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पूरी श्रद्घा व सादगी के साथ पेश की गई चादर
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देवा (बाराबंकी)। सूफ़ी संत हजरत सैय्यद हाजी वारिस अली शाह के पिता सैय्यद क़ुर्बान अली शाह दादा मियां की नुमाइश ग्राउंड स्थित मजार पर पूरी श्रद्धा व सादगी के साथ चादर पेश की गई और दुनिया में देश में ख़ुशहाली के लिए दुआ की गई। इसी के साथ कार्तिक देवा मेला के दौरान इस सालाना उर्स में होने वाले धार्मिक कार्यक्रमों का आग़ाज हो गया।
दादामियां की याद में लगने वाले ऐतिहासिक देवा मेला जिला प्रशासन द्वारा लगातार दूसरे वर्ष भी कोरोना के कारण स्थगित कर दिया गया है। वहीं शुक्रवार को दादा मियां की मजार पर चादर पेश होने के साथ ही धार्मिक कार्यक्रमों की शुरुआत हो गई। सूफी संत हाजी वारिस अली शाह के पिता सैयद कुर्बान अली शाह दादा मियां की चादर बाद नमाज जुमा दरगाह हजरत सैय्यद अली अहमद शाह उफ़ॱर कल्लन मियां से पूरी अकीदत व एहतराम के साथ रवाना हुई।
चादर में शामिल अकीदतमंदों ने सबसे पहले आस्ताना वारिस अली शाह पर हाजिरी दी। इसके बाद चादर दरगाह दादा मियां पहुंची। जहां पर चादर पेश की गई। इसके बाद फ़ातिहा खवानी के बाद शिजरा पढ़ा गया और मुल्क में भाईचारा, शांति क़ायम रहने के लिए दुआ की गई। शाम को मजार पर महफिले मिलाद का कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस अवसर पर सैय्यद अयान गनी, हफ़िजुद्दीन, आलमगीरशाह, अनवरशाह, मुन्नांशाह, सादिक़शाह, सुल्तान खान वारसी, समी वारसी, अख़्तर वारसी जियाउद्दीन वारसी आदि मौजूद रहे।
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चादर में शामिल अकीदतमंदों ने सबसे पहले आस्ताना वारिस अली शाह पर हाजिरी दी। इसके बाद चादर दरगाह दादा मियां पहुंची। जहां पर चादर पेश की गई। इसके बाद फ़ातिहा खवानी के बाद शिजरा पढ़ा गया और मुल्क में भाईचारा, शांति क़ायम रहने के लिए दुआ की गई। शाम को मजार पर महफिले मिलाद का कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस अवसर पर सैय्यद अयान गनी, हफ़िजुद्दीन, आलमगीरशाह, अनवरशाह, मुन्नांशाह, सादिक़शाह, सुल्तान खान वारसी, समी वारसी, अख़्तर वारसी जियाउद्दीन वारसी आदि मौजूद रहे।