UP News: ऑनलाइन भुगतान का बढ़ा चलन, इस जिले में दो साल में बंद हो गए 200 एटीएम
बरेली जिले में ऑनलाइन भुगतान तेजी से बढ़ा है। करीब 70 फीसदी लोग इसका इस्तेमाल कर रहे हैं। जिले में करीब 1.5 लाख क्यूआर कोड सक्रिय हैं।

विस्तार
बरेली जिले के लोगों में ऑनलाइन लेन-देन का चलन तेजी से बढ़ा है। इस वजह से शहर में ऑटोमेटेड टेलर मशीन (एटीएम) की संख्या कम होती जा रही है। बीते दो साल में जिले के दो सौ एटीएम बंद हो चुके हैं। वर्ष 2023 में जिले में 1586 एटीएम बूथ थे। अब यह संख्या 1386 रह गई है।

यूनियन बैंक स्टाफ एसोसिएशन के महामंत्री पीके माहेश्वरी के मुताबिक, कोरोना महामारी के दौरान से ही लोग नकद लेनदेन से दूरी बनाने लगे थे। डिजिटल लेन-देन की ओर लोगों का रुझान बढ़ा तो एटीएम बूथों का खर्च निकालना मुश्किल हो गया। प्रत्येक एटीएम से नियमित 300 से 400 लोग निकासी करें तो ही उसका मेंटीनेंस खर्च निकल सकता है। यह संख्या कम होने लगी तो एटीएम बंद होने लगे।
जिले में करीब 1.5 लाख क्यूआर कोड
ऑनलाइन भुगतान एजेंसी के एक अधिकारी ने बताया कि वर्तमान में जिले में करीब 1.5 लाख क्यूआर कोड सक्रिय हैं। इनके जरिये रोज करोड़ों रुपये का लेन-देन हो रहा है। एक-एक दुकान पर कई कंपनियों के क्यूआर कोड चस्पा हैं। रेहड़ी और फड़ वालों से लेकर बड़े मॉल तक में इनका इस्तेमाल किया जा रहा है। भारतीय उद्योग व्यापार मंडल के जिला महामंत्री अनुज गुप्ता के मुताबिक, दुकान पर आने वाले 70 फीसदी ग्राहक ऑनलाइन भुगतान करते हैं।
बताया कि क्यूआर कोड के अलावा दुकानदारों ने स्वाइप मशीन भी लगा रखी है। इससे वहां डेबिट और क्रेडिट दोनों तरह के कार्ड से भुगतान हो जाता है। साथ ही, ग्राहक की एटीएम तक की दौड़ भी बच जाती है। हालांकि, दुकानदार को इसके लिए मासिक शुल्क देना होता है।
आंकड़े
- वर्ष 2023 में 1586 एटीएम बूथ थे
- 2025 में 1386 एटीएम बूथ है
- दुकानों पर 70 फीसदी ग्राहक ऑनलाइन भुगतान करते हैं
अब त्योहार में भी खाली नहीं होते हैं एटीएम
बैंकर्स बताते हैं कि कुछ साल पहले त्योहारी सीजन आते ही एटीएम पर लंबी कतार लगती थी, लेकिन अब ऐसा नहीं होता। सामान्य दिनों से लेकर त्योहारी सीजन में भी एटीएम भरे हुए मिलेंगे। हालांकि, अब एटीएम में रुपये डालने के लिए अलग से एजेंसी तय की गई हैं।