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Auraiya News: इमरजेंसी कक्ष बंद, इलाज के अभाव में दम तोड़ रहे घायल

Kanpur	 Bureau कानपुर ब्यूरो
Updated Wed, 19 Nov 2025 11:45 PM IST
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The emergency room is closed, and the injured are dying due to lack of treatment.
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बिधूना। बेला के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में इमरजेंसी सेवाएं शुरू नहीं हो पा रही हैं। डॉक्टरों व पैरामेडिकल स्टाफ की तैनाती के बावजूद इमरजेंसी कक्ष पिछले पांच महीनों से बंद है। ऐसे में दुर्घटनाओं में घायल लोगों को तत्काल प्राथमिक उपचार नहीं मिल पा रहा है। कई बार समय पर इलाज न मिलने से गंभीर मरीज दम तोड़ देते हैं।
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सीएचसी में डॉ. जितेंद्र कुमार अधीक्षक, डॉ. चंद्रशेखर, डॉ. स्वास्तिका समेत दो फार्मासिस्ट, स्टाफ नर्स और एलटी कर्मी तैनात हैं। बावजूद इमरजेंसी कक्ष का संचालन शुरू न होने पर क्षेत्रीय लोगों में नाराजगी है। हादसों में घायल लोगों को बिधूना, तिर्वा या सहार अस्पताल भेजना पड़ता है। 29 अक्टूबर को बरकसी मोड़ पर कार पलटने से शिवली निवासी कई लोग घायल हो गए थे। जिला अस्पताल ले जाते समय गंभीर रूप से घायल युवक गोलू की मौत हो गई थी। इसी तरह 14 नवबंर को बेला बिधूना मार्ग पर मनुआपुरवा के पास पिकअप वाहन पलट जाने से पांच लोग घायल हुए थे। अस्पताल ले जाते समय एक की मौत हो गई थी।
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एक अन्य घटना में तीन नवंबर को बिधूना बेला मार्ग पर हरदू मोड़ के पास बाइक अनियंत्रित होकर नीचे गिरने दो युवक घायल हो गए थे। उन्हें भी 17 किमी दूर बिधूना भेजा गया जहां एक घायल की मौत हो गई थी। स्थानीय लोगों का कहना है कि बेला सीएचसी में इमरजेंसी सेवा चालू होती तो इन घायल मरीजों को तत्काल प्राथमिक उपचार मिल सकता था। रात के समय हादसा होने पर मरीज को बाहर ले जाना और भी मुश्किल हो जाता है। साधनों की कमी और दूरी के कारण अक्सर देर हो जाती है। इससे मरीज की स्थिति गंभीर हो जाती है।
स्थानीय निवासी देवू सेंगर, सतेंद्र सिंह, अरविंद कुमार, विमल कुमार व प्रदीप गुप्ता ने कहा कि इमरजेंसी सेवा शुरू होने से बेला एवं आसपास के गांवों के हजारों लोगों को राहत मिलेगी और दुर्घटनाओं के बाद समय पर उपचार मिल सकेगा। अधीक्षक डॉ. जितेंद्र कुमार ने बताया कि अस्पताल में रात में मरीज आने पर इलाज किया जाता है। इमरजेंसी कक्ष स्टाफ की कमी के चलते नहीं खुल पा रहा है। उच्चाधिकारियों को इसके बारे में अवगत कराया जा चुका है।
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