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Bahraich News: कटान से खंडहर बना मजरा झुंडी गांव, तीन और घर नदी में समाए
संवाद न्यूज एजेंसी, बहराइच
Updated Fri, 19 Sep 2025 01:41 AM IST
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शिवपुर के बौंडी में कटान के कारण घरों को तोड़ते ग्रामीण। - स्रोत : ग्रामीण
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शिवपुर। चौकसाहार ग्राम पंचायत में कटान थम नहीं रहा है। बुधवार रात मजरा झुंडी में तीन घर नदी की लहरों में समा गए। ग्रामीण खुले आसमान तले गुजर-बसर करने के लिए मजबूर हैं। कटान से गांव के अस्तित्व पर खतरा मंडरा रहा है।
बुधवार की रात हुए कटान में दुलारे का पक्का मकान, काशी राम और रमेश की झोपड़ियों को नदी की धारा निगल गई। ग्रामीणों का कहना है कि अब तक झुंडी गांव के करीब 60 घर नदी में समा चुके हैं, लेकिन पीड़ितों को अभी तक न तो मुआवजा मिला है और न ही पुनर्वास की कोई व्यवस्था ही कराई गई है। जिन ग्रामीणों के मकान कटान के मुहाने पर हैं, वे अपने हाथाें से अपना घर उजाड़ रहे हैं।
कटान से बेघर हुए परिवार तिरपाल डालकर रह रहे हैं। बारिश और उमस के मौसम में हालात और बिगड़ जाते हैं। ग्रामीणों का कहना है कि कटान में केवल जमीन या मकान का नुकसान नहीं है, बल्कि नदी की धारा उनकी पीढ़ियों की मेहनत बहा ले जा रही है। हर साल इसी तरह बाढ़ और कटान के नाम पर जीवन उजड़ता है, लेकिन प्रशासन और सरकार की ओर से स्थायी समाधान की कोई पहल नहीं हो रही है।
कृषि भूमि भी नदी में समा रही
शिवपुर ब्लॉक की अन्य ग्राम पंचायतें भी कटान की चपेट में हैं। बौंडी गांव में अब तक 8.310 हेक्टेयर भूमि नदी में समा चुकी है, जिससे 78 किसान प्रभावित हुए हैं। वहीं अंबरपुर में 4.950 हेक्टेयर जमीन कटान की भेंट चढ़ गई, जिससे 19 किसान प्रभावित हैं। खेत-खलिहान बर्बाद होने से किसानों की रोजी-रोटी पर संकट गहराता जा रहा है।
जिम्मेदारों का दावा
क्षेत्रीय लेखपाल पंकज कुमार ने बताया कि ताजा कटान में तीन मकान नदी में समाहित हुए हैं। सूची बनाकर कार्यालय भेज दी गई है और फिलहाल तिरपाल की व्यवस्था करवाई गई है। अंबरपुर और बौंडी क्षेत्र के लेखपाल प्रदीप कुमार ने कहा कि सभी प्रभावित किसानों की भूमि क्षति का सर्वे किया गया है, रिपोर्ट शासन के राहत पोर्टल पर मानकों के अनुसार फीड की जा रही है।
एल्गिन ब्रिज पर सरयू खतरे के निशान से ऊपर
नेपाल के पहाड़ों पर लगातार हो रही बारिश और बैराज से छोड़े गए पानी के चलते सरयू नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। बुधवार को एल्गिन ब्रिज पर नदी का पानी खतरे के निशान से 10 सेमी ऊपर रिकॉर्ड हुआ। ब्रिज पर खतरे का निशान 106.07 मीटर है, जबकि नदी का जलस्तर 106.17 मीटर दर्ज हुआ।

बुधवार की रात हुए कटान में दुलारे का पक्का मकान, काशी राम और रमेश की झोपड़ियों को नदी की धारा निगल गई। ग्रामीणों का कहना है कि अब तक झुंडी गांव के करीब 60 घर नदी में समा चुके हैं, लेकिन पीड़ितों को अभी तक न तो मुआवजा मिला है और न ही पुनर्वास की कोई व्यवस्था ही कराई गई है। जिन ग्रामीणों के मकान कटान के मुहाने पर हैं, वे अपने हाथाें से अपना घर उजाड़ रहे हैं।
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कटान से बेघर हुए परिवार तिरपाल डालकर रह रहे हैं। बारिश और उमस के मौसम में हालात और बिगड़ जाते हैं। ग्रामीणों का कहना है कि कटान में केवल जमीन या मकान का नुकसान नहीं है, बल्कि नदी की धारा उनकी पीढ़ियों की मेहनत बहा ले जा रही है। हर साल इसी तरह बाढ़ और कटान के नाम पर जीवन उजड़ता है, लेकिन प्रशासन और सरकार की ओर से स्थायी समाधान की कोई पहल नहीं हो रही है।
कृषि भूमि भी नदी में समा रही
शिवपुर ब्लॉक की अन्य ग्राम पंचायतें भी कटान की चपेट में हैं। बौंडी गांव में अब तक 8.310 हेक्टेयर भूमि नदी में समा चुकी है, जिससे 78 किसान प्रभावित हुए हैं। वहीं अंबरपुर में 4.950 हेक्टेयर जमीन कटान की भेंट चढ़ गई, जिससे 19 किसान प्रभावित हैं। खेत-खलिहान बर्बाद होने से किसानों की रोजी-रोटी पर संकट गहराता जा रहा है।
जिम्मेदारों का दावा
क्षेत्रीय लेखपाल पंकज कुमार ने बताया कि ताजा कटान में तीन मकान नदी में समाहित हुए हैं। सूची बनाकर कार्यालय भेज दी गई है और फिलहाल तिरपाल की व्यवस्था करवाई गई है। अंबरपुर और बौंडी क्षेत्र के लेखपाल प्रदीप कुमार ने कहा कि सभी प्रभावित किसानों की भूमि क्षति का सर्वे किया गया है, रिपोर्ट शासन के राहत पोर्टल पर मानकों के अनुसार फीड की जा रही है।
एल्गिन ब्रिज पर सरयू खतरे के निशान से ऊपर
नेपाल के पहाड़ों पर लगातार हो रही बारिश और बैराज से छोड़े गए पानी के चलते सरयू नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। बुधवार को एल्गिन ब्रिज पर नदी का पानी खतरे के निशान से 10 सेमी ऊपर रिकॉर्ड हुआ। ब्रिज पर खतरे का निशान 106.07 मीटर है, जबकि नदी का जलस्तर 106.17 मीटर दर्ज हुआ।