बरेली में बीएलओ की मौत: भाई बोले- काम के दबाव के बीच कॉल कर डांटते हैं अफसर, इससे बढ़ रहा तनाव
बरेली में एसआईआर कार्य के दौरान बीएलओ शिक्षक सर्वेश कुमार गंगवार की हार्ट अटैक से मौत हो गई। उनके बड़े भाई ने बताया कि वह भी शिक्षक हैं। एसआईआर में काम को बहुत ज्यादा दबाव हैं। ऊपर से देर रात तक कॉल करके अफसर भी डांटते रहते हैं।
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बरेली में बुधवार को मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के कामकाज के दौरान बीएलओ सहायक अध्यापक सर्वेश कुमार गंगवार (47 वर्ष) को हार्ट अटैक आ गया। इससे उनकी मौत हो गई। उनके बड़े भाई योगेश गंगवार ने कहा कि काम का जबरदस्त दबाव है। रोजाना शाम पांच बजे तक ड्यूटी करनी पड़ती है। 5:30 बजे से बैठक होती है। दिन में इंटरनेट चलता नहीं है और एप की परेशानी अलग से रहती है। देर रात तक कॉल करके अफसर डांटते रहते हैं। रात में 11-12 बजे तक बीएलओ काम करते हैं। फिर सुबह जल्दी उठना पड़ता है। इससे तनाव बढ़ रहा है।
योगेश ने बताया कि वह भी शिक्षक हैं। मतदाता सूचियों के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) अभियान के लिए उनकी ड्यूटी बतौर सुपरवाइजर लगाई गई है। सुपरविजन के दौरान बीएलओ की परेशानियों पर भी गौर करता हूं। सर्वर हैंग होने के कारण रिपोर्ट गलत निकल आती है। उसे ठीक करने में काफी दिक्कत होती है। इस तरह की दिक्कत पहले कभी पुनरीक्षण के काम में नहीं आई थी।
उन्होंने कहा कि मैं बस इतना ही कहना चाहता हूं कि बीएलओ के ऊपर से दबाव कम किया जाए। 10-10 दिन तक लोग फॉर्म लेकर दबाए रहते हैं। आम लोगों को भी बीएलओ का सहयोग करना चाहिए। अधिकारी भी बीएलओ की परेशानी को समझें। उनकी सहूलियत का ध्यान रखें।
दो माह पहले हुई थी पत्नी की मौत, दो बच्चे बेसहारा
भाई ने बताया कि वर्ष 2015 में शिक्षक के पद पर सर्वेश की नियुक्ति हुई थी। सितंबर में सर्वेश की पत्नी प्रभा गंगवार की मौत कैंसर की वजह से हुई थी। सर्वेश के पांच साल के दो जुड़वा बच्चे अहाना और अयांश हैं। पोस्टमाॅर्टम हाउस पर पहुंचे योगेश के करीबी दोनों बच्चों के भविष्य को लेकर खासे चिंतित दिखे। लोगों का कहना था कि दो मासूम बच्चों के सिर से पहले मां और फिर पिता का साया उठ गया। ऊपर वाले ने ऐसा अनर्थ क्यों किया?
परिवार को दिया जाए एक करोड़ रुपये का मुआवजा
प्राथमिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष नरेश गंगवार ने कहा कि अफसर शिक्षकों से बदसलूकी करते हैं। शिक्षक रोजाना रात 12 बजे तक काम कर रहे हैं। इसके बावजूद उन्हें प्रशासनिक अफसरों से अपमानित होना पड़ रहा है। एसआईआर के लिए एक माह की अवधि बहुत कम है। हमारी मांग है कि शिक्षक सर्वेश के परिजनों को सरकार एक करोड़ रुपये का मुआवजा दे। भोजीपुरा के खंड शिक्षा अधिकारी और कई शिक्षक पोस्टमाॅर्टम हाउस पहुंचे। सभी का कहना था कि सर्वेश काफी मिलनसार थे। पत्नी की मौत के बाद वह दुखी रहते थे। मगर, अपनी ड्यूटी के साथ ही वह अपने दोनों बच्चों की जिम्मेदारी भी संभाल रहे थे।
शिक्षकों पर है दबाव
जूनियर हाईस्कूल शिक्षक संघ के मंडल अध्यक्ष डॉ. विनोद कुमार शर्मा ने कहा कि अवकाश बंद होने से शिक्षकों पर दबाव है। वह स्वास्थ्य का ध्यान नहीं रख पा रहे हैं। प्राथमिक शिक्षक संघ के मांडलिक मंत्री केसी पटेल ने कहा कि सर्वेश की मृत्यु से हम सभी स्तब्ध हैं। शिक्षकों पर दबाव न बनाया जाए और एसआईआर की अवधि बढ़ाई जाए। राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के जिला कोषाध्यक्ष परीक्षित गंगवार ने कहा कि सर्वेश की मौत कई सवाल छोड़ गई है। अधिकारी अच्छी रैंकिंग के लिए कर्मचारियों पर दबाव बना रहे हैं।
आश्रितों को सरकारी नौकरी देने की मांग
बीएलओ शिक्षक सर्वेश कुमार गंगवार की मौत की सूचना पर समाजवादी पार्टी के पदाधिकारी पोस्टमाॅर्टम हाउस पहुंचे। सपा जिलाध्यक्ष शिवचरन कश्यप और महानगर अध्यक्ष शमीम खां सुल्तानी ने कहा कि एसआईआर की कार्यप्रणाली के अत्यधिक दबाव और तनाव के कारण शिक्षक की मौत हुई है।
प्रदेश सरकार से मांग की कि पीड़ित परिवार को एक करोड़ रुपये मुआवजा दिया जाए। आश्रितों को सरकारी नौकरी देने के साथ ही एसआईआर की समय सीमा छह माह की जाए। सपा नेताओं ने पीड़ित परिवार को हरसंभव सहयोग का आश्वासन दिया। इस दौरान सपा के पूर्व महानगर अध्यक्ष कदीर अहमद, इं. अनीस अहमद, सुरेंद्र सोनकर, सचिन आनंद, संजीव कश्यप सहित अन्य लोग मौजूद रहे।