सब्सक्राइब करें
Hindi News ›   Uttar Pradesh ›   Baghpat News ›   After 33 Years, Fake Appointment Exposed: Son Got Job Under Deceased Dependent Scheme Though Father Was Never

33 वर्ष बाद खुला फर्जीवाड़ा: पिता कभी न रहे शिक्षक, बेटे ने ली मृतक आश्रित में नौकरी, अब वेतन वसूली की तैयारी

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, बागपत Published by: डिंपल सिरोही Updated Fri, 19 Sep 2025 09:47 AM IST
विज्ञापन
सार

बागपत के घिटौली विद्यालय के प्रधानाध्यापक विष्णुदत्त शर्मा की 33 साल पुरानी फर्जी नियुक्ति उजागर हुई। जांच में सामने आया कि उनके पिता कभी शिक्षक नहीं रहे। बीएसए ने सेवा समाप्त कर वेतन वसूली की तैयारी शुरू की।

After 33 Years, Fake Appointment Exposed: Son Got Job Under Deceased Dependent Scheme Though Father Was Never
शिक्षक
विज्ञापन

विस्तार
Follow Us

बागपत  घिटौली के संविलियन विद्यालय में प्रधानाध्यापक विष्णुदत्त शर्मा की 33 साल पुरानी फर्जी नियुक्ति का खुलासा हुआ है। जांच में पाया गया कि उनके पिता बाबूराम शर्मा कभी शिक्षा विभाग में शिक्षक रहे ही नहीं। इसी आधार पर बीएसए गीता चौधरी ने उनकी सेवा समाप्त कर दी है और पूरी रिपोर्ट उच्च अधिकारियों को भेज दी गई है।
loader


विष्णुदत्त शर्मा को 31 दिसंबर 1991 को मेरठ जिले के जानी के परिषदीय प्राथमिक विद्यालय में मृतक आश्रित के तहत सहायक अध्यापक पद पर नियुक्ति मिली थी। बाद में पदोन्नति पर वह घिटौली के संविलियन विद्यालय में आ गए।
विज्ञापन
विज्ञापन


यह भी पढ़ें: MSME for Bharat: मेरठ के उद्यमियों ने रखीं मांगें; ऊर्जा मंत्री बोले-जल्द ही देश-दुनिया में चमकेगा मेरठ
 

जनवरी 2024 में शिकायतकर्ताओं श्यामसुंदर शर्मा और जगवीर शर्मा ने आरोप लगाया कि मृतक आश्रित नियुक्ति फर्जी है। जांच में सामने आया कि विष्णुदत्त के पिता बाबूराम शर्मा की मौत 1972 में दिखाई गई, मगर मृत्यु प्रमाण पत्र 1991 में बनवाया गया और उस पर पंजीकरण संख्या भी नहीं थी।

 

बीएसए ने बताया कि बाबूराम शर्मा को ढिकौली के प्राथमिक विद्यालय में प्रधानाध्यापक बताने का दावा भी झूठा निकला। वित्त एवं लेखाधिकारी कार्यालय से मिली जानकारी में उस समय बाबूराम नाम के तीन शिक्षक जरूर थे, लेकिन वे अन्य स्कूलों में तैनात थे। विष्णुदत्त शर्मा अपने पिता की नौकरी से जुड़े कोई दस्तावेज पेश नहीं कर सके।

जांच रिपोर्ट के आधार पर विष्णुदत्त शर्मा की सेवा समाप्त कर दी गई है। अब उनसे 33 साल 8 महीने का पूरा वेतन वसूलने के आदेश भी जारी होने वाले हैं।

 

विष्णुदत्त शर्मा का पक्ष 
 मेरी सेवाएं गलत तरीके से समाप्त की गई हैं। यह शिकायत पहले भी 2013, 2016 और 2019 में हुई थी और हर बार जांच मेरे पक्ष में रही। मुझे गांव की रंजिश के चलते फंसाया गया है। अब मैं हाईकोर्ट में याचिका दायर करूंगा। 

बीएसए गीता चौधरी का बयान 
 जांच में यह साफ हुआ कि बाबूराम शर्मा कभी शिक्षा विभाग में शिक्षक नहीं रहे। विष्णुदत्त शर्मा की नियुक्ति पूरी तरह फर्जी पाई गई। इसी आधार पर उनकी सेवा समाप्त कर दी गई है। 
 
 
विज्ञापन
विज्ञापन

रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News App, iOS Hindi News App और Amarujala Hindi News APP अपने मोबाइल पे|
Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.

विज्ञापन
विज्ञापन

एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें

Next Article

एप में पढ़ें

Followed