलाइजेशन कर लिया गया है। 1489 बूथों पर एसआईआर फॉर्म भरवाने के लिए बीएलओ लगाए गए हैं। जिला निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि डिजिटलाइजेशन में तेजी लाने के निर्देश बीएलओ संग कर्मियों को दिए गए हैं।
रहें सतर्क...किसी से नहीं मांगा जा रहा ओटीपी
एसआईआर के दौरान गणना प्रपत्र भरने या सत्यापन में किसी से वन टाइम पासवर्ड नहीं मांगा जा रहा है। डीएम संजय चौहान ने बताया कि एसआईआर के गणना प्रपत्र को भरने की प्रक्रिया में बीएलओ की ओर से किसी भी प्रकार का ओटीपी नहीं मांगा जा रहा है। इस प्रकार की गतिविधियां साइबर ठगी या धोखाधड़ी के अंतर्गत संदेहास्पद हैं। अफसरों को निर्देश दिए गए हैं कि इस प्रकार की अफवाहों एवं धोखाधड़ी से निपटने के लिए जनजागरूकता अभियान चलाएं।
...परेशान होने की जरूरत नहीं
डीएम ने बताया कि अगर किसी मतदाता या फिर उनके माता-पिता का नाम 2003 की मतदाता सूची में है तो एसआईआर फॉर्म में उसका विवरण भर दें। अगर नहीं है तो भी परेशान होने की जरूरत नहीं है। उसके बिना वर्तमान वोटर आईडी कार्ड के आधार पर एसआईआर फॉर्म भरें। ऐसा करने पर जब मतदाता सूची प्रकाशित होगी तो इन सभी का नाम उसमें होगा। बस एक प्रक्रिया अधिक करनी होगी, जिसके तहत नोटिस जारी होने के बाद एक प्रमाणपत्र देना होगा। इससे मतदाता का सत्यापन हो जाएगा और सूची में नाम कभी भी नहीं कटेगा। इसमें एक अहम बात ये है कि केवल आधार मान्य नहीं होगा। मांगे गए प्रमाणपत्रों में से कोई एक का होना जरूरी है।
इन दस्तावेजों में से कोई एक देना होगा
जन्म प्रमाणपत्र, पासपोर्ट, ओबीसी/एससी/एसटी या कोई भी जाति प्रमाणपत्र, मान्यता प्राप्त बोर्ड या विश्वविद्यालय से जारी शैक्षिक प्रमाणपत्र, वन अधिकार प्रमाणपत्र, निवास प्रमाणपत्र, राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर, राज्य या स्थानीय प्राधिकारियों द्वारा तैयार किया गया परिवार रजिस्टर, सरकारी भूमि या मकान का आवंटन प्रमाणपत्र, केंद्र या राज्य सरकार या पीएसयू के नियमित कर्मचारी या पेंशनभोगी को जारी किया गया पहचान पत्र या पेंशन भुगतान आदेश, 1 जुलाई, 1987 से पहले सरकार/स्थानीय प्राधिकरण/बैंक/डाकघर/एलआईसी/पीएसयू से जारी कोई भी पहचानपत्र, प्रमाणपत्र या दस्तावेज, आधार कार्ड (वैकल्पिक)।
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