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Barabanki News: कुत्ता और बंदरों का कहर, चार दिन में अस्पताल पहुंचे 182 लोग
संवाद न्यूज एजेंसी, बाराबंकी
Updated Fri, 05 Dec 2025 12:32 AM IST
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बाराबंकी। ठंड शुरू होने के बावजूद जिले में कुत्ते और बंदरों के काटने की घटनाओं में अचानक वृद्धि दर्ज की गई है। हालात यह हैं कि अकेले जिला अस्पताल में प्रतिदिन औसतन 25 नए मरीज एंटी रेबीज इंजेक्शन लगवाने पहुंच रहे हैं, वहीं जिले के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर भी प्रतिदिन 30 नये पीड़ित पहुंच रहे हैं।
एक से 4 दिसंबर तक मात्र चार दिनों में 14 सौ (1,399) लोगों को एंटी रेबीज इंजेक्शन लगे हैं। यह आंकड़ा हैरान करने वाला भी है, क्योंकि जानकार भी इस मौसम में इस तरह की वृद्धि को लेकर अचंभित हैं। अस्पताल पहुंचने वाले पीड़ितों में बच्चों और बुजुर्गों की संख्या अधिक है। कुत्तों और बंदरों के काटने वाले पीड़ितों की संख्या में अचानक हुई वृद्धि पर जिला पशु चिकित्साधिकारी डॉ. अतुल अवस्थी ने बताया कि आमतौर पर गर्मी में तापमान के कारण या भोजन की कमी से ये जानवर चिड़चिड़े होते हैं, लेकिन सर्दी में इनका व्यवहार शांत रहता है। उन्होंने लोगों को सलाह दी कि किसी भी अज्ञात या आक्रामक दिखने वाले कुत्ते या बंदर से दूरी बनाए रखें। शांत बैठे जानवरों से भी छेड़खानी न करें, क्योंकि ऐसी स्थिति में भी उनके भड़कने और हमला करने का खतरा रहता है। उन्होंने यह भी कहा कि कुत्ते, बंदर या बिल्ली के काटने या खरोंचने पर घाव को तुरंत साबुन और साफ पानी से धोना चाहिए तथा नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर जाकर तुरंत टीका लगवाना चाहिए।
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बाक्स- 1
जिले की 19 सीएचसी पर बृहस्पतिवार को कुल 90 एंटी रेबीज इंजेक्शन लगाए गए। इससे स्पष्ट होता है कि कुत्ते और बंदरों के काटने के मामले ग्रामीण क्षेत्रों में भी लगातार बढ़ रहे हैं। इनमें से सबसे ज्यादा संयुक्त चिकित्सालय सिरौलीगौसपुर में सामने आए, जहां 18 केस और देवा सीएचसी में 14 केस दर्ज किए गए। लगभग सभी सीएचसी पर कुत्ता और बंदरों की चपेट में आए पीड़ित उपचार के लिए पहुंचे।
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बाक्स-2
नगर पालिका के अधिशासी अधिकारी संजय कुमार शुक्ल ने बताया कि बंदरों को पकड़ने के लिए मथुरा से प्रशिक्षित टीम बुलाई जाती है। चार माह पहले भी टीम बुलाकर 1,200 बंदरों को पकड़ कर दूर जंगल में छुड़वाया गया था। जल्द ही फिर से टीम बुलाने पर विचार किया जा रहा है। वहीं कुत्तों की बढ़ती संख्या पर नियंत्रण के लिए पशुपालन विभाग से समन्वय स्थापित करके नगर निगमों की तर्ज पर नगर पालिका में भी एनिमल बर्थ कंट्रोल सेंटर खोलने पर विचार किया जा रहा है।
(संवाद)
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जिला अस्पताल का बीते चार दिन का ग्राफ
दिनांक - नए - पुराने - कुल
एक दिसंबर- 38 96 138
दो दिसंबर- 16 62 78
तीन दिसंबर 14 80 94
चार दिसंबर 24 55 79
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जिले की 19 सीएचसी पर बृहस्पतिवार को कुल 90 एंटी रेबीज इंजेक्शन लगाए गए। इससे स्पष्ट होता है कि कुत्ते और बंदरों के काटने के मामले ग्रामीण क्षेत्रों में भी लगातार बढ़ रहे हैं। इनमें से सबसे ज्यादा संयुक्त चिकित्सालय सिरौलीगौसपुर में सामने आए, जहां 18 केस और देवा सीएचसी में 14 केस दर्ज किए गए। लगभग सभी सीएचसी पर कुत्ता और बंदरों की चपेट में आए पीड़ित उपचार के लिए पहुंचे।
बाक्स-2
नगर पालिका के अधिशासी अधिकारी संजय कुमार शुक्ल ने बताया कि बंदरों को पकड़ने के लिए मथुरा से प्रशिक्षित टीम बुलाई जाती है। चार माह पहले भी टीम बुलाकर 1,200 बंदरों को पकड़ कर दूर जंगल में छुड़वाया गया था। जल्द ही फिर से टीम बुलाने पर विचार किया जा रहा है। वहीं कुत्तों की बढ़ती संख्या पर नियंत्रण के लिए पशुपालन विभाग से समन्वय स्थापित करके नगर निगमों की तर्ज पर नगर पालिका में भी एनिमल बर्थ कंट्रोल सेंटर खोलने पर विचार किया जा रहा है।
(संवाद)
जिला अस्पताल का बीते चार दिन का ग्राफ
दिनांक - नए - पुराने - कुल
एक दिसंबर- 38 96 138
दो दिसंबर- 16 62 78
तीन दिसंबर 14 80 94
चार दिसंबर 24 55 79