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Bijnor News: ज्ञान नहीं, आंखों की परीक्षा...प्रश्नपत्र पढ़ नहीं सके विद्यार्थी
संवाद न्यूज एजेंसी, बिजनौर
Updated Fri, 12 Dec 2025 01:05 AM IST
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बिजनौर में परिषदीय स्कूलों में अर्धवार्षिक परीक्षा का पेपर। संवाद
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बिजनौर। परिषदीय स्कूलों में अर्धवार्षिक परीक्षा में छात्र-छात्राओं के ज्ञान की नहीं, बल्कि उनकी आंखों की परीक्षा ली गई। प्रश्न पत्रों का प्रिंटिंग फॉन्ट इतना कम था कि कम रोशनी में इसे पढ़ पाना मुश्किल हो गया। शिक्षक चश्मा लगाकर भी इसे मुश्किल से पढ़ पाए। बच्चों को कक्षा से बाहर निकलकर खुले में आकर प्रश्नों को पढ़ना पड़ा।
बृहस्पतिवार को प्रथम पाली में हिंदी और दूसरी पाली में संस्कृत का प्रश्न पत्र था। जब शिक्षकों ने विभाग से जारी किए गए प्रश्न पत्र खोलकर देखे तो उनकी प्रिंटिंग इतनी बारीक थी कि पढ़ना मुश्किल हो गया। कागज बचाने के चक्कर में प्रश्न पत्र छपवाने के नाम पर खानापूर्ति कर ली गई। परीक्षा शुरू होते ही शिक्षा विभाग से जुड़े व्हाट्सएप ग्रुपों पर इस संबंध में मेसेज वायरल होने लगे। कोई प्रश्न पत्र छपवाने में कमीशन का खेल बता रहा था तो कोई इसे जिम्मेदारों की लापरवाही से जोड़ रहा था।
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शिक्षकों ने फोटो कॉपी कराकर की प्रश्नपत्रों की पूर्ति
परिषदीय स्कूलों की अर्धवार्षिक परीक्षा अक्तूबर माह में होनी थी, लेकिन एसआईआर के चलते इसे दस दिसंबर से शुरू किया गया। प्रश्नपत्र अक्तूबर माह में ही छपवा लिए गए थे, लेकिन दस दिसंबर तक भी इन्हें स्कूलों में नहीं भेजा गया। परीक्षा शुरू होने समय के बाद स्कूलों में प्रश्न पत्र पहुंचे तो उनकी संख्या पंजीकृत छात्रों के मुकाबले कम थी। कई स्कूलों में फोटो कॉपी करके प्रश्न पत्रों की पूर्ति की गई तो कुछ में दो-दो छात्राओं को एक प्रश्नपत्र देकर काम चलाया गया। कुछ स्कूलों में तो बोर्ड पर प्रश्न पत्र लिखकर परीक्षा कराई गई।
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प्रिंटिंग प्रेस से एक प्रश्न पत्रको छापने में गड़बड़ी हुई है। अन्य प्रश्न पत्र ठीक हैं। आगे इस तरह की त्रुटि को सुधारने पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।
- सचिन कसाना, बीएसए।
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बृहस्पतिवार को प्रथम पाली में हिंदी और दूसरी पाली में संस्कृत का प्रश्न पत्र था। जब शिक्षकों ने विभाग से जारी किए गए प्रश्न पत्र खोलकर देखे तो उनकी प्रिंटिंग इतनी बारीक थी कि पढ़ना मुश्किल हो गया। कागज बचाने के चक्कर में प्रश्न पत्र छपवाने के नाम पर खानापूर्ति कर ली गई। परीक्षा शुरू होते ही शिक्षा विभाग से जुड़े व्हाट्सएप ग्रुपों पर इस संबंध में मेसेज वायरल होने लगे। कोई प्रश्न पत्र छपवाने में कमीशन का खेल बता रहा था तो कोई इसे जिम्मेदारों की लापरवाही से जोड़ रहा था।
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शिक्षकों ने फोटो कॉपी कराकर की प्रश्नपत्रों की पूर्ति
परिषदीय स्कूलों की अर्धवार्षिक परीक्षा अक्तूबर माह में होनी थी, लेकिन एसआईआर के चलते इसे दस दिसंबर से शुरू किया गया। प्रश्नपत्र अक्तूबर माह में ही छपवा लिए गए थे, लेकिन दस दिसंबर तक भी इन्हें स्कूलों में नहीं भेजा गया। परीक्षा शुरू होने समय के बाद स्कूलों में प्रश्न पत्र पहुंचे तो उनकी संख्या पंजीकृत छात्रों के मुकाबले कम थी। कई स्कूलों में फोटो कॉपी करके प्रश्न पत्रों की पूर्ति की गई तो कुछ में दो-दो छात्राओं को एक प्रश्नपत्र देकर काम चलाया गया। कुछ स्कूलों में तो बोर्ड पर प्रश्न पत्र लिखकर परीक्षा कराई गई।
प्रिंटिंग प्रेस से एक प्रश्न पत्रको छापने में गड़बड़ी हुई है। अन्य प्रश्न पत्र ठीक हैं। आगे इस तरह की त्रुटि को सुधारने पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।
- सचिन कसाना, बीएसए।