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Budaun News: यूरिया की एक और रैक आई, समितियों पर आज से शुरू हो सकता है वितरण
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उझानी में यूरिया खाद को जुटे किसान। संवाद
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उझानी। यूरिया की नई रैक आ जाने से जिले में खाद की किल्लत लगभग खत्म हो जाएगी, ऐसी उम्मीद जताई जा रही है। अधिकारियों का कहना है कि बीते दो दिन में मिली 56 सौ मीट्रिक टन से अधिक यूरिया का वितरण समितियों को कर दिया गया है। उम्मीद है कि वहां से किसानों को यूरिया बुधवार से मिलनी शुरू हो जाएगी। समितियों पर अगले दिन से वितरण शुरू हो जाएगा।
इफ्को यूरिया की एक रैक उझानी रैक प्वाइंट पर सोमवार शाम पहुंची। रैक में करीब 26 सौ मीट्रिक टन यूरिया है। इससे एक दिन पहले यारावीरा यूरिया की पहली रैक सोमवार दोपहर तक अनलोड हो चुकी थी। यारावीरा की रैक में करीब तीन हजार मीट्रिक टन यूरिया है।
कृषि विभाग की ओर से पहली रैक की यूरिया के आवंटन की प्रक्रिया सोमवार दोपहर तक पूरी कर ली गई थी। इफ्को रैक की यूरिया का आवंटन मंगलवार शाम तक चला। दोनों रैक के करीब 20 फीसदी यूरिया सहकारी समितियों और बाकी की यूरिया व्यवसायिक अधिकृत प्रतिष्ठानों के लिए आवंटित कर दी गई है।
बता दें कि पिछले सप्ताह से जिले में यूरिया की जबरदस्त किल्लत बताई जा रही थी। किसानों को गेहूं और आलू की फसल में जरूरत के हिसाब से यूरिया के बोरे नहीं मिल पा रहे थे। दो दिन के अंदर दो रैक अनलोड हो जाने से किसानों को यूरिया की किल्लत से रूबरू नहीं होना पड़ेगा। इन दिनों गेहूं और आलू की फसल के लिए यूरिया की सबसे ज्यादा आवश्यकता बनी हुई है।
लगेज में जिंक और जाइम देने का शोर
यूरिया का प्रति बोरा 266.50 रुपया का रेट है। समितियों समेत अधिकृत व्यवसायिक प्रतिष्ठानों के लिए आवंटन भी इसी रेट पर होता है। इसके बाद किसानों को अधिकतर व्यवसायिक प्रतिष्ठानों से यूरिया के साथ लगेज के रूप में जिंक या फिर जाइम बेचे जाने का शोर भी मचता है। किसान यशपाल ने बताया कि पिछले दिनों यूरिया के दो बोरे खरीदे तो उन्हें जिंक के पैकेट जबरन थमा दिए गए। उन्हें यूरिया के 266.50 रुपये के अलावा एक सौ रुपये जिंक के लिए अतिरिक्त चुकाने पड़ गए। पिछले दिनों रैक प्वाइंट के पास ही जिंक और जाइम के पैकेट रखे नजर आए थे।
जिले में यूरिया की किल्लत नहीं है। खपत के लिहाज से दो दिन के अंदर करीब 56 सौ मीट्रिक टन यूरिया मिल चुकी है। किसानों को जिंक जबरन दिया जाता है, ऐसा कोई मामला सामने नहीं आया है, फिर भी हकीकत का पता करेंगे।- मनोज रावत, जिला कृषि अधिकारी
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इफ्को यूरिया की एक रैक उझानी रैक प्वाइंट पर सोमवार शाम पहुंची। रैक में करीब 26 सौ मीट्रिक टन यूरिया है। इससे एक दिन पहले यारावीरा यूरिया की पहली रैक सोमवार दोपहर तक अनलोड हो चुकी थी। यारावीरा की रैक में करीब तीन हजार मीट्रिक टन यूरिया है।
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कृषि विभाग की ओर से पहली रैक की यूरिया के आवंटन की प्रक्रिया सोमवार दोपहर तक पूरी कर ली गई थी। इफ्को रैक की यूरिया का आवंटन मंगलवार शाम तक चला। दोनों रैक के करीब 20 फीसदी यूरिया सहकारी समितियों और बाकी की यूरिया व्यवसायिक अधिकृत प्रतिष्ठानों के लिए आवंटित कर दी गई है।
बता दें कि पिछले सप्ताह से जिले में यूरिया की जबरदस्त किल्लत बताई जा रही थी। किसानों को गेहूं और आलू की फसल में जरूरत के हिसाब से यूरिया के बोरे नहीं मिल पा रहे थे। दो दिन के अंदर दो रैक अनलोड हो जाने से किसानों को यूरिया की किल्लत से रूबरू नहीं होना पड़ेगा। इन दिनों गेहूं और आलू की फसल के लिए यूरिया की सबसे ज्यादा आवश्यकता बनी हुई है।
लगेज में जिंक और जाइम देने का शोर
यूरिया का प्रति बोरा 266.50 रुपया का रेट है। समितियों समेत अधिकृत व्यवसायिक प्रतिष्ठानों के लिए आवंटन भी इसी रेट पर होता है। इसके बाद किसानों को अधिकतर व्यवसायिक प्रतिष्ठानों से यूरिया के साथ लगेज के रूप में जिंक या फिर जाइम बेचे जाने का शोर भी मचता है। किसान यशपाल ने बताया कि पिछले दिनों यूरिया के दो बोरे खरीदे तो उन्हें जिंक के पैकेट जबरन थमा दिए गए। उन्हें यूरिया के 266.50 रुपये के अलावा एक सौ रुपये जिंक के लिए अतिरिक्त चुकाने पड़ गए। पिछले दिनों रैक प्वाइंट के पास ही जिंक और जाइम के पैकेट रखे नजर आए थे।
जिले में यूरिया की किल्लत नहीं है। खपत के लिहाज से दो दिन के अंदर करीब 56 सौ मीट्रिक टन यूरिया मिल चुकी है। किसानों को जिंक जबरन दिया जाता है, ऐसा कोई मामला सामने नहीं आया है, फिर भी हकीकत का पता करेंगे।- मनोज रावत, जिला कृषि अधिकारी
