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नौनिहालों के खाद्यान्न पर कब्जा जमा कर बैठे पूर्व ग्राम प्रधान

Varanasi Bureau वाराणसी ब्यूरो
Updated Fri, 22 Oct 2021 08:30 PM IST
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The former village head sitting on the food grains of the newborns
आजमगढ़। दोपहर भोजन योजना का खाद्यान्न ग्राम प्रधानों के जरिए वितरित किया जाता है। कार्यकाल तो खत्म होने के बाद भी तमाम पुराने ग्राम प्रधानों मध्याह्न भोजन के अनाज का हिसाब ही नहीं दिया। उनका कार्यकाल बीतने के बाद अब बेसिक शिक्षा विभाग को इसकी सुध आई है और बीएसए ने खंड शिक्षा अधिकारियों को नोटिस जारी करके खाद्यान्न का विवरण मांगा है।
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परिषदीय विद्यालयों में सरकार मध्याह्न (दोपहर) भोजन योजना संचालित करती है। इस योजना के तहत विद्यालयों में बच्चों को भोजन पकाकर खिलाया जाता है। इसके लिए खाद्यान्न की आपूर्ति ग्राम प्रधानों को करनी थी। वर्ष 2005 से 2015 तक दस सालों में खाद्यान्न के उठान और वितरण का हिसाब ग्राम प्रधानों ने नहीं दिया है। उनका कार्यकाल तो खत्म होने के बाद अब बेसिक शिक्षा विभाग को इसकी सुध आई है। बीएसए ने अब बचे और खर्च हुए खाद्यान्न का विवरण मांगना शुरू किया है। एमडीएम प्रभारी अंजनी कुमार सिंह का कहा है कि वर्ष 2005 से 2015 के बीच जो ग्राम प्रधान थे उनका कार्यकाल पूरा हो चुका है। उनके पास एमडीएम का कुछ खाद्यान्न शेष रह गया था, जिसे उन्होंने जमा नहीं किया है। इसी का विवरण जुटाया जा रहा है।
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