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Ballia News: तीन लाख रुपये कर्ज वापस न देने पर दोस्त बने जानी दुश्मन
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बलिया। राहुल उर्फ आयुष यादव हत्याकांड के पांच आरोपियों को मुठभेड़ में गिरफ्तार करने के बाद पुलिस ने घटना का खुलासा किया। अपर पुलिस अधीक्षक उत्तरी दिनेश शुक्ल ने बताया कि आयुष यादव व राज वर्मा अच्छे मित्र थे। आयुष ने राज वर्मा को व्यापार के लिए डेढ़ वर्ष तीन लाख रुपये कर्ज दिए थे। नौ माह पूर्व बड़ी बहन की शादी तय होने पर पैसा वापस मांगने पर राज देने में आनाकानी करने लगा। पिता बच्चा यादव को भी इस बात की जानकारी थी। पैसा वापस न देने पर दोनों दोस्तों के बीच विवाद हो गया और दोनों एक दूसरे के दुश्मन हो गए। दोनों के बीच मारपीट तक हुई।
आयुष ने राज वर्मा के भाई रोहित वर्मा की पिटाई कर दी। इसको लेकर राज वर्मा गुस्से में था। उसने सबक सिखाने के लिए दोस्त भीमपुर निवासी आनंद वर्मा से आयुष की पिटाई कराने की बात की। कुछ माह पूर्व आनंद वर्मा, राहुल व रोहित की मऊ निवासी रॉबिन सिंह से मुलाकात करवाई। रॉबिन सिंह ने भीमपुरा थानाक्षेत्र के तीन शूटरों नीतीश यादव, आशीष यादव, दिलीप यादव से मिलवाया। इस मुलाकात में आयुष की हत्या की साजिश रची गई।
तीन लाख में दी हत्या की सुपारी
एएसपी उत्तरी दिनेश शुक्ल ने बताया कि मऊ में रॉबिन सिंह ने आनंद वर्मा के कहने पर राज वर्मा से भीमपुरा के तीन शूटरों को मिलवाया। आयुष की हत्या की सुपारी तीन लाख रुपये में तय हुई। एडवांस के रूप में 15 हजार रुपये खाते में ट्रांसफर किए गए। बाकी काम के बाद देने की बात हुई। राज, राहुल, आनंद वर्मा और शूटरों ने मिलकर हत्या की साजिश रची।
बेल्थरारोड कस्बे में कई दिनों तक रेकी की। 16 नवंबर को शूटरों ने हमला करने का प्रयास किया लेकिन विफल हो गया। घटना के दिन राज वर्मा, राहुल वर्मा व आनंद वर्मा तीनों दूसरे शहर में थे। दोबारा सात नवंबर को तीनों दूसरे शहर चले गए। इधर तीनों शूटर 13 दिसंबर को आयुष की गोली मारकर हत्या कर भाग निकले। परिजनों ने रॉबिन सिंह, आनंद वर्मा, राज वर्मा व राहुल वर्मा पर प्राथमिकी दर्ज कराई थी। चारों घटना के दिन सैकड़ों किमी दूर थे। बचने के लिए सीसी कैमरे सहित अन्य साक्ष्य पुलिस को सौंपा है।
चैट व सर्विलांस की मदद से शूटरों तक पहुंची पुलिस
आयुष हत्याकांड के बाद पुलिस सर्विलांस की मदद से एक दूसरे आरोपी की कड़ी जोड़ने लगी। जांच के दौरान आरोपी राज वर्मा के मोबाइल से दूसरे के खाते में पैसा ट्रांसफर करने और चैट के आधार पर कड़ाई से पूछताछ करने पर साजिशकर्ता चिह्नित हुए। हत्या में संलिप्तता मिलने पर पुलिस महिला समेत छह लोगों को गिरफ्तार कर चुकी थी। शनिवार को मऊ में रॉबिन सिंह ने सरेंडर कर दिया। उससे कड़ाई से पूछताछ के बाद पूरी कहानी सामने आ गई।
आयुष हत्याकांड से समीर का नहीं कोई जुड़ाव
