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Azamgarh News: फर्श पर सो रहे लोग, रैन बसेरों पर नहीं लगे हैं संकेतक
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19 : रात करीब 11.30 बजे रेलवे स्टेशन पर खुले आसमान के नीचे सोते मिले लोग। संवाद
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आजमगढ़। हाड़ कंपाने वाली ठंड में जहां घरों में लोगों को ठंड लग रही है, वहीं लोग सड़कों के किनारे, रेलवे स्टेशन और रोडवेज पर खुले में फर्श पर सो रहे हैं। रैन बसेरे तो बने हैं लेकिन कहीं भी इसका रास्ता बताने के लिए संकेतक नहीं लगे हैं। रेलवे स्टेशन पर लोग छोटे बच्चों के साथ खुले फर्श पर सोने को विवश हैं। नगर के मुख्य चौक पर स्थापित नगरपालिका के अलाव में आग और लकड़ी की जगह सिर्फ राख मिली। शनिवार की रात पड़ताल में यह बातें सामने आईं।
10:43 बजे : शहर के बड़ादेव पर काफी संख्या में ढोल ताशा वालों ने अपनी दुकानें लगा रखी हैं। यहां पर काफी संख्या में लोग सोए हुए मिले। हमें देखते ही वहां सो रहे पुरुष गायब हो गए। वहां सो रही महिला नाजनीन ने बताया कि वह बसखारी के दरगाह से यहां मांगने खाने के लिए आए हैं। 10:50 बजे शहर के सिविल लाइन स्थित पंडित दीन दयाल उपाध्याय की प्रतिमा के पास एक व्यक्ति सोता मिला। पूछने पर उसने बताया कि उसका नाम संजय है वह सफाई करता है। कांशीराम कालोनी कोढि़या बस्ती में उसे आवास मिला है। लेकिन वह यहां सो रहा है। लकड़ी और आग की जगह मिली राख : नगर पालिका की ओर से 43 स्थानों पर अलाव जलाने का दावा किया जा रहा है। रात लगभग 12 बजे जब हम नगर के मुख्य चौक पर पहुंचे तो यहां लकड़ी का पता नहीं था। आग भी नहीं जल रही थी। मौके पर सिर्फ राख पड़ी थी।
रेलवे स्टेशन का हाल
11:15 बजे : रेलवे स्टेशन के टिकट घर में लगभग 20 की संख्या में लोग जमीन पर ही चादर बिछाकर सो रहे थे। पूछने पर कुछ लोगों ने बताया कि उन्हें तत्काल टिकट लेना है। जिसके लिए वह नंबर लगाकर वहीं सो रहे हैं। वहीं एक परिवार ऐसा भी मिला जिसे महराजगंज जाना था। गाड़ी न मिलने के कारण वह छोटे बच्चे के साथ जमीन पर सो रहे थे। रैन बसेरे के बारे में कहने पर वह ऑटो से वहां के लिए रवाना हुए। कहीं भी रैनबसेरे का संकेतक नहीं लगा था। वहीं प्रवेश द्वार के पास करीब 20 लोग छोटे-छोटे बच्चों के साथ सोते मिले। वहां सो रही महिला विमला ने बताया कि वह लोग हर साल यहां आते हैं। ट्रेन लेट होने के कारण वह लोग होटल या किसी धर्मशाले में नहीं जा सके।
नंबर लगाकर टिकट लेने का दलाल देते हैं पैसा
पड़ताल के दौरान हमें रेलवे स्टेशन की टिकट खिड़की के पास एक युवक मिला। पूछने पर उसने अपना नाम तो बताया नहीं लेकिन उसने बताया कि वह किसी राजू नामक व्यक्ति जो टिकट का कारोबार करता है उसके लिए तत्काल टिकट निकालने के लिए नंबर लगाया है। उसने बताया कि उसे एक टिकट निकालना है। इसके लिए उसे 800 रुपये मिलेंगे।
जमीन पर सोते मिले
रोडवेज परिसर का हाल 10:55 बजे :रोडवेज बस स्टैंड परिसर में रोडवेज भवन के सामने अलाव जल रहा था, वहां लकड़ियां भी भरपूर थी। कई लोग उसके ईर्द गिर्द बैठे अलाव ताप रहे थे। यहां रैन बसेरा तो बना था लेकिन कहीं संकेतक नहीं लगा था। यहां पांच लोग जमीन पर सो रहे थे। वहीं कुछ लोग कुर्सियों पर भी चादर ओढ़े सोते मिले। वहीं कुछ लोग ऐसे भी थे जो दुकान पर काम करने के बाद रात बिताने के लिए गत्ता और चद्दर बिछाकर जमीन पर ही सोए थे।
