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UP: बरेली में रिटायर्ड वैज्ञानिक को डिजिटल अरेस्ट कर 1.29 करोड़ की ठगी, सीबीआई अफसर बनकर जाल में फंसाया
अमर उजाला ब्यूरो, बरेली
Published by: मुकेश कुमार
Updated Fri, 27 Jun 2025 09:00 PM IST
सार
बरेली में डिजिटल अरेस्ट का बड़ा मामला सामने आया है। साइबर ठगों ने पुलिस और सीबीआई अफसर बनकर एक रिटायर्ड वैज्ञानिक को डिजिटल अरेस्ट कर उन्हें धमकाया। उनसे एक करोड़ 29 लाख रुपये ठग लिए।
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सांकेतिक तस्वीर
- फोटो : amar ujala
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विस्तार
बरेली में भारतीय पशुचिकित्सा अनुसंधान संस्थान (आईवीआरआई) परिसर में रह रहे हाल ही में रिटायर हुए एक वैज्ञानिक से साइबर ठगों ने एक करोड़ 29 लाख रुपये की ठगी कर ली। वैज्ञानिक इस कदर सदमे में रहे कि उन्होंने परिवार से लेकर किसी परिचित तक से इसका जिक्र तक नहीं किया। बैंक प्रबंधक के टोकने पर भी वह सच्चाई नहीं बता सके। सप्ताह भर बाद उन्होंने साइबर क्राइम थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई है। पुलिस अब खातों को बंद कराने में जुटी है।
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पश्चिमी बंगाल के मूल निवासी वैज्ञानिक कई साल से आईवीआरआई में तैनात थे। संस्थान परिसर में सरकारी आवास में वह परिवार समेत रहते हैं। जनवरी में वह रिटायर हुए हैं। उन्होंने साइबर थाना जाकर इंस्पेक्टर दिनेश कुमार शर्मा को बताया कि 17 जून को उनके मोबाइल नंबर पर व्हाट्सएप कॉल आई। कॉलर ने खुद को बंगलूरू सिटी पुलिस का अधिकारी बताया।
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व्हाट्सएप डीपी पर लगा था पुलिस को लोगो
उसने कहा कि उनके आधार कार्ड से सिम निकालकर नौकरी के नाम पर धोखाधड़ी व मानव तस्करी जैसे गंभीर अपराध किए गए हैं। उनके यहां सदाकत खां नाम का शख्स पकड़ा गया है, जिसने उनका नाम लिया है। इससे वैज्ञानिक घबरा गए। चूंकि जिस नंबर से कॉल आई उसकी व्हाट्सएप डीपी में पुलिस का लोगों लगा था तो वह उसे सच में पुलिस की कॉल मान बैठे।
उसने कहा कि उनके आधार कार्ड से सिम निकालकर नौकरी के नाम पर धोखाधड़ी व मानव तस्करी जैसे गंभीर अपराध किए गए हैं। उनके यहां सदाकत खां नाम का शख्स पकड़ा गया है, जिसने उनका नाम लिया है। इससे वैज्ञानिक घबरा गए। चूंकि जिस नंबर से कॉल आई उसकी व्हाट्सएप डीपी में पुलिस का लोगों लगा था तो वह उसे सच में पुलिस की कॉल मान बैठे।
कॉल करने वाले ने उनको सीबीआई अधिकारी दया नायक के नाम पर एक मोबाइल नंबर देकर बात करने को कहा। वैज्ञानिक ने उस नंबर पर बात की तो खुद को दया नायक बता रहे कथित अधिकारी ने भी उन्हें डराया कि उनके बैंक खातों में अवैध धन आया है। कितना धन सही और कितना गलत है, इसे चेक करने के लिए उन्हें अपने खाते का सारा धन एक खाते में ट्रांसफर करना होगा, जांच के बाद धन उनके खाते में लौटा दिया जाएगा।
आरोपियों ने अन्य खातों की रकम भी ट्रांसफर करने के लिए कहा। वैज्ञानिक को भरोसे में लेने के लिए ठगों ने उनके ग्रामीण बैंक खाते में एक लाख रुपये लौटा भी दिए। 19 जून को ठगों ने उनके दो और खातों से 10 लाख और नौ लाख रुपये अपने इंडसइंड बैंक के खाते में ट्रांसफर करा लिए।
इस पर आरोपियों ने अन्य खातों की रकम भी ट्रांसफर करने के लिए कहा। वैज्ञानिक को भरोसे में लेने के लिए ठगों ने उनके ग्रामीण बैंक खाते में एक लाख रुपये लौटा भी दिए। 19 जून को ठगों ने उनके दो और खातों से 10 लाख और नौ लाख रुपये अपने इंडसइंड बैंक के खाते में ट्रांसफर करा लिए।
संदेह होने पर बंगलूरू पुलिस से किया संपर्क तो खुली पोल
संदेह होने पर वैज्ञानिक ने संबंधित नंबरों को गूगल पर तलाशा, लेकिन कोई जानकारी नहीं मिली। तब उन्होंने बंगलूरू पुलिस का नंबर तलाश कर कॉल की। असली अधिकारी ने उनकी बात सुनी और बताया कि वह साइबर ठगी के शिकार हो गए हैं। तब उन्होंने रिपोर्ट दर्ज कराई।
संदेह होने पर वैज्ञानिक ने संबंधित नंबरों को गूगल पर तलाशा, लेकिन कोई जानकारी नहीं मिली। तब उन्होंने बंगलूरू पुलिस का नंबर तलाश कर कॉल की। असली अधिकारी ने उनकी बात सुनी और बताया कि वह साइबर ठगी के शिकार हो गए हैं। तब उन्होंने रिपोर्ट दर्ज कराई।