आयुष हत्याकांड में गिरफ्तार आरोपियों ने बताया कि इस घटना से समीर के हमले से कोई लेना देना नहीं है। समीर पर हमला मऊ के रायपुर थाना क्षेत्र में दूसरे विवाद को लेकर हुआ था। बेल्थरारोड निवासी समीर गौतम को 25 नवंबर को मऊ से निमंत्रण कर घर लौटते समय बदमाशों ने पिटाई कर घायल कर दिया था। लखनऊ में इलाज के दौरान 18 दिसंबर को मौत हो गई। आयुष यादव समीर से मिलने बीएचयू भी गया था।
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आयुष ने राज वर्मा के भाई रोहित वर्मा की पिटाई कर दी। इसको लेकर राज वर्मा गुस्से में था। उसने सबक सिखाने के लिए दोस्त भीमपुर निवासी आनंद वर्मा से आयुष की पिटाई कराने की बात की। कुछ माह पूर्व आनंद वर्मा, राहुल व रोहित की मऊ निवासी रॉबिन सिंह से मुलाकात करवाई। रॉबिन सिंह ने भीमपुरा थानाक्षेत्र के तीन शूटरों नीतीश यादव, आशीष यादव, दिलीप यादव से मिलवाया। इस मुलाकात में आयुष की हत्या की साजिश रची गई।
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तीन लाख में दी हत्या की सुपारी
एएसपी उत्तरी दिनेश शुक्ल ने बताया कि मऊ में रॉबिन सिंह ने आनंद वर्मा के कहने पर राज वर्मा से भीमपुरा के तीन शूटरों को मिलवाया। आयुष की हत्या की सुपारी तीन लाख रुपये में तय हुई। एडवांस के रूप में 15 हजार रुपये खाते में ट्रांसफर किए गए। बाकी काम के बाद देने की बात हुई। राज, राहुल, आनंद वर्मा और शूटरों ने मिलकर हत्या की साजिश रची।
बेल्थरारोड कस्बे में कई दिनों तक रेकी की। 16 नवंबर को शूटरों ने हमला करने का प्रयास किया लेकिन विफल हो गया। घटना के दिन राज वर्मा, राहुल वर्मा व आनंद वर्मा तीनों दूसरे शहर में थे। दोबारा सात नवंबर को तीनों दूसरे शहर चले गए। इधर तीनों शूटर 13 दिसंबर को आयुष की गोली मारकर हत्या कर भाग निकले। परिजनों ने रॉबिन सिंह, आनंद वर्मा, राज वर्मा व राहुल वर्मा पर प्राथमिकी दर्ज कराई थी। चारों घटना के दिन सैकड़ों किमी दूर थे। बचने के लिए सीसी कैमरे सहित अन्य साक्ष्य पुलिस को सौंपा है।
चैट व सर्विलांस की मदद से शूटरों तक पहुंची पुलिस
आयुष हत्याकांड के बाद पुलिस सर्विलांस की मदद से एक दूसरे आरोपी की कड़ी जोड़ने लगी। जांच के दौरान आरोपी राज वर्मा के मोबाइल से दूसरे के खाते में पैसा ट्रांसफर करने और चैट के आधार पर कड़ाई से पूछताछ करने पर साजिशकर्ता चिह्नित हुए। हत्या में संलिप्तता मिलने पर पुलिस महिला समेत छह लोगों को गिरफ्तार कर चुकी थी। शनिवार को मऊ में रॉबिन सिंह ने सरेंडर कर दिया। उससे कड़ाई से पूछताछ के बाद पूरी कहानी सामने आ गई।
आयुष हत्याकांड से समीर का नहीं कोई जुड़ाव
आयुष हत्याकांड में गिरफ्तार आरोपियों ने बताया कि इस घटना से समीर के हमले से कोई लेना देना नहीं है। समीर पर हमला मऊ के रायपुर थाना क्षेत्र में दूसरे विवाद को लेकर हुआ था। बेल्थरारोड निवासी समीर गौतम को 25 नवंबर को मऊ से निमंत्रण कर घर लौटते समय बदमाशों ने पिटाई कर घायल कर दिया था। लखनऊ में इलाज के दौरान 18 दिसंबर को मौत हो गई। आयुष यादव समीर से मिलने बीएचयू भी गया था।
