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बीडीसी सदस्य समेत चार की बुखार से मौत
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औरैया। डेंगू और बुखार का कहर घातक होता जा रहा है। सोमवार को बुखार से पीड़ित क्षेत्र पंचायत सदस्य (बीडीसी) समेत चार लोगों की मौत हो गई। जबकि 10 से अधिक लोग डेंगू की चपेट में मिले। जिसमें स्वास्थ्य विभाग ने देर शाम डेंगू के छह मरीजों की पुष्टि की है।
जिले में एक सप्ताह से बुखार से मरने वालों की संख्या तेजी से बढ़ी है। एरवाकटरा, फफूंद और दिबियापुर क्षेत्र में लगातार लोग बुखार से मर रहे हैं। इसके साथ ही डेंगू मरीजों की संख्या भी बढ़ रही है। लगातार हो रही मौत और मिल रहे मरीजों को लेकर स्वास्थ्य विभाग ठोस कदम नहीं उठा रहा है।
फफूंद के मोहल्ला बाबा का पुरवा निवासी इमरती देवी (80) को चार दिन पहले बुखार आया था। शनिवार को हालत बिगड़ने पर कानपुर के निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उनकी मौत हो गई। वहीं खोयला निवासी माधुरी (37) पत्नी प्रदीप तिवारी की बुखार से कानपुर में इलाज के दौरान मौत हो गई। क्षेत्र में दो मौतों से लोगों में डरे हैं। ऐरवाकटरा क्षेत्र के बरौना खुर्द में क्षेत्र पंचायत सदस्य मोहित सविता (32) की बुखार से मौत हो गई।
उन्हें एक सप्ताह से बुखार आ रहा था। वहीं नगला निमी निवासी अनुज कुमार शाक्य को बुखार आने पर कानपुर के निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जहां सोमवार की सुबह अनुज कुमार की मौत हो गई। इसके अलावा गांव के जॉनश्री (11) उमरैन, कुमारी शकुन (06), नीलेश (30), कुमारी तनु (11) की बुखार आने पर हालत गंभीर है। उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
डेंगू मरीजों को लेकर सीएमओ डॉ. अर्चना श्रीवास्तव ने बताया कि सोमवार को जीएसवीएम मेडिकल कालेज कानपुर से सैंपलों की रिपोर्ट प्राप्त हुई। जिसमें छह में डेंगू की पुष्टि हुई है। जिनका कानपुर के जीएसवीएम मेडिकल कालेज में उपचार चल रहा है। बताया कि जिनमें डेंगू की पुष्टि हुई उनमें पंडपुर अयाना निवासी 35 वर्षीय महिला, खोयला निवासी 24 वर्षीय युवक, खोयला निवासी 67 वर्षीय वृद्ध, खोयला निवासी 75 वर्षीय वृद्ध, खोयला निवासी 40 वर्षीय महिला, अछल्दा निवासी 56 वर्षीय पुरुष हैं। डेंगू से सोमवार को किसी भी मरीज की मृत्यु नहीं हुई है।
अपर मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. शिशिर पुरी ने बताया कि बुखार और बढ़ते डेंगू संक्रमण को देखते हुए सोमवार को बाकरपुर, सलेमपुर समेत पांच गांवों में स्वास्थ्य टीमें पहुंचीं। जहां 338 मरीजों का उपचार किया गया। डेंगू के लक्षण वाले 72 मरीजों का एलाइजा सैंपल लेकर जांच के लिए भेजे गए हैं। जिनकी रिपोर्ट मंगलवार को प्राप्त होगी।
न इलाज हो रहा और न सफाई
फफूंद। क्षेत्र के खोयला के ग्रामीण शिव मोहन दीक्षित, मनीष दुबे, अमर सिंह, लल्लू यादव, राजू नागर, नसीम खां, अजय, रसूल खां, श्रीकृष्ण, रामदास सविता आदि ने बताया कि गांव में अभी बुखार का प्रकोप कम नहीं हुआ है। डेंगू संक्रमित मरीजों की संख्या गांव में अधिक होने और मौतें होने के बाद भी प्रशासन गंभीर नहीं हैं। गांव में न तो फागिंग कराई जा रही है और न ही इलाज के पुख्ता इंतजाम किए जा रहे है। गांव में बीमार लोगों में बच्चों की संख्या लगातार तेजी से बढ़ रही है। सफाई के नाम पर भी गांव में खानापूर्ति की जा रही है। प्रधान रेखा देवी ने बताया कि वह भी डेंगू की चपेट में आने के कारण कानपुर में भर्ती रहीं हैं। गांव में डीडीटी का छिड़काव और सफाई कराई जा रही है। कई बार अधिकारियों से कहने के बाद भी फागिंग नहीं हुई, जिससे मच्छरों का प्रकोप बढ़ा है। (संवाद)
फैल रही बीमारी, मिल रहे डेंगू के लक्षण
रुरुगंज (औरैया)। अछल्दा रोड पर निवास करने वाले लोग इस समय बीमारियों की चपेट में हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि लंबे समय से नालियों की सफाई न होने से बीमारियां जन्म लेने लगीं हैं। पीएचसी में जरूरी दवाएं न होने और बेहतर उपचार न होने पर उन्हें दिक्कत हो रहीं हैं। मजबूर होकर प्राइवेट चिकित्सकों का सहारा लेना पड़ रहा है। जांच में सोमवार को हरिओम राठौर (32), धोनी (18), अर्पित (20), जहान सिंह (55) समेत आदि लोग डेंगू संक्रमित पाए गए हैं। जिससे लोगों में हड़कंप मचा है। स्थानीय लोगों ने विभागीय अधिकारियों से टीम भेजकर उपचार कराए जाने की मांग की है। पीएचसी चिकित्साधिकारी स्वास्तिका शर्मा ने बताया अभी तक मेरे पास कोई डेंगू का मरीज नहीं आया है। जो लोग बुखार से पीड़ित हैं, उन्हें दवाएं दी जा रही हैं। (संवाद)
