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Baghpat News: कमिश्नर ने जारी कराई 18.24 लाख रुपये की आरसी, लिपिक ने कर दी निरस्त
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बागपत नगर पालिका
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- नगर पालिका बागपत से सितंबर 2017 में जारी कराई गई थी यमुना पक्का घाट के ठेकेदार की आरसी
- चेयरमैन को हटाने के बाद दोबारा रिकॉर्ड निकालने पर दबी मिलीं काफी फाइलें, अब जांच कराकर होगी कार्रवाई
संवाद न्यूज एजेंसी
बागपत। नगर पालिका के ठेकेदार की कमिश्नर ने 18.24 लाख रुपये की आरसी जारी करा दी मगर उनसे ऊपर होकर लिपिक ने वह आरसी ही निरस्त कर दी। वर्ष 2017 में ऐसा करके फाइल भी दबा दी गई जो अब आठ साल बाद मिली है। इसकी जांच कराकर कार्रवाई की जाएगी।
बागपत और हरियाणा के बीच केवल यमुना नदी है। वाहन चालक निवाड़ा पुल से होते हुए हरियाणा चले जाते हैं और पैदल जाने वाले लोग नाव में बैठकर यमुना पार करके हरियाणा पहुंच जाते हैं। इस नाव को चलाने का ठेका वर्ष 2020 से पहले तक नगर पालिका से छोड़ा जाता था।
नगर पालिका से वर्ष 2011-14 तक का ठेका इरशाद निवासी केतीपुरा बागपत को छोड़ा गया। उसने ठेका लेकर 25 प्रतिशत राशि जमा कर दी मगर बाकी राशि 18.24 लाख रुपये जमा नहीं कराई। ठेका खत्म होने के बाद भी रुपये जमा नहीं कराने पर सितंबर 2017 में तत्कालीन कमिश्नर डॉ. प्रभात कुमार ने आरसी जारी करने के आदेश दिए।
कमिश्नर के आदेश पर नगर पालिका के तत्कालीन अधिशासी अधिकारी ललित आर्य ने आरसी जारी कर दी। इसके बाद किसी ने उस पर ध्यान नहीं दिया। अब शासन से चेयरमैन के पद से राजुद्दीन को हटाने के बाद फाइलों की दोबारा जांच शुरू हुई तो आरसी जारी करने वाली फाइल भी मिली। इस फाइल में एक पत्र मिला है जो लिपिक महेश शर्मा ने चेयरमैन के निर्देश पर आरसी निरस्त करने के लिए फरवरी 2018 में तहसील में भेजा हुआ है।
इस तरह ठेकेदार को फायदा पहुंचाने के लिए आरसी निरस्त कराकर सरकार को चूना लगा दिया गया और किसी ने इसपर ध्यान भी दिया। आरसी का यह बड़ा घपला सामने आने के बाद इसके साथ ही अन्य फाइलों की जांच शुरू करा दी गई है। यह कहा जा रहा है कि इस तरह अन्य कई आरसी को निरस्त करके घपला किया गया है।
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मैंने आरसी निरस्त करने के लिए कोई पत्र जारी नहीं किया है। मेरी जानकारी में मामला आया है मगर वह पत्र लिपिक महेश शर्मा के हस्ताक्षर से जारी हुआ है। ऐसा हो सकता है कि उस दिन मेरे छुट्टी पर होने के कारण लिपिक ने खुद ही ऐसा कर दिया। - ललित आर्य, अधिशासी अधिकारी, तत्कालीन बागपत व वर्तमान में गजरौला
नगर पालिका से जारी हुई सभी आरसी का ब्योरा निकाला जा रहा है। यह देखा जाएगा कि कितनी आरसी निरस्त की गई और कितनी में राशि कम की गई? ऐसा किसने और क्यों किया है? इसकी पूरी जांच के बाद कार्रवाई होगी। - केके भड़ाना, अधिशासी अधिकारी बागपत
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संवाद न्यूज एजेंसी
बागपत। नगर पालिका के ठेकेदार की कमिश्नर ने 18.24 लाख रुपये की आरसी जारी करा दी मगर उनसे ऊपर होकर लिपिक ने वह आरसी ही निरस्त कर दी। वर्ष 2017 में ऐसा करके फाइल भी दबा दी गई जो अब आठ साल बाद मिली है। इसकी जांच कराकर कार्रवाई की जाएगी।
बागपत और हरियाणा के बीच केवल यमुना नदी है। वाहन चालक निवाड़ा पुल से होते हुए हरियाणा चले जाते हैं और पैदल जाने वाले लोग नाव में बैठकर यमुना पार करके हरियाणा पहुंच जाते हैं। इस नाव को चलाने का ठेका वर्ष 2020 से पहले तक नगर पालिका से छोड़ा जाता था।
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नगर पालिका से वर्ष 2011-14 तक का ठेका इरशाद निवासी केतीपुरा बागपत को छोड़ा गया। उसने ठेका लेकर 25 प्रतिशत राशि जमा कर दी मगर बाकी राशि 18.24 लाख रुपये जमा नहीं कराई। ठेका खत्म होने के बाद भी रुपये जमा नहीं कराने पर सितंबर 2017 में तत्कालीन कमिश्नर डॉ. प्रभात कुमार ने आरसी जारी करने के आदेश दिए।
कमिश्नर के आदेश पर नगर पालिका के तत्कालीन अधिशासी अधिकारी ललित आर्य ने आरसी जारी कर दी। इसके बाद किसी ने उस पर ध्यान नहीं दिया। अब शासन से चेयरमैन के पद से राजुद्दीन को हटाने के बाद फाइलों की दोबारा जांच शुरू हुई तो आरसी जारी करने वाली फाइल भी मिली। इस फाइल में एक पत्र मिला है जो लिपिक महेश शर्मा ने चेयरमैन के निर्देश पर आरसी निरस्त करने के लिए फरवरी 2018 में तहसील में भेजा हुआ है।
इस तरह ठेकेदार को फायदा पहुंचाने के लिए आरसी निरस्त कराकर सरकार को चूना लगा दिया गया और किसी ने इसपर ध्यान भी दिया। आरसी का यह बड़ा घपला सामने आने के बाद इसके साथ ही अन्य फाइलों की जांच शुरू करा दी गई है। यह कहा जा रहा है कि इस तरह अन्य कई आरसी को निरस्त करके घपला किया गया है।
मैंने आरसी निरस्त करने के लिए कोई पत्र जारी नहीं किया है। मेरी जानकारी में मामला आया है मगर वह पत्र लिपिक महेश शर्मा के हस्ताक्षर से जारी हुआ है। ऐसा हो सकता है कि उस दिन मेरे छुट्टी पर होने के कारण लिपिक ने खुद ही ऐसा कर दिया। - ललित आर्य, अधिशासी अधिकारी, तत्कालीन बागपत व वर्तमान में गजरौला
नगर पालिका से जारी हुई सभी आरसी का ब्योरा निकाला जा रहा है। यह देखा जाएगा कि कितनी आरसी निरस्त की गई और कितनी में राशि कम की गई? ऐसा किसने और क्यों किया है? इसकी पूरी जांच के बाद कार्रवाई होगी। - केके भड़ाना, अधिशासी अधिकारी बागपत