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अधिक दाम पर उर्वरक बेचने की शिकायत पर लाइसेंस निलंबित
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बाराबंकी। दाम बढ़ने के बाद स्टॉक में मौजूद एनपीके पुराने दामों पर ही किसानों को कृषक केंद्र व समितियों पर दी जा रही है। जिसको लेकर किसानों की लंबी लाइनें भी देखने को मिलती हैं। मगर, मौके का फायदा उठाकर केंद्र प्रभारी अधिक दाम पर इसकी बिक्री कर रहे हैं। ऐसे में एक मामले की शिकायत मिलने पर जिला कृषि अधिकारी ने माती स्थित आईएफएफडीसी कृषक केंद्र का लाइसेंस निलंबित कर दिया है। वहीं केंद्र प्रभारी से स्पष्टीकरण मांगा गया है। जांच में दोषी पाए जाने पर केंद्र प्रभारी पर भी कार्रवाई की जाएगी।
रबी का सीजन आते ही खाद को लेकर मारामारी मचने लगी है। कृषि विभाग के अधिकारी उर्वरक की कोई कमी न होने का ढिंढोरा भले ही पीट रहे हों लेकिन किसान मानने के बजाय उर्वरक की जमाखोरी करने में जुटे हैं। इसी बीच सरकार ने एनपीके के दाम में बढ़ोत्तरी कर दी। लेकिन स्टॉक में मौजूद एनपीके को पुराने रेट पर भी बेचने के निर्देश हैं। मगर, शुक्रवार को जिला कृषि अधिकारी से एक किसान ने शिकायत की कि आईएफएफडीसी कृषक केंद्र माती पर निर्धारित दाम से अधिक पर एनपीके की बिक्री की जा रही है।
इसका संज्ञान लेते हुए उन्होंने उर्वरक का लाइसेंस निलंबित कर केंद्र प्रभारी से जवाब मांगा है। वहीं जांच शुरू की है, जिसमें दोषी पाए जाने पर केंद्र प्रभारी के खिलाफ आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाएगी। इस बाबत जिला कृषि अधिकारी संजीव कुमार ने बताया कि जिले में उर्वरक की कोई कमी नहीं है।
शुक्रवार को मौजेक कंपनी की 1450 मैट्रिक टन डीएपी व 250 मैट्रिक टन एमओपी की रैक आ गई है। दो-तीन दिन में ही आरसीएफ कंपनी की डीएपी की रैक भी पहुंच जाएगी। वहीं सहकारी व निजी बिक्री केंद्रों के विक्रेताओं को निर्देश दिए गए हैं कि वह अपनी दुकान व केंद्रों पर स्टॉक व रेट का बोर्ड लगाएं। वहीं पीओएस मशीन से किसानों को आधार व उनकी जोत के हिसाब से उर्वरक दें।
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रबी का सीजन आते ही खाद को लेकर मारामारी मचने लगी है। कृषि विभाग के अधिकारी उर्वरक की कोई कमी न होने का ढिंढोरा भले ही पीट रहे हों लेकिन किसान मानने के बजाय उर्वरक की जमाखोरी करने में जुटे हैं। इसी बीच सरकार ने एनपीके के दाम में बढ़ोत्तरी कर दी। लेकिन स्टॉक में मौजूद एनपीके को पुराने रेट पर भी बेचने के निर्देश हैं। मगर, शुक्रवार को जिला कृषि अधिकारी से एक किसान ने शिकायत की कि आईएफएफडीसी कृषक केंद्र माती पर निर्धारित दाम से अधिक पर एनपीके की बिक्री की जा रही है।
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इसका संज्ञान लेते हुए उन्होंने उर्वरक का लाइसेंस निलंबित कर केंद्र प्रभारी से जवाब मांगा है। वहीं जांच शुरू की है, जिसमें दोषी पाए जाने पर केंद्र प्रभारी के खिलाफ आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाएगी। इस बाबत जिला कृषि अधिकारी संजीव कुमार ने बताया कि जिले में उर्वरक की कोई कमी नहीं है।
शुक्रवार को मौजेक कंपनी की 1450 मैट्रिक टन डीएपी व 250 मैट्रिक टन एमओपी की रैक आ गई है। दो-तीन दिन में ही आरसीएफ कंपनी की डीएपी की रैक भी पहुंच जाएगी। वहीं सहकारी व निजी बिक्री केंद्रों के विक्रेताओं को निर्देश दिए गए हैं कि वह अपनी दुकान व केंद्रों पर स्टॉक व रेट का बोर्ड लगाएं। वहीं पीओएस मशीन से किसानों को आधार व उनकी जोत के हिसाब से उर्वरक दें।