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Auraiya News: जिले की ऐतिहासिक विरासत व पहचान
संवाद न्यूज एजेंसी, औरैया
Updated Tue, 16 Sep 2025 11:17 PM IST
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फोटो-16एयूआरपी 20- दुर्वासा ऋषि की तपोस्थली। संवाद
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औरैया। यमुना नदी से पांच किमी दूर उत्तर दिशा में बसे औरैया का नाम कैसे रखा गया। इसकी कोई सटीक जानकारी तो नहीं दे पाया। लेकिन यहां की पहचान हजारों साल से इतिहास के पन्नों में दर्ज हैं। मराठाकाल, मुगलकाल , अंग्रेजी शासन व स्वतंत्रता आंदोलन ने यहां की पहचान को अमर किया है। 11वीं शताब्दी में यमुना के किनारे कन्नौज के राजा जयचंद्र की बहन देवकला के नाम पर यहां महलनुमा मंदिर बनवाया गया। इसमें शिवलिंग की स्थापना हुई।
फोटो-16एयूआरपी 20- दुर्वासा ऋषि की तपोस्थली। संवाद
दोबा में की थी दुर्वासा ऋषि ने तपस्या
जिले के एरवाकटरा के पास दोबा गांव में महान ऋषि दुर्वासा ने दूर्वा घास खाकर हजारों साल पहले तपस्या की थी। उनका मंदिर व आश्रम आज भी मौजूद हैं। यहां हर साल माघ पूर्णिमा के मौके पर माहभर का मेला लगता है। यह मेला उत्तर भारत का प्रसिद्ध मेला बताया जाता है।
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550 साल पुरानी है दरगाह जाफर शाह बुखारी
फोटो-16एयूआरपी 21- दरगाह के बाहर का दृश्य। संवाद
फफूंद की प्राचीन मस्जिद दरगाह बुखारी साहब का इतिहास हजरत जाफर शाह बुखारी से जुड़ा है। वह एक प्रसिद्ध सूफी संत थे और बुखारा शहर से आए थे।उनकी लगन से फफूंद क्षेत्र आबाद हुआ था। उनके जीवनकाल के लगभग 550 साल बाद भी मस्जिद दरगाह बुखारी आध्यात्मिक केंद्र बनी हुई है। वृद्ध मजीद खां बताते हैं कि दरगाह का इतिहास बहुत पुराना है।

फोटो-16एयूआरपी 20- दुर्वासा ऋषि की तपोस्थली। संवाद
दोबा में की थी दुर्वासा ऋषि ने तपस्या
जिले के एरवाकटरा के पास दोबा गांव में महान ऋषि दुर्वासा ने दूर्वा घास खाकर हजारों साल पहले तपस्या की थी। उनका मंदिर व आश्रम आज भी मौजूद हैं। यहां हर साल माघ पूर्णिमा के मौके पर माहभर का मेला लगता है। यह मेला उत्तर भारत का प्रसिद्ध मेला बताया जाता है।
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550 साल पुरानी है दरगाह जाफर शाह बुखारी
फोटो-16एयूआरपी 21- दरगाह के बाहर का दृश्य। संवाद
फफूंद की प्राचीन मस्जिद दरगाह बुखारी साहब का इतिहास हजरत जाफर शाह बुखारी से जुड़ा है। वह एक प्रसिद्ध सूफी संत थे और बुखारा शहर से आए थे।उनकी लगन से फफूंद क्षेत्र आबाद हुआ था। उनके जीवनकाल के लगभग 550 साल बाद भी मस्जिद दरगाह बुखारी आध्यात्मिक केंद्र बनी हुई है। वृद्ध मजीद खां बताते हैं कि दरगाह का इतिहास बहुत पुराना है।
फोटो-16एयूआरपी 20- दुर्वासा ऋषि की तपोस्थली। संवाद