अगर कहीं खुले में लोग सो रहे हैं तो इसके लिए हमारी रेस्क्यू टीम सक्रिय है। वह खुले में सो रहे लोगों को रैन बसेरे तक पहुंचा रही है। रही बात अलाव की तो उसके लिए कर्मचारी की तैनाती की गई है। मैं इसके बारे में जानकारी करती हूं। - प्रियंका सिंह, एसडीएम व प्रभारी ईओ नगरपालिका।
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10:43 बजे : शहर के बड़ादेव पर काफी संख्या में ढोल ताशा वालों ने अपनी दुकानें लगा रखी हैं। यहां पर काफी संख्या में लोग सोए हुए मिले। हमें देखते ही वहां सो रहे पुरुष गायब हो गए। वहां सो रही महिला नाजनीन ने बताया कि वह बसखारी के दरगाह से यहां मांगने खाने के लिए आए हैं। 10:50 बजे शहर के सिविल लाइन स्थित पंडित दीन दयाल उपाध्याय की प्रतिमा के पास एक व्यक्ति सोता मिला। पूछने पर उसने बताया कि उसका नाम संजय है वह सफाई करता है। कांशीराम कालोनी कोढि़या बस्ती में उसे आवास मिला है। लेकिन वह यहां सो रहा है। लकड़ी और आग की जगह मिली राख : नगर पालिका की ओर से 43 स्थानों पर अलाव जलाने का दावा किया जा रहा है। रात लगभग 12 बजे जब हम नगर के मुख्य चौक पर पहुंचे तो यहां लकड़ी का पता नहीं था। आग भी नहीं जल रही थी। मौके पर सिर्फ राख पड़ी थी।
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रेलवे स्टेशन का हाल
11:15 बजे : रेलवे स्टेशन के टिकट घर में लगभग 20 की संख्या में लोग जमीन पर ही चादर बिछाकर सो रहे थे। पूछने पर कुछ लोगों ने बताया कि उन्हें तत्काल टिकट लेना है। जिसके लिए वह नंबर लगाकर वहीं सो रहे हैं। वहीं एक परिवार ऐसा भी मिला जिसे महराजगंज जाना था। गाड़ी न मिलने के कारण वह छोटे बच्चे के साथ जमीन पर सो रहे थे। रैन बसेरे के बारे में कहने पर वह ऑटो से वहां के लिए रवाना हुए। कहीं भी रैनबसेरे का संकेतक नहीं लगा था। वहीं प्रवेश द्वार के पास करीब 20 लोग छोटे-छोटे बच्चों के साथ सोते मिले। वहां सो रही महिला विमला ने बताया कि वह लोग हर साल यहां आते हैं। ट्रेन लेट होने के कारण वह लोग होटल या किसी धर्मशाले में नहीं जा सके।
नंबर लगाकर टिकट लेने का दलाल देते हैं पैसा
पड़ताल के दौरान हमें रेलवे स्टेशन की टिकट खिड़की के पास एक युवक मिला। पूछने पर उसने अपना नाम तो बताया नहीं लेकिन उसने बताया कि वह किसी राजू नामक व्यक्ति जो टिकट का कारोबार करता है उसके लिए तत्काल टिकट निकालने के लिए नंबर लगाया है। उसने बताया कि उसे एक टिकट निकालना है। इसके लिए उसे 800 रुपये मिलेंगे।
जमीन पर सोते मिले
रोडवेज परिसर का हाल 10:55 बजे :रोडवेज बस स्टैंड परिसर में रोडवेज भवन के सामने अलाव जल रहा था, वहां लकड़ियां भी भरपूर थी। कई लोग उसके ईर्द गिर्द बैठे अलाव ताप रहे थे। यहां रैन बसेरा तो बना था लेकिन कहीं संकेतक नहीं लगा था। यहां पांच लोग जमीन पर सो रहे थे। वहीं कुछ लोग कुर्सियों पर भी चादर ओढ़े सोते मिले। वहीं कुछ लोग ऐसे भी थे जो दुकान पर काम करने के बाद रात बिताने के लिए गत्ता और चद्दर बिछाकर जमीन पर ही सोए थे।
अगर कहीं खुले में लोग सो रहे हैं तो इसके लिए हमारी रेस्क्यू टीम सक्रिय है। वह खुले में सो रहे लोगों को रैन बसेरे तक पहुंचा रही है। रही बात अलाव की तो उसके लिए कर्मचारी की तैनाती की गई है। मैं इसके बारे में जानकारी करती हूं। - प्रियंका सिंह, एसडीएम व प्रभारी ईओ नगरपालिका।

19 : रात करीब 11.30 बजे रेलवे स्टेशन पर खुले आसमान के नीचे सोते मिले लोग। संवाद

19 : रात करीब 11.30 बजे रेलवे स्टेशन पर खुले आसमान के नीचे सोते मिले लोग। संवाद
