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Auraiya News: दोषियों पर नहीं आंच, तीन साल से पूरी नहीं हुई 19 ग्राम पंचायतों की जांच
संवाद न्यूज एजेंसी, औरैया
Updated Sat, 20 Dec 2025 12:23 AM IST
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औरैया। ग्राम पंचायतों में कराए गए विकास कार्यों में भ्रष्टाचार की शिकायतों की जांचें बीते तीन साल में भी पूरी नहीं हो पाई हैं। डीएम के निर्देश पर 19 ग्राम पंचायतों में भ्रष्टाचार की जांच के लिए गठित समितियों ने इससे जुड़ी फाइलें दबा ली हैं।
माना जा रहा है कि जांच की प्रकि्रया को पंचायत चुनाव की घोषणा तक टालने की कोशिश की जा रही है ताकि सारा मामला ठंडे बस्ते में चला जाए।
पंचायती राज अधिनियम के अनुसार ग्राम पंचायतों में होने वाले विकास कार्यों में अगर भ्रष्टाचार किया जाता है तो कोई भी ग्रामीण इसकी शिकायत कर सकता है। शिकायत पर डीएम जांच के लिए कमेटी का गठन करते हैं। इसमें एक जिला स्तरीय अधिकारी को शामिल करना अनिवार्य है।
नियमानुसार इसकी प्रारंभिक जांच 90 दिन में पूरी हो जानी चाहिए थी लेकिन जनपद में एक से लेकर तीन साल से यह जांचें अधूरी हैं। अधिकारियों को इसके लिए रिमाइंडर भी भेजे गए लेकिन कुछ नहीं हुआ। इसके चलते न तो जांच पूरी हो सकी और न ही घोटाले सामने आ सके। अधिकांश शिकायतें सड़क निर्माण, हैंडपंप मरम्मत, लाइट खरीद, फर्जी कार्य दिखाकर धनराशि के आहरण से संबंधित हैं।
अछल्दा में सर्वाधिक, भाग्यनगर और बिधूना में सबसे कम जांचें लंबित
लंबित जांचों की अगर बात करें तो विकास खंड अछल्दा की सर्वाधिक सात ग्राम पंचायतों की जांचें लंबित हैं। इसमें घसारा, रामपुर कुंवर, जागू, हरचंदपुर, सलेमपुर, कान्हो और चिमकुनी शामिल हैं। वहीं अजीतमल में ग्राम पंचायत टउआबिकू, अमावता, गोहानीकला, रुरुआ और ऊंचा समेत कुल पांच की जांचें अधूरी हैं। इसके अलावा एरवाकटरा में सुरैधा और नूराबाद व औरैया में कस्बा खानपुर, भरतौल और नवादा ज्वाला प्रसाद की जांचें अधूरी हैं। वहीं भाग्यनगर में जमुहां और बिधूना में रामपुर-बामपुर की जांचें पूरी नहीं हो सकीं।
प्रधानों का कार्यकाल पूरा कराने की रणनीति
अब पंचायत चुनाव की घोषणा में कुछ महीने ही शेष बचे हैं। ऐसे में ग्राम प्रधान पंचायत राज विभाग के कर्मचारियों और जांच अधिकारियों से मिलकर जान बूझकर जांच को आगे बढ़वा रहे हैं। कुछ अधिकारी अगर जांच करना भी चाहते हैं तो उन्हें ग्राम पंचायत की ओर से अभिलेख ही नहीं दिए जा रहे हैं। इसी तरह सालों जांचों को खींचा जा रहा है। अब कुछ महीनों की बात और इसके बाद चुनाव की घोषणा हो जाएगी और सारे मामले दब जाएंगे।
विकास कार्यों में भ्रष्टाचार की शिकायत
केस एक : एक विधायक ने विधानसभा समिति से विकास खंड औरैया की ग्राम पंचायत कस्बा खानपुर में विकास कार्यों में भ्रष्टाचार की शिकायत 6 फरवरी 2023 को की थी। डीएम के आदेश पर जांच के लिए जिला अर्थ एवं संख्याधिकारी और अवर अभियंता ग्रामीण अभियंत्रण विभाग की जांच समिति बना दी गई। करीब तीन साल का समय बीतने को है लेकिन जांच रिपोर्ट का कोई अता-पता नहीं है।
पांच बार जांच कराने के लिए रिमाइंडर भी भेजे
केस दो : विकास खंड अछल्दा की ग्राम पंचायत कान्हो के ग्रामीणों ने 27 अक्तूबर 2023 को विकास कार्यों में भ्रष्टाचार की शिकायत की थी। डीएम के आदेश पर जिला अर्थ एवं संख्या अधिकारी और अवर अभियंता लघु सिंचाई को जांच अधिकारी नामित किया गया। पांच बार जांच कराने के लिए रिमाइंडर भी भेजे लेकिन जांच नहीं हुई।
जांच के लिए अब तक अभिलेख ही नहीं दिए
केस तीन : विकास खंड अछल्दा की ग्राम पंचायत सलेमपुर में आरसीसी सड़क, इंटरलॉकिंग सड़क और खड़ंजा निर्माण में फर्जीवाड़े की शिकायत ग्रामीणों ने इसी साल 24 जनवरी को की थी। जांच का जिम्मा डीएम ने जिला कार्यक्रम अधिकारी और सहायक अभियंता लघु सिंचाई को सौंपा,लेकिन सचिव ने जांच के लिए अब तक अभिलेख ही नहीं दिए। इससे जांच अधर में है।