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जिले में एक सप्ताह से बुखार से मरने वालों की संख्या तेजी से बढ़ी है। एरवाकटरा, फफूंद और दिबियापुर क्षेत्र में लगातार लोग बुखार से मर रहे हैं। इसके साथ ही डेंगू मरीजों की संख्या भी बढ़ रही है। लगातार हो रही मौत और मिल रहे मरीजों को लेकर स्वास्थ्य विभाग ठोस कदम नहीं उठा रहा है।
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फफूंद के मोहल्ला बाबा का पुरवा निवासी इमरती देवी (80) को चार दिन पहले बुखार आया था। शनिवार को हालत बिगड़ने पर कानपुर के निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उनकी मौत हो गई। वहीं खोयला निवासी माधुरी (37) पत्नी प्रदीप तिवारी की बुखार से कानपुर में इलाज के दौरान मौत हो गई। क्षेत्र में दो मौतों से लोगों में डरे हैं। ऐरवाकटरा क्षेत्र के बरौना खुर्द में क्षेत्र पंचायत सदस्य मोहित सविता (32) की बुखार से मौत हो गई।
उन्हें एक सप्ताह से बुखार आ रहा था। वहीं नगला निमी निवासी अनुज कुमार शाक्य को बुखार आने पर कानपुर के निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जहां सोमवार की सुबह अनुज कुमार की मौत हो गई। इसके अलावा गांव के जॉनश्री (11) उमरैन, कुमारी शकुन (06), नीलेश (30), कुमारी तनु (11) की बुखार आने पर हालत गंभीर है। उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
डेंगू मरीजों को लेकर सीएमओ डॉ. अर्चना श्रीवास्तव ने बताया कि सोमवार को जीएसवीएम मेडिकल कालेज कानपुर से सैंपलों की रिपोर्ट प्राप्त हुई। जिसमें छह में डेंगू की पुष्टि हुई है। जिनका कानपुर के जीएसवीएम मेडिकल कालेज में उपचार चल रहा है। बताया कि जिनमें डेंगू की पुष्टि हुई उनमें पंडपुर अयाना निवासी 35 वर्षीय महिला, खोयला निवासी 24 वर्षीय युवक, खोयला निवासी 67 वर्षीय वृद्ध, खोयला निवासी 75 वर्षीय वृद्ध, खोयला निवासी 40 वर्षीय महिला, अछल्दा निवासी 56 वर्षीय पुरुष हैं। डेंगू से सोमवार को किसी भी मरीज की मृत्यु नहीं हुई है।
अपर मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. शिशिर पुरी ने बताया कि बुखार और बढ़ते डेंगू संक्रमण को देखते हुए सोमवार को बाकरपुर, सलेमपुर समेत पांच गांवों में स्वास्थ्य टीमें पहुंचीं। जहां 338 मरीजों का उपचार किया गया। डेंगू के लक्षण वाले 72 मरीजों का एलाइजा सैंपल लेकर जांच के लिए भेजे गए हैं। जिनकी रिपोर्ट मंगलवार को प्राप्त होगी।
न इलाज हो रहा और न सफाई
फफूंद। क्षेत्र के खोयला के ग्रामीण शिव मोहन दीक्षित, मनीष दुबे, अमर सिंह, लल्लू यादव, राजू नागर, नसीम खां, अजय, रसूल खां, श्रीकृष्ण, रामदास सविता आदि ने बताया कि गांव में अभी बुखार का प्रकोप कम नहीं हुआ है। डेंगू संक्रमित मरीजों की संख्या गांव में अधिक होने और मौतें होने के बाद भी प्रशासन गंभीर नहीं हैं। गांव में न तो फागिंग कराई जा रही है और न ही इलाज के पुख्ता इंतजाम किए जा रहे है। गांव में बीमार लोगों में बच्चों की संख्या लगातार तेजी से बढ़ रही है। सफाई के नाम पर भी गांव में खानापूर्ति की जा रही है। प्रधान रेखा देवी ने बताया कि वह भी डेंगू की चपेट में आने के कारण कानपुर में भर्ती रहीं हैं। गांव में डीडीटी का छिड़काव और सफाई कराई जा रही है। कई बार अधिकारियों से कहने के बाद भी फागिंग नहीं हुई, जिससे मच्छरों का प्रकोप बढ़ा है। (संवाद)
फैल रही बीमारी, मिल रहे डेंगू के लक्षण
रुरुगंज (औरैया)। अछल्दा रोड पर निवास करने वाले लोग इस समय बीमारियों की चपेट में हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि लंबे समय से नालियों की सफाई न होने से बीमारियां जन्म लेने लगीं हैं। पीएचसी में जरूरी दवाएं न होने और बेहतर उपचार न होने पर उन्हें दिक्कत हो रहीं हैं। मजबूर होकर प्राइवेट चिकित्सकों का सहारा लेना पड़ रहा है। जांच में सोमवार को हरिओम राठौर (32), धोनी (18), अर्पित (20), जहान सिंह (55) समेत आदि लोग डेंगू संक्रमित पाए गए हैं। जिससे लोगों में हड़कंप मचा है। स्थानीय लोगों ने विभागीय अधिकारियों से टीम भेजकर उपचार कराए जाने की मांग की है। पीएचसी चिकित्साधिकारी स्वास्तिका शर्मा ने बताया अभी तक मेरे पास कोई डेंगू का मरीज नहीं आया है। जो लोग बुखार से पीड़ित हैं, उन्हें दवाएं दी जा रही हैं। (संवाद)