अगर आप पर्यटन में रोमांच का शौक रखते हैं तो यह खबर आपके लिए है। उत्तर प्रदेश के बिजनौर में गंगा बैराज से विदुरकुटी तक हॉट एयर बैलून से रोमांचक यात्रा शुरू करने की तैयारी हो रही है। यदि सब कुछ ठीक रहा तो अगले साल से आप इस रोमांचक हवाई सफर का लुत्फ उठा सकेंगे। पीडब्ल्यूडी ने इसकी रूपरेखा तैयार करनी शुरू भी कर दी है, वहीं दूसरी ओर हॉट एयर बैलून सेवा देने वाली कंपनी के अधिकारियों ने पूरे क्षेत्र का निरीक्षण कर हरी झंडी भी दे दी है।
कवायद: यूपी में हॉट एयर बैलून से रोमांचक हवाई सफर का मजा ले सकेंगे पर्यटक, यहां चल रहीं तैयारियां
उत्तर प्रदेश के बिजनौर गंगा बैराज से विदुरकुटी तक हॉट एयर बैलून से रोमांचक यात्रा शुरू करने की तैयारी हो रही है। हॉट एयर बैलून से हवाई यात्रा का पीडब्ल्यूडी प्रोजेक्ट तैयार कर रहा है। जिसमें बिजनौर गंगा बैराज से विदुरकुटी से हॉट एयर बैलून से हवाई यात्रा की जा सकेगी।
अगले साल से हॉट एयर बैलून से हवाई सफर का लुत्फ उठा सकेंगे पर्यटक
पीडब्ल्यूडी के अधिशासी अभियंता सुनील सागर ने बताया कि इस पूरे प्रोजेक्ट पर एक कंपनी से बात हो चुकी है। इसका प्रोजेक्ट भी लगभग तैयार हो चुका है। यदि समय से वन विभाग और सिंचाई विभाग की एनओसी मिल जाती है तो अगले साल से पर्यटक हॉट एयर बैलून से हवाई सफर का लुत्फ उठा पाएंगे।
दरअसल, प्रकृति प्रेमियों के लिए बिजनौर एक महत्वपूर्ण पर्यटन स्थल के रूप में उभर रहा है। प्राकृतिक नजारों और पक्षियों से प्रेम करने वालों के लिए बिजनौर जिला खजाने से कम नहीं हैं। यहां प्राकृतिक नजारों की भरमार तो है ही, साथ ही 80 से ज्यादा तरह के प्रवासी पक्षी भी हैं। जिले में कई स्थान हैं, जहां पर प्रवासी पक्षी डेरा डालते हैं और अपना वंश आगे बढ़ाते हैं। जिले में ब्लैक नेक्ड स्टोर्क, पेंटेड स्टोर्क, ग्रे बिलिड कुकू, हनी बजर्ड, ग्रे हॉर्नबिल, जकाना, ओपनबिल स्टोर्क, कॉटन पिजम, हेरोन आदि 80 से अधिक प्रजाति के पक्षी दिखते हैं। मुख्य रूप से ये पक्षी मंगोलिया, साइबेरिया, नार्वे सहित पूरे यूरोपियन देशों से यह पक्षी आते हैं। अक्तूबर के अंतिम सप्ताह तक काफी संख्या में प्रवासी पक्षी यहां पहुंचते हैं।
गंगा बैराज: गंगा बैराज की बहुत लंबी धारा है। यहां पर दिन में हर वक्त प्रवासी पक्षी रहते हैं। यहां इंडियन स्कीमर पक्षी हर समय उड़ान भरता हुआ देखा जा सकता है। आम भाषा में इसे पनचीरा कहते हैं और भी कई प्रजाति के पक्षी यहां पर गंगा की लंबी धारा में देखे जा सकते हैं। बैराज के पुल के दोनों ओर गंगा की धारा में बने टापुओं पर बड़ी संख्या में पक्षियों को आराम करते हुए देखा जा सकता है। यहां पर सैलानियों को घूमाने के लिए मोटर बोट भी है।
रावली तट: रावली तट पर पहले से ही प्रवासी पक्षी रहते हैं। इसे टूरिस्ट प्लेस के रूप में विकसित करने की कोशिश भी की जा रही है। रावली तट हैदरपुर वेटलैंड के लगभग सामने ही पड़ता है। यहां पर देशी-विदेशी प्रजाति के सौ से अधिक पक्षी आराम से देखे जा सकते हैं। गंगा के टीलों पर यहां सैकड़ों पक्षियों के झुंड देखे जा सकते हैं। यहां बारहसिंगा भी अब खूब नजर आने लगे हैं।
विदुरकुटी खादर: विदुर कुटी को पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित किया जा रहा है। यहां गंगा का हजारों बीघा का खादर क्षेत्र है। गंगा खादर में भी प्रवासी पक्षी उड़ान भरते देखे जा सकते हैं। गंगा तट तक जाने का रास्ता भी आसान रहता है। यहां पर जो लोग घूमने जाते हैं वे गंगा किनारे सुंदर पक्षियों के नजारे देखने जरूर जाते हैं।
जलीलपुर खादर: जलीलपुर खादर भी गंगा किनारे ही है। यहां भी सैकड़ों बीघा जमीन है। एक तरह से गंगा ही इन प्रवासी पक्षियों की लाइफलाइन है। गंगा किनारे के क्षेत्र में यहां भी सैकड़ों पक्षियों के झुंड बैठे हुए दिख जाते हैं। प्रवासी के साथ यहां सुंदर-सुंदर देसी पक्षियों की भी भरमार है। अक्तूबर माह से सुर्खाब पक्षी यहां खूब दिखने लगते हैं।
छितावर झील : किरतपुर के गांव छितावर की सैकड़ों बीघा में फैली झील पक्षियों के प्राकृतिक आवास के लिए जानी जाती है। यहां की मिट्टी से मूर्तियां भी बनती हैं। यहां भी बड़ी तादाद में पक्षियों का जमावड़ा रहता है। इस झील को विकसित करने के लिए प्रस्ताव भी भेजा गया है। पक्षी देखने के लिए छितावर की झील पर पहुंचना भी आसान है।
पीलीडैम: पीलीडैम अमानगढ़ के पास ही है। यहां पर प्रवासी पक्षियों के लिए मिट्टी के छोटे पहाड़ बनाने की योजना पर काम चल रहा है। इसे पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित किया जाएगा। पीली डैम में प्रवासी पक्षी आराम से दिखते हैं। यहां पर मोटर बोट की सुविधा जल्द शुरू की जा सकती है। बोटिंग करते हुए पक्षियों की सुंदरता निहारने का अलग ही आनंद रहेगा।
अमानगढ़: वैसे तो अमानगढ़ में आम आदमी का प्रवेश नहीं होता है, लेकिन यहां भी काफी प्रवासी पक्षी रहते हैं। यहां पर हाल ही में हिमालयन गिद्धों का बहुत बड़ा झुंड देखने को मिला था। यहां पर कुछ जगह पर बड़े मैदान हैं। इसके अलावा अमानगढ़ के पास ही बहने वाली नदी के किनारे भी बहुत पक्षी रहते हैं। जल्द ही आम जनता का यहां जाना संभव हो सकेगा।
कालागढ़: कालागढ़ में रामगंगा नदी के किनारे भी बहुत प्रवासी पक्षी रहते हैं। गर्मियों में यहां सैलानियों को मोटर बोट से घूमाने की व्यवस्था भी रहती है। कालागढ़ में बाकी वन्यजीव भी बड़ी तादाद में रहते हैं। वन क्षेत्र की वजह से यहां घूमते हुए बाकी प्राकृतिक नजारों के साथ-साथ पक्षियों के सुंदर नजारे भी आराम से दिख जाते हैं।
सुरक्षा के हैं पूरे इंतजाम
डीएफओ डॉ.एम सेम्मारन के अनुसार जिले में कई जगह पर प्रवासी पक्षी मिलते हैं। इनकी सुरक्षा के पूरे इंतजाम रहते हैं। कई जगहों को टूरिस्ट प्लेस में विकसित करने की कोशिश की जा रही है।