जांच पूरी कराने के लिए कई बार जांच अधिकारियों को पत्र लिखा गया है। वर्तमान में 19 ग्राम पंचायतों की जांचें लंबित हैं। इसके लिए डीएम से समय लेकर जांच अधिकारियों की बैठक कराई जाएगी। चुनाव तक किसी जांच को खींचने की कोई मंशा नहीं है।
- श्रीकांत यादव, डीपीआरओ।
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माना जा रहा है कि जांच की प्रकि्रया को पंचायत चुनाव की घोषणा तक टालने की कोशिश की जा रही है ताकि सारा मामला ठंडे बस्ते में चला जाए।
पंचायती राज अधिनियम के अनुसार ग्राम पंचायतों में होने वाले विकास कार्यों में अगर भ्रष्टाचार किया जाता है तो कोई भी ग्रामीण इसकी शिकायत कर सकता है। शिकायत पर डीएम जांच के लिए कमेटी का गठन करते हैं। इसमें एक जिला स्तरीय अधिकारी को शामिल करना अनिवार्य है।
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नियमानुसार इसकी प्रारंभिक जांच 90 दिन में पूरी हो जानी चाहिए थी लेकिन जनपद में एक से लेकर तीन साल से यह जांचें अधूरी हैं। अधिकारियों को इसके लिए रिमाइंडर भी भेजे गए लेकिन कुछ नहीं हुआ। इसके चलते न तो जांच पूरी हो सकी और न ही घोटाले सामने आ सके। अधिकांश शिकायतें सड़क निर्माण, हैंडपंप मरम्मत, लाइट खरीद, फर्जी कार्य दिखाकर धनराशि के आहरण से संबंधित हैं।
अछल्दा में सर्वाधिक, भाग्यनगर और बिधूना में सबसे कम जांचें लंबित
लंबित जांचों की अगर बात करें तो विकास खंड अछल्दा की सर्वाधिक सात ग्राम पंचायतों की जांचें लंबित हैं। इसमें घसारा, रामपुर कुंवर, जागू, हरचंदपुर, सलेमपुर, कान्हो और चिमकुनी शामिल हैं। वहीं अजीतमल में ग्राम पंचायत टउआबिकू, अमावता, गोहानीकला, रुरुआ और ऊंचा समेत कुल पांच की जांचें अधूरी हैं। इसके अलावा एरवाकटरा में सुरैधा और नूराबाद व औरैया में कस्बा खानपुर, भरतौल और नवादा ज्वाला प्रसाद की जांचें अधूरी हैं। वहीं भाग्यनगर में जमुहां और बिधूना में रामपुर-बामपुर की जांचें पूरी नहीं हो सकीं।
प्रधानों का कार्यकाल पूरा कराने की रणनीति
अब पंचायत चुनाव की घोषणा में कुछ महीने ही शेष बचे हैं। ऐसे में ग्राम प्रधान पंचायत राज विभाग के कर्मचारियों और जांच अधिकारियों से मिलकर जान बूझकर जांच को आगे बढ़वा रहे हैं। कुछ अधिकारी अगर जांच करना भी चाहते हैं तो उन्हें ग्राम पंचायत की ओर से अभिलेख ही नहीं दिए जा रहे हैं। इसी तरह सालों जांचों को खींचा जा रहा है। अब कुछ महीनों की बात और इसके बाद चुनाव की घोषणा हो जाएगी और सारे मामले दब जाएंगे।
विकास कार्यों में भ्रष्टाचार की शिकायत
केस एक : एक विधायक ने विधानसभा समिति से विकास खंड औरैया की ग्राम पंचायत कस्बा खानपुर में विकास कार्यों में भ्रष्टाचार की शिकायत 6 फरवरी 2023 को की थी। डीएम के आदेश पर जांच के लिए जिला अर्थ एवं संख्याधिकारी और अवर अभियंता ग्रामीण अभियंत्रण विभाग की जांच समिति बना दी गई। करीब तीन साल का समय बीतने को है लेकिन जांच रिपोर्ट का कोई अता-पता नहीं है।
पांच बार जांच कराने के लिए रिमाइंडर भी भेजे
केस दो : विकास खंड अछल्दा की ग्राम पंचायत कान्हो के ग्रामीणों ने 27 अक्तूबर 2023 को विकास कार्यों में भ्रष्टाचार की शिकायत की थी। डीएम के आदेश पर जिला अर्थ एवं संख्या अधिकारी और अवर अभियंता लघु सिंचाई को जांच अधिकारी नामित किया गया। पांच बार जांच कराने के लिए रिमाइंडर भी भेजे लेकिन जांच नहीं हुई।
जांच के लिए अब तक अभिलेख ही नहीं दिए
केस तीन : विकास खंड अछल्दा की ग्राम पंचायत सलेमपुर में आरसीसी सड़क, इंटरलॉकिंग सड़क और खड़ंजा निर्माण में फर्जीवाड़े की शिकायत ग्रामीणों ने इसी साल 24 जनवरी को की थी। जांच का जिम्मा डीएम ने जिला कार्यक्रम अधिकारी और सहायक अभियंता लघु सिंचाई को सौंपा,लेकिन सचिव ने जांच के लिए अब तक अभिलेख ही नहीं दिए। इससे जांच अधर में है।
जांच पूरी कराने के लिए कई बार जांच अधिकारियों को पत्र लिखा गया है। वर्तमान में 19 ग्राम पंचायतों की जांचें लंबित हैं। इसके लिए डीएम से समय लेकर जांच अधिकारियों की बैठक कराई जाएगी। चुनाव तक किसी जांच को खींचने की कोई मंशा नहीं है।
- श्रीकांत यादव, डीपीआरओ